अंबाला में 60 साल पुराना मंदिर तोड़ने का मामला हरिद्वार तक पहुंचा, संतों ने दी आंदोलन की चेतावनी

हरिभूमि न्यूज. अंबाला
अंबाला छावनी में करीब 60 साल पुराने हनुमान मंदिर को तोड़ने का मामला पूरी तरह गरमा गया है। मंदिर तोड़ने की घटना को लेकर शनिवार को हरिद्वार में कई संत एकजुट हुए। इन संतों में जूना अखाड़े के पूर्व सचिव स्वामी देवानंद, हिंदू रक्षा सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महामंडलेश्वर प्रबोधन गिरी महाराज, संत शिरोमणि बाबा बलराम दास, हट योगी उदासीन अखाड़ा के बाबा कमलदास महाराज समेत कई संतों ने राज्य सरकार से तुरंत मंदिर तोड़ने वाली महिला के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने की मांग की।
हरिद्वार में इन संतों ने मीडिया के सामने पूरा मामला रखा। संतों ने कहा कि हनुमान जी सभी सनातनी हिंदुओं व संतों के आराध्य देव हैं। स्वामी देवानंद महाराज ने कहा कि हिंदू धर्म को मानने वाले लोग हनुमान जी को दंडवत होकर प्रणाम करते हैं। मगर अंहकार में डूबी एक महिला ने अंबाला छावनी में प्राचीन हनुमान मंदिर को तोड़कर हिंदुओं की आस्था पर कुठाराघात किया है। उन्होंने कहा कि मंजू नांदरा नाम की महिला ने जमीन हड़पने व आर्थिक फायदे के लिए यह काम किया है। उनका आरोप है कि यहां पूजा अर्चना करने आए लोगों की कार्य में महिला ने बाधा पहुंचाई साथ ही यहां चढ़ाए गए प्रसाद को भी फेंक दिया गया।
उन्होंने बताया कि परशुराम चौक के पास जब से सड़क को फोरलेन करने का काम शुरू हुआ है तभी से यह महिला नप अधिकारियों से मिलकर इस मंदिर को तोड़ने की साजिश रच रही थी। हनुमान मंदिर की रक्षा के लिए शिवसेना, विश्व हिंदू परिषद, परशुराम सेवा दल, प्रभु राम वाहिनी व सनातन धर्म सभा से जुड़े रामभक्तों ने मंगलवार को यहां प्रसाद चढ़ाया था। पर महिला ने न केवल उस प्रसाद को फेंक दिया बल्कि दोबारा निर्माण के लिए लगाई गई ईंटों को भी हटा दिया। संतों ने कहा कि मामले की शिकायत एसएचओ कैंट को दी कई थी लेकिन अभी तक पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। संतों ने साफ कहा कि जब तक महिला के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती तब तक हिंदू समाज से जुड़े लोग चुप नहीं बैठेंगे। जरुरत पड़ी तो इसके लिए बड़े आंदोलन की भी घोषणा की जाएगी।
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