हरियाणा विधानसभा में गूंजा बिल्डिंगों में घटिया सामग्री लगाने व गोलमाल का मामला, IIT इंजीनियर की कमेटी होगी गठित

हरियाणा विधानसभा में गूंजा बिल्डिंगों में घटिया सामग्री लगाने व गोलमाल का मामला, IIT इंजीनियर की कमेटी होगी गठित
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हरियाणा में बिल्डिंगों के संबंध में आ रही शिकायतों का स्ट्रक्चर ऑडिट कराया जाएगा और इसके लिए आईआईटी इंजीनियर की कमेटी गठित की जाएगी। इसके अलावा, स्ट्रक्चर इंजीनियरिंग के लिए किसी एक एजेंसी को सूचीबद्ध किया जाएगा और थर्ड पार्टी निरीक्षण भी किया जाएगा।

हरियाणा में बिल्डिंगों के संबंध में आ रही शिकायतों का स्ट्रक्चर ऑडिट कराया जाएगा और इसके लिए आईआईटी इंजीनियर की कमेटी गठित की जाएगी। इसके अलावा, स्ट्रक्चर इंजीनियरिंग के लिए किसी एक एजेंसी को सूचीबद्ध किया जाएगा और थर्ड पार्टी निरीक्षण भी किया जाएगा। बिल्डिंगों के संबंध में किसी भी समस्या और दिक्कत होने पर दोषियों को बख्शा नही जाएगा और सख्त कार्रवाई की जाएगी। हरियाणा विधानसभा में चल रहे सत्र के दौरान लगाए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के संबंध में मुख्यमंत्री की ओर से कृषि मंत्री जेपी दलाल आज उत्तर दे रहे थे।

उन्होंने बताया कि विभाग 1975 से लाइसेंस दे रहा है और हाई राइज बिल्डिंग ( ग्रुप हाउसिंग कॉलोनी के लिए पहला लाइसेंस वर्ष 1982 में दिया गया था । विभाग राज्य में लगभग 442 लाइसेंस ग्रुप हाउसिंग ( हाईराइज बिल्डिंग ) कॉलोनी स्थापित करने के लिए प्रदान कर चुका है । इसी तरह विभाग लगभग 345 लाइसेंस वाणिज्यिक परिसर / कॉलोनी के लिए सन 1997 से अब तक जारी कर चुका है। लाइसेंस जारी करने के प्रारंभिक दिनों में पंजाब अनुसूचित सड़कों और नियंत्रित क्षेत्रों के तहत निर्धारित भवन उपनियत अनियमित विकास प्रतिबंध नियम, 1965 में भवन योजना की स्वीकृति को समय योग्य संरचना अभियंता से संरचनात्मक स्थिरता प्रमाण पत्र प्राप्त करने का प्रावधान नहीं था।

हालांकि, समय बीतने के साथ - साथ , नियम 1965 को दिनांक 11.04.2007 को संशोधित किया गया और तदानुसार विभाग ने योग्य संरचना अभियंता द्वारा विधिवत सत्यापित भवन योजनाओं के अनुमोदन के समय संरचनात्मक डिजाइन ( रिकॉर्ड उद्देश्य के लिए ) के साथ संरचनात्मक स्थिरता प्रमाण पत्र के लिए जोर देना शुरू कर दिया। संरचना अभियंता यह प्रमाणित करता है कि संरचना राष्ट्रीय भवन संहिता और संबंधित भारतीय मानक कोड ब्यूरो के प्रावधानों के अनुसार डिजाइन किया गया है । विभाग संरचना अभियंता का प्रमाण पत्र प्राप्त करने के बाद ग्रुप हाउसिंग और कमल कॉम्प्लेक्स की लगभग 385 कॉलोनियों का व्यवसाय प्रमाण पत्र प्रदान कर चुका है , जिसमें उन्होंने यह प्रमाणित किया है कि भवन का निर्माण उस समय संरचना अभियंता द्वारा अनुमोदित संरचनात्मक डिजाइन के अनुसार किया गया है जो कि भवन योजना के अनुमोदन के समय दिया था ।

बहुमंजिला इमारतों में घटिया सामग्री के उपयोग की शिकायतें मिली

जेपी दलाल ने बताया कि विभाग को एनसीआर कस्बों में बहुमंजिला इमारतों में घटिया सामग्री के उपयोग के संबंध में शिकायतें प्राप्त हुई हैं । जिसमें गुरुग्राम मे 58, फरीदाबाद मे 2, , सोनीपत में 1 और झज्जर में 3 है। उन्होंने बताया कि झज्जर के मामले में 3 शिकायते ( ओमेक्स सिटी सेक्टर 15 बहादुरगढ़) इमारतों के निर्माण में घटिया सामग्री के उपयोग के संबंध में प्राप्त हुई थी तथा वरिष्ठ नगर योजनाकार रोहतक के साथ इस संबंध में एक समिति गठित की गई। समिति ने मामले की जांच पड़ताल करने के पश्चात सिफारिश की कि जब तक शिकायत का समाधान नहीं हो जाता तब तक परियोजना का अंतिम समापन जारी नहीं किया जाएं तथा यह भी सिफारिश की गई थी कि भवन योजना के अनुमोदन के समय प्रस्तुत किए गए संरचनात्मक डिजाइन को भी संरचना अभियंता आईआईटी दिल्ली या एनआईटी, कुरुक्षेत्र द्वारा क्रॉस -चेक किया जाए। संरचना अभियंता डॉ एच के शर्मा द्वारा संरचना आडिट किया गया और उसके दिशा - निर्देशों के अनुसार सुधार का कार्य प्रगति पर है तथा विभाग ने अभी तक पूर्णता प्रमाण पत्र जारी नहीं किया है।

कमेटी तीन महीने में अपनी रिपोर्ट देगी

उन्होंने बताया कि गुरुग्राम में उठाए गए कदम के तहत चिनटेल पैराडिसों सेक्टर 109 गुरुग्राम में दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद आवंटियों की सुरक्षा के लिए निम्नलिखित कदम उठाए गए है जसके तहत जिलाधीश, गुरुग्राम ने दिनांक 24.02.2022 को अतिरिक्त जिलाधीश, गुरुग्राम की अध्यक्षता में एक समिति गठित की जो कि आईआईटी दिल्ली द्वारा नियुक्त विशेषज्ञ टीम के साथ समन्वय करेंगी तथा इस दुर्घटना के मूल कारण का पता लगाएगी और भविष्य में इस तरह की दुर्घटना से बचने के लिए भी सुरक्षा उपायों क सुझाव देगी। कमेटी तीन महीने में अपनी रिपोर्ट देगी। उन्होंने बताया कि विभाग ने शिकायतों की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए आईआईटी रुड़की द्वारा गुरूग्राम में पांच परियोजनाओं में संरचना लेखा परीक्षा का भी आदेश दिया है । इसके अलावा डी.टी.पी. गुरुग्राम को उन परियोजनाओं को सूचीबद्ध करने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं जहां घटिया सामग्री के उपयोग के संबंध में शिकायतें प्राप्त हुई है , जोकि ऊंची इमारतों में दरारे/सीपेज का कारण बनती है। इसके इलावा, विभाग के पास जिला नगर योजनाकार ( सहित प्रत्येक जिले और वरिष्ठ नगर योजनाकार सर्किल सतर पर जिसमें एक से अधिक जिले शामिल होते है को लगाया गया है जहाँ ऐसी शिकायतों सहित समस्याओं का निवारण किया जाता है।


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