Mausam Ki Jankari : पश्चिमी विक्षोभ के कारण उत्तर भारत के कई राज्यों में बारिश के आसार, शुरू होगी कड़ाके की ठंड

Mausam Ki Jankari : हरियाणा व दिल्ली-एनसीआर समेत समूचे उत्तर भारत ( North India ) में गुलाबी ठंड का दौर अब खत्म होने वाला है और कड़ाके की सर्दी ( cold winter ) आने को तैयार है। दिसंबर के शुरूआत से ही मौसम गतिशील और परिवर्तनशील हो गया है, बादलों ने पूरे इलाके पर अपना डेरा जमा लिया है। 1-2 दिसंबर को सिमित क्षेत्रों में ( हरियाणा में इस सिस्टम से कहीं भी बारिश नहीं होगी और अधिकतर क्षेत्र शुष्क रहेंगे क्योंकि वेस्टर्न डिस्टरबेंस कश्मीर पर ज्यादा सक्रिय हैं जिससे भारी मात्रा में हिमपात होगा ) हरियाणा पर केवल बादल छाए रहेंगे। इस सिस्टम का प्रभाव गुजरात, राजस्थान और उत्तर प्रदेश मध्यप्रदेश और सिमित क्षेत्र दक्षिणी दिल्ली एनसीआर ( Delhi Ncr ) पर हल्की फुल्की बारिश होने की संभावनाएं बन रही हैं।
5-6 दिसंबर को हरियाणा, एनसीआर दिल्ली, पंजाब के अधिकतर क्षेत्रों पर बारिश ( Rain ) होने संभावनाएं बन रही हैं और कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि ( hailstorm ) और इसके अलावा पर्वतीय इलाकों पर भारी मात्रा में हिमपात ( snow ) की वजह से अधिकतम और न्यूनतम तापमान में गिरावट आएगी। पश्चिमी विक्षोभों ( western disturbances ) के असर से पहाड़ों पर होने वाली बर्फबारी का असर भी उत्तर भारत के राज्यों पर साफ दिखाई देगा। हरियाणा, दिल्ली- एनसीआर ही नहीं, पंजाब, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में भी सप्ताह भर के अंतराल में न्यूनतम तापमान पांच से छः डिग्री तक हो जाने के आसार हैं।
राजकीय महाविद्यालय नारनौल के पर्यावरण क्लब के नोडल अधिकारी डॉ चंद्र मोहन ने बताया इस बार ला-लीना सक्रिय मौसम प्रणाली के प्रभाव से भारत देश में 15 जून से लेकर दिसम्बर तक लम्बे समय अंतराल के दौरान मानसून की वापसी के बाद भी देश के आधे से अधिक भागों में बारिश हो रही है। इस बार दिसंबर, जनवरी और फरवरी में न केवल कड़ाके की ठंड पड़ेगी, बल्कि कोहरा कोहराम मचाएगा और ठंड आमजन को परेशान करेगी। बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में क्रमशः लो प्रेशरएरिया और चक्रवात जैसे सक्रिय मौसम प्रणाली के द्वारा और वैस्टर्न डिस्टरबेंस के मिलन से 5-6 दिसंबर के दौरान होगी अच्छी बारिश, भारी मात्रा में हिमपात और सिमित इलाकों मेंओलावृष्टि भी होने की संभावनाएं बन रही है। जिसकी वजह से ठंड में असमान्य इज़ाफ़ा होगा।
जाहिर है इसके बाद हरियाणा, दिल्ली-एनसीआर के लोगों को कड़ाके की ठंड से रूबरू होना पड़ेगा। तेज हवा भी करेगी ठंड में और अधिक इजाफा वहीं, खास बात यह कि इस पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के दौरान ही पंजाब और हरियाणा के ऊपर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र भी बनेगा। जिसकी वजह से पूरा मैदानी इलाका शीत लहर की चपेट में होगा। वर्तमान में इस बारिश और पवनो की गति और दिशा बदलने से हरियाणा और दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता सूचकांक ( air quality index ) में सुधार होगा। पहाड़ों पर होने वाली बर्फबारी की ठंडक वाली हवाओं की दिशाएं उत्तरी हो जाएगी और पवनो की गति बढ़ जाएगी तब शीत लहर से आमजन की समस्या भी बढ़ेगी। माह के दूसरे सप्ताह तक न्यूनतम तापमान छह से सात डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है। 10 दिसंबर के बाद कोहरा में बढ़ोतरी होगी उसके बाद कोहरा कोहराम मचाएगा और धूंध कोहरा ( स्माॉग ) आमजन को एक बार फिर से परेशान करेगा।
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