Mausam Ki Jankari : हरियाणा में नौ जुलाई तक पहुंच सकता है मानसून, देखें मौसम पूर्वानुमान

हरिभूमि न्यूज : हिसार
मानसून की उत्तरी सीमा 19 जून से अब तक बाड़मेर, भीलवाड़ा, धौलपुर, अलीगढ़, मेरठ, अम्बाला, अमृतसर पर ही बनी हुई है। मॉनसून टर्फ रेखा हिमालय की तलहटियों की तरफ बढ़ी हुई है। पिछले तीन-चार दिनों से टर्फ रेखा दक्षिण की ओर थोड़ी सी नीचे आने पर हरियाणा में उत्तरी व दक्षिण पाश्चिमी जिलों में धूलभरी हवाएं व गरज चमक के साथ कहीं-कहीं प्री मॉनसून बारिश हुई। भारत मौसम विज्ञान विभाग से प्राप्त आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि 1 जून से 5 जुलाई के बीच हरियाणा में 56.5 मिलीमीटर बारिश हुई है जो सामान्य ( 64मिलीमीटर ) से 12 प्रतिशत कम दर्ज हुई है।
मौसम पूर्वानुमान :-
चौधरी चरणसिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कृषि मौसम विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ मदन खीचड़ ने बताया कि हरियाणा राज्य में 8 जलाई तक मौसम आमतौर पर परिवर्तनशील, गर्म परन्तु नमी वाला वातावरण बने रहने की संभावना है। इस दौरान उत्तरी व दक्षिण पाश्चिमी क्षेत्रों में कहीं-कहीं बीच-बीच में आंशिक बादल, धूल भरी हवाएं चलने व कुछ एक स्थानों पर छिटपुट बूंदाबांदी होने की संभावना है, परन्तु 9 जुलाई से मानसून के आगे बढ़ने की अनुकूल परिस्थितियां बनने की संभावना से राज्य में ज्यादातर क्षेत्रों में 9 जुलाई रात्रि से 12 जुलाई के बीच हवाएं चलने और गरज-चमक के साथ बारिश की संभावना है।
मौसम आधारित कृषि सलाह
1. खरीफ फसलों, सब्जियों व फलदार पौधों में यदि आवश्यक हो तभी सिंचाई करें।
2. अगले तीन दिनों में यदि पानी उपलब्ध हो तो धान की पौध की रोपाई सुबह व सांय ही करें तथा बारिश आने पर पौध की रोपाई जारी रखें।
3. नरमा कपास व अन्य फसलों में स्प्रे करते समय बदलते मौसम का ध्यान अवश्य रखें।
4.ग्वार बाजरा आदि फसलों की बिजाई के लिए उत्तम किस्मों के प्रमाणित बीजों का प्रबंध करें तथा खेतों को तैयार करे ताकि अच्छी बारिश होने पर बिजाई की जा सके।
5. मानसून की बारिश की संभावना को देखते हुए हरियाणा सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त नर्सरी या विश्वविद्यालय के उधान विभाग की नर्सरी से उत्तम किस्मों के फलदार पौधों को लेकर अपने खेतों में पौधे अवश्य लगाएं।
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