Mausam Ki Jankari : ला-नीना के प्रभाव से इस बार उत्तरी राज्यों में रिकॉर्ड तोड़ेगी सर्दी, देखिए मौसम विभाग की भविष्यवाणी

Mausam Ki Jankari : ला-नीना के प्रभाव से इस बार उत्तरी राज्यों में रिकॉर्ड तोड़ेगी सर्दी, देखिए मौसम विभाग की भविष्यवाणी
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वर्तमान में हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, एनसीआर- दिल्ली पर एक हल्का वेस्टर्न डिस्टरबेंस प्रणाली के प्रभाव से हल्की बादलवाही हो रही है। इस प्रणाली से बारिश नहीं आएगी, इसी प्रकार दक्षिण भारत के राज्यों में मूसलाधार बारिश हो रही है, क्योंकि बंगाल की खाड़ी में डिप डिप्रेशन एरिया और अरब सागर में लो प्रेशर एरिया मौसमी प्रणाली बनी हुई है।

ला-नीना ( La Nina ) मौसमी प्रणाली के प्रभाव से इस बार शीत ऋतु ( Winter ) अपना रिकॉर्ड तोड़ेगी और उत्तरी भारत के राज्यों पर अगले सप्ताह के अंत तक शीत लहर चलने की प्रबल संभावनाएं हैं। पूरे उत्तरी भारत के राज्यों में अधिकतम व न्यूनतम तापमान में लगभग चार से पांच डिग्री सेल्सियस की कमी आने की संभावना है। वर्तमान में हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, एनसीआर- दिल्ली पर एक हल्का वेस्टर्न डिस्टरबेंस प्रणाली के प्रभाव से हल्की बादलवाही हो रही है। इस प्रणाली से बारिश नहीं आएगी, इसी प्रकार दक्षिण भारत के राज्यों में मूसलाधार बारिश हो रही है, क्योंकि बंगाल की खाड़ी में डिप डिप्रेशन एरिया और अरब सागर में लो प्रेशर एरिया मौसमी प्रणाली बनी हुई है। दो-तीन दिनों के बाद उत्तर भारत के राज्यों से वेस्टर्न डिस्टरबेंस का प्रभाव हट जाएगा और पवनों की दिशा उत्तरी हो जाएगी, जिसकी वजह से शीत लहरों का आधिपत्य उत्तर भारत के राज्यों पर प्रभाव डालना शुरू कर देंगे। अगले सप्ताह तापमान चार या पांच डिग्री तक कम होने की संभावना है।

राजकीय महाविद्यालय नारनौल के एसोसिएट प्रोफेसर डा. चंद्रमोहन ने बताया कि बुधवार को हरियाणा के कैथल जिले में तापमान 10 डिग्री सेल्सियस, यमुनानगर में 10.5 डिग्री, महेंद्रगढ़ में 10.7 डिग्री और नारनौल में 11.5 डिग्री सेल्सियस रहा। आगे यह पारा और नीचे गिरने की संभावना है। हरियाणा, एनसीआर-दिल्ली, उत्तर प्रदेश सहित उत्तर भारत के अधिकतर शहर बुधवार को भी बुरी तरह जहरीली व प्रदूषित हवा के आगोश में शामिल रहे। केंद्रीय पोलूशन कंट्रोल बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार यहां की आबोहवा आमजन के लिए बहुत ही खतरनाक स्तर पर है। बुधवार को गाजियाबाद में 430, कैथल में 409, जींद में 405 व नारनौल के वायु गुणवत्ता सूचकांक में सुधार होकर 215 रह गया है, लेकिन अभी भी यह आमजन के लिए अच्छी स्थिति नहीं है, क्योंकि सामान्य स्थिति 0 से 50 होती है। इसी वजह से इन शहरों में सांस की बीमारी, आंखों की बीमारी, त्वचा संबंधी बीमारी पेशेंट ज्यादा बढ़ रहे हैं। जिसके चलते अस्पतालों में मरीजों की लंबी कतारें देखने को मिल रही है।

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