किसानों की चिंता बढ़ी : कपास की फसल पर मिलीबग का कहर, कीटनाशक बेअसर

Bhiwani News : बारिश न होने की वजह से गर्मी व उसम के बढ़ने के चलते कपास की फसल को मिलीबग बीमारी ने अपनी चपेट में ले लिया। बीमारी के चलते 40 फीसदी कपास की फसल (Cotton Crop) में मिली बग बीमारी फैल चुकी है। अगर इसका उपचार नहीं किया गया तो जल्द ही कपास की फसल को पूरी तरह से तबाह कर देगा। दूसरी तरफ किसानों ने अपने स्तर पर उक्त बीमारी से फसल को छुटकारा दिलाने के लिए कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करना आरंभ कर दिया,लेकिन मिलीबग पर सभी तरह की कीटनाशक दवाएं बेअसर साबित हो रही है।
जानकारी के अनुसार जिस दिन से बारिश पर ब्रेक लगे और उमस बढ़नी शुरू हुई है। उसी हिसाब से कपास की फसल को अनेक बीमारी जकड़ने लगी है। फिलहाल नमी की कमी व गर्मी बढ़ने की वजह से कपास की फसल में मिलीबग बीमारी पहुंच गई है। अभी तक खेतों में कपास में करीब 40 फीसदी फसलों को अपनी चपेट में ले चुकी है। रोजाना यह बीमारी बढ़ती जा रही है। अगर इसकी यही गति रही तो वह दिन दूर नहीं कि कपास की फसल को पूरी तरह अपने आगोश में ले लेगी।
धीरे-धीरे सुखाती है कपास के पौधे को
यह बीमारी इतनी खतरनाक है कि एक बार कपास के पौधे पर आने के बाद उसको धीरे-धीरे खत्म ही कर देती है। पहले पौधे की टहनिया और उसके बाद पूरा पौधा सूखने लगता है। ऐसे में न तो पौधे पर टिंडा लगता और न ही आगे कोई फूल आता। पौधे की बढ़वार ही नहीं पूरा पौधा सूख जाता है। अगर उस पौधे पर कोई कीटनाशक दवा का प्रयोग भी करें तो इन कीटों पर दवाई भी बेअसर होती है। क्योंकि यह कीट अपने चारो तरफ से सफेद रंग का पाउडर सा छोड़ता है और वह पौधे का रस चूसने के बाद उस पाउडर में छीप जाता है। उसी पाउडर में कीट अंडे भी देता है और उसके बाद इनकी संख्या में लगातार बढ़ोतरी होती जाती है।
दवाएं बेअसर साबित, किसान परेशान
मौसम में ज्यादा गर्मी व उमस होने के चलते मिली बग बीमारी लगातार फैलती जा रही है। किसान इस बीमारी को रोकने के लिए लगातार दवाओं का छिड़काव कर रहे है,लेकिन वे दवाएं बेअसर साबित हो रही है। इन पर कीटनाशक दवाओं का असर नहीं है। दवाओं का असर न होने की वजह से किसानों की चिंताएं बढ़ गई है। अगर जल्द ही इस बीमारी की रोकथाम नहीं हुई तो आने वाले समय में किसानों को कपास की फसल से हाथ धोने पड़ सकते है।
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