स्वच्छ सर्वेक्षण-2022 : सामाजिक आयोजनों से निकलने वाले वेस्ट मैनेजमेंट पर भी मिलेंगे अंक

स्वच्छ सर्वेक्षण-2022 : सामाजिक आयोजनों से निकलने वाले वेस्ट मैनेजमेंट पर भी मिलेंगे अंक
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इस बार 1500 अंकों की स्वच्छता र्स्वेक्षण में बढ़ोत्तरी कर इसे 7500 अंकों का कर दिया गया है जबकि पिछले सर्वेक्षण में 6000 अंकों के आधार पर रैंकिंग दी गई थी। इस बार शादी, विवाह व धार्मिक आयोजन के कचरे की मैनेजमेंट भी शामिल है।

हरिभूमि न्यूज : जींद

केंद्रीय आवास और शहरी मंत्रालय ने स्वच्छता सर्वेक्षण का सातवां संस्करण स्वच्छ सर्वेक्षण-2022 की शुरुआत कर दी है। इस बार आजादी की 75वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है। जिसके चलते सर्वे में स्वच्छ सर्वेक्षण को लेकर कुछ नए बदलाव भी शामिल किए गए हैं।

इस बार 1500 अंकों की स्वच्छता र्स्वेक्षण में बढ़ोत्तरी कर इसे 7500 अंकों का कर दिया गया है जबकि पिछले सर्वेक्षण में 6000 अंकों के आधार पर रैंकिंग दी गई थी। इस बार शादी, विवाह व धार्मिक आयोजन के कचरे की मैनेजमेंट भी शामिल है। इसमें कम से कम कचरा निकलने के लिए प्रयास हो रहा है कि नहीं। इसमें सिटीजन की भागीदारी के 30 प्रतिशत अंक निर्धारित किए गए हैं। वहीं सबसे 'यादा 1000 अंक शहर की सुविधाओं के विकास पर है। इसके अलावा कोरोना वेस्ट मैनेजमेंट, सामाजिक और धार्मिक आयोजनों से निकलने वाले वेस्ट का मैनेजमेंट पर भी अंक मिलेंगें। वहीं सर्विस लेवल प्रोग्रेस पर स्वच्छता सर्वेक्षण में 'यादा बल दिया गया है। स्वच्छता के लिए जिला प्रशासन ने शहर में सुविधाओं और व्यवस्थाओं में किस तरह से कितनी बढ़ोत्तरी की और शहर से निकलने वाले वेस्ट मैनेजमेंट में क्या अंतर आया है और शहरवासियों के जीवन में उनसे क्या बदलाव आया है इसको भी जांचा जाएगा।

अब तक जींद की यह रही है रैंकिंग

जींद की बात की जाए तो वर्ष 2017 में 265 अंक, वर्ष 2018 में 272, वर्ष 2019 में 223 तथा वर्ष 2020 में पहले से भी पिछड़ते हुए केवल 168 अंक प्राप्त किए थे। ऐसे में अगर जींद शहर को अच्छी रैंकिंग पर लेकर आना है तो नगर परिषद के अलावा स्थानीय लोगों को बहुत अधिक मेहनत करनी होगी। लोगों को वैस्ट मैनेजमेंट के फंडे को समझना होगा साथ ही फीडबैक भी देनी होगी। अगर ऐसा संभव हो पाया तो जींद स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 में अच्छी रैंकिंग हासिल कर पाएगा।

प्रतिदिन निकलता है 50 से 60 मीट्रिक टन

जींद की बात की जाए तो यहां प्रतिदिन 50 से 60 मीट्रिक टन कचरा निकलता है। स्वच्छता सर्वेक्षण में जींद शहर बेहतर पायदान पर आ सके इसके लिए नगर परिषद को डोर टू डोर कचरा कलेक्शन पर और अधिक ध्यान देने की जरूरत होगी। इसके अलावा शहर की स्वच्छता को लेकर विशेष ध्यान देना होगा। इस समय शहर के हर चौक-चौराहे व मुख्य मार्गों , गली मोहल्लों के मुहानों पर गंदगी देखी जा सकती है। इस बार अंक को बढ़ाने के लिए डोर टू डोर कलेक्शन पर भी जोर है। जिसे कूड़ा सड़कों पर ना फेंका जाए।

कोरोना वेस्ट मैनेजमेंट के भी मिलेंगे अंक : मोहन भारद्वाज

नगर परिषद के मुख्य सफाई निरीक्षक मोहन भारद्वाज ने बताया कि स्वच्छ सर्वेक्षण 6000 सर्विस लेवल प्रोग्रेस के तीन हजार, सिटीजन वॉयस के 2250 और सर्टिफिकेशन के 2250 निर्धारित हैं। कोरोना वेस्ट मैनेजमेंट, सामाजिक कार्यक्रमों के वेस्ट मैनेजमेंट पर भी अंक मिलेंगे। इसी पर नगर परिषद पहले से काम कर रही है। कोरोना मैनेजमेंट के लिए 200 अंक होंगे। कोविड-19 के मद्देनजर इस बार मॉनिटरिंग और रिकॉर्ड भेजने की प्रक्रिया डिजिटल तौर पर करनी होगी। कोरोना मैनेजमेंट को सिटीजन फीडबैक सेक्शन में रखा गया है। इसके साथ ही बाजारों में स्पेशल सफाई अभियान चलाया जाएगा।

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