करनाल में MBBS छात्र ने सिर में गोली मारकर की आत्महत्या, यह वजह आई सामने

करनाल में MBBS छात्र ने सिर में गोली मारकर की आत्महत्या, यह वजह आई सामने
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आर्यमन दो जुड़वा बहनों का इकलौता भाई था। जो बहनों से बारह 13 साल छोटा था। माता पिता ने दो बेटियों के बाद भगवान से मंदिर गुरुद्वारों में पुत्र के लिए माथा टेक मन्नतें मांगी थी। उसके बाद बहनों को एक भाई मिला था।

निसिंग ( करनाल )

निसिंग कस्बे वार्ड नंबर 11 स्थित चोपड़ा कॉलोनी में उस समय सनसनी फैल गई, जब गोली चलने की तेज आवाज के कुछ ही मिनट बाद कपूर अस्पताल के आगे पुलिस की गाड़ी पहुंच गई। घटना करीब 12:30 बजे की है। जिसमें कपूर अस्पताल के मालिक डॉक्टर संजय कपूर के इकलौते बेटे आर्यमन ने पिता की एक नाली लाइसेंसी बंदूक से सिर में गोली मारकर आत्महत्या कर ली। अस्पताल की पहली मंजिल पर एक कमरे में घटित हुई। उस समय घर में मृतक की बहन मौजूद थी। लेकिन कमरे के अंदर से कुंडी लगाने के कारण बहन यह सब नहीं देख पाएगी भाई कमरे में क्या कर रहा है। मौके पर पहुंची पुलिस ने घटना का जायजा लिया।

एफएसएल की टीम ने भी घटनास्थल पर पहुंच अनिवार्य साक्ष्य जुटाए। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए मर्चरी हाउस करनाल भेज दिया। जानकारी के अनुसार आर्यमन बेंगलुरु मैं एमबीबीएस लास्ट ईयर का छात्र था। जो करीब एक माह पहले ही घर आया था। घर पर एक बहन व जीजा भी आया हुआ था। जो पहली मंजिल पर अलग रिहायशी कमरे में बैठे थे। जबकि आर्यमन पिता के कमरे में था। पिता संजय कपूर व माता ग्राउंड फ्लोर पर ओपीडी में मरीजों को देख रहे थे। उसी दौरान गोली चलने की आवाज सुनाई नहीं। लड़की दौड़कर पिता के कमरे की तरफ गई लेकिन उसने अंदर से दरवाजे की चिटकनी लगा रखी थी। फोन पर पिता को सूचित कर बुलाया। उन्होंने दरवाजे को धक्का देकर खोला। अंदर देखा तो बेटे के सिर के चिथड़े उड़े हुए हैं। बेटा कमरे में नीचे पड़ा हुआ है और पूरा कमरा खून से लथपथ है। जिसे देख परिवार के सदस्य सन्न रह गए। ओपीडी के लिए आए मरीजों ने भी ऊपर जाकर देखा तो हैरान रह गए।

मंदिरों गुरुद्वारों में माथा टेक मांगा था इकलौता पुत्र

आर्यमन दो जुड़वा बहनों का इकलौता भाई था। जो बहनों से बारह 13 साल छोटा था। माता पिता ने दो बेटियों के बाद भगवान से मंदिर गुरुद्वारों में पुत्र के लिए माथा टेक मन्नतें मांगी थी। उसके बाद बहनों को एक भाई मिला था। जिसके आत्महत्या करने पर बहन इना और इला का रो रोकर बुरा हाल है। माता और पिता भी बेटे के जाने के बाद खुद को संभाल नहीं पा रहे। उन्होंने बताया कि आर्यमन 1 जनवरी 2000 को पैदा हुआ था।

मानसिक रूप से परेशान था

आर्यमन काफी दिनों से मानसिक रूप से परेशान था। जिसका इलाज भी गुरुग्राम से चल रहा था। जिसके चलते उसने आत्महत्या करने का कदम उठाया पुलिस ने मृतक आर्यमन के पिता की शिकायत पर सीआरपीसी की धारा 144 के तहत कार्यवाही की है। वही लाइसेंसी बंदूक को भी कब्जे में ले लिया युवक का पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया है। मामले की गहनता से जांच की जा रही है। - अजायब सिंह, एसएचओ थाना निसिंग

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