शहीद जयपाल काे नम आंखों से दी अंतिम विदाई, सैल्यूट करके पत्नी बोली : बेटे को भी भेजूंगी फौज में

शहीद जयपाल काे नम आंखों से दी अंतिम विदाई, सैल्यूट करके पत्नी बोली : बेटे को भी भेजूंगी फौज में
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टोहाना खंड के गांव हंसेवाला निवासी नायक जयपाल गिल जम्मू के कुपवाड़ा में आतंकवादियों के सर्च ऑपरेशन के दौरान जयपाल शहीद हो गए थे। वे 2009 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे जिनका करीब साढ़े 6 साल पहले विवाह हुआ था और उनका 5 साल का बेटा है।

हरिभूमि न्यूज. फतेहाबाद/टोहाना

जम्मू के कुपवाड़ा में आतंकियों के सर्च ऑपरेशन के दौरान शहीद हुए टोहाना खंड के गांव हंसेवाला निवासी नायक जयपाल गिल का गांव में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान परिजनों, प्रशासनिक अधिकारियों व गांव में बड़ी संख्या में जमा हुए ग्रामीणों ने नम आंखों से शहीद को विदाई दी। सभी गांववासियों की आंखें नम हो गई और पूरा माहौल वंदे मातरम के जयकारों से गूंज उठा। जम्मू के कुपवाड़ा में आतंकवादियों के सर्च ऑपरेशन के दौरान जयपाल शहीद हो गए थे।

इस दौरान हरियाणा सार्वजनिक उपक्रम ब्यूरो के चेयरमैन सुभाष बराला, टोहाना विधायक देवेंद्र सिंह बबली के भाई विनोद बबली, प्रशासन की ओर से एसडीएम चिनार चहल, डीएसपी बिरम सिंह, तहसीलदार रमेश कुमार, बीडीपीओ नरेंद्र कुमार आदि अन्य अधिकारियों ने पहुंचकर नायक जयपाल गिल के पार्थिव शरीर पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी। शहीद जयपाल गिल का तिरंगे में लिपटा हुआ शव सुरेवाला चौक पहुंचा तो क्षेत्र वासियों ने जय जवान के नारे के साथ उनके शव पर फूलों की वर्षा की। शहीद के 5 वर्षीय पुत्र ने अपने शहीद पिता को मुखाग्नि दी। सेना के जवानों द्वारा उनको गार्ड ऑफ आनर भी दिया गया। उल्लेखनीय है कि 30 वर्षीय शहीद जयपाल वर्ष 2009 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे जिनका करीब साढ़े 6 साल पहले विवाह हुआ और एक 5 साल का बेटा भी है। जयपाल के पिता वेद प्रकाश गांव में खेती बाड़ी करते हैं तथा मां गृहिणी है। वहीं जयपाल का बड़ा भाई मनोज बॉक्सर है, जो परिवार के साथ रहता है।

शहीद की पत्नी ने सैल्यूट करके कहा : बेटे को भी फौज में भेजूंगी

शहीद की पत्नी पूजा रानी ने कहा कि मुझे मेरे पति की शहादत पर गर्व है और मैं अपने बेटे को भी सेना में भेजूंगी। इसके बाद अपने शहीद पति को सैल्यूट करते हुए उनकी आंखें नम हो गई। शहीद की मां पतासो देवी ने कहा कि मुझे अपने बेटे की शहादत पर गर्व है और मैं अपने पोते को भी आगे पढ़ा लिखाकर सेना में भेजूंगी और सभी से अपील करती हूं कि सभी माताएं अपने एक-एक सपूत को देश की रक्षा के लिए सेना में जरूर भेजें।

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