Old Age Pension : दो वर्ष से नहीं लग पाए वृद्ध पेंशन बनवाने के लिए मेडिकल कैंप, बुजुर्ग काट रहे चक्कर

Old Age Pension : दो वर्ष से नहीं लग पाए वृद्ध पेंशन बनवाने के लिए मेडिकल कैंप, बुजुर्ग काट रहे चक्कर
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कोरोना संक्रमण के चलते दो वर्ष पहले ही मेडिकल कैंप लगने बंद हो गए थे। जिसके चलते बुजुर्गों को अब अपनी पेंशन बनवाने के लिए काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मेडिकल लगने की बुजुर्ग प्रतिदिन बाट जोह रहे हैं। अभी तक समाज कल्याण विभाग की तरफ से इन वृद्धों को कोई ठोस जवाब नहीं मिल पा रहा है

.हरिभूमि न्यूज. जींद

वृद्ध पेंशन बनवाने के लिए मेडिकल कैंपों का आयोजन पिछले दो वर्ष से नहीं हो पा रहा है। ऐसे में जिलाभर में पांच हजार से अधिक वृद्ध ऐसे हैं जो इन मेडिकल कैंपों का इंतजार कर रहे हैं। पेंशन बनवाने के लिए ये वृद्ध कभी जिला समाज कल्याण विभाग के चक्कर काट रहे हैं तो कभी जिला मुख्यालय स्थित नागरिक अस्पताल के। बाकायदा विभाग द्वारा एक पेंशन के लिए फार्म दिया जा रहा है जिस पर दो मेडिकल ऑफिसर (एमओ) के हस्ताक्ष करवाए जाने की बात कही जा रही है लेकिन जब ये फार्म लेकर लोग अस्पताल पहुंचते हैं तो उन्हें कोई राह नहीं मिलती है। ऐसे में इन वृद्धों की मांग है कि उन्हें परेशान करने की बाजए पहले की तरह फिर से मेडिकल कैंप लगवाए जाएं ताकि उनकी पैंशन बन सके। फिलहाल जिले में लगभग 1 लाख 18 हजार वृद्ध पेंशन ले रहे हैं। वहीं जिला समाज कल्याण विभाग ने डीसी डा. मनोज कुमार के पास फाइल भेजकर कैंप लगाने की अनुमति मांगी है। अप्रैल महीने में मेडिकल कैंप लगने की पूरी संभावना मानी जा रही है।

उम्र के सत्यापन के लिए लगाए जाते थे मेडिकल

वृद्धा अवस्था पेंशन के लिए उम्र का सत्यापन जरूरी है। ऐसे में जिन वृद्धों के पास उम्र से संबंधित कोई प्रूफ नहीं है उनके लिए ये मेडिकल कैंप लगाया जाता है। इनका मेडिकल से पता लग सकता है कि यह पेंशन योग्य है या नहीं। कोरोना संक्रमण के चलते दो वर्ष पहले ही मेडिकल कैंप लगने बंद हो गए थे। जिसके चलते बुजुर्गों को अब अपनी पेंशन बनवाने के लिए काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मेडिकल लगने की बुजुगंर् प्रतिदिन बाट जोह रहे हैं। अभी तक समाज कल्याण विभाग की तरफ से इन वृद्धों को कोई ठोस जवाब नहीं मिल पा रहा है। वहीं बुजुगोंर् की पेंशन को लेकर विभाग के मुख्यालय की तरफ से कोई गाइडलाइन भी नहीं आई है और कोई नई गाइडलाइन नहीं आने से बुजुर्गों में असमंजस की स्थिति बनी हुई। अब बुजुर्ग शहर में पार्षदों व गांव में सरपंचों के यहां भी जानकरी लेेने के लिए पहुंच रहे हैं।

मार्च 2020 में मेडिकल कैंप लगाया गया था। इसके बाद कोरोना महामारी की शुरुआत हो गई और मेडिकल कैंप लगने बंद हो गए। अभी जिले में कोरोना खत्म हो चुका है। इस समय केवल दो एक्टिव केस हैं। ऐसे में ब्लाक स्तर पर बुजुर्गों की पेंशन के लिए मेडिकल कैंप लगाए जा सकते हैं ताकि भीड़ न हो। जिलेभर के गांवों से बुजुर्ग लघु सचिवालय स्थित समाज कल्याण विभाग के दफ्तर में आकर बार-बार यह पूछ रहे हैं कि मेडिकल कैंप कब लगेगा लेकिन समाज कल्याण विभाग के अधिकारी यह कह कर टाल देते हैं कि शीघ्र ही मेडिकल कैंप लगाए जाएंगे।

नहीं बना पा रही है पेंशन

पटियाला चौक निवासी वृद्ध रिसाला ने बताया कि डेढ़ वर्ष से मेडिकल कैंप नहीं लगा है। उसकी उम्र 60 वर्ष से ऊपर हो चुकी है। अब मेडिकल कैंप लगने की बाट देख रहे हैं। मेडिकल कैंप में जांच होने के बाद ही उसे पेंशन मिलनी शुरू हो सकती है। कई बार समाज कल्याण विभाग के कार्यालय में जा चुके हैं लेकिन कोई जवाब नहीं मिल सका। वहीं सरूपा ने बताया कि उसने अपनी पेंशन बनवाने के लिए कागजात तैयार करवाए हुए हैं लेकिन मेडिकल कैंप नहीं लगने के चलते उसकी बुढ़ापा पेंशन नहीं बन पार रही है। उम्र भी 65 वर्ष हो चुकी है। उनकी प्रशासन से मांग है कि जल्द से जल्द मेडिकल कैंप शुरू किए जाए।

अप्रैल माह में कैंप लगने की संभावना

जिला समाज कल्याण अधिकारी सरोज बाला ने बताया कि कोरोना संक्रमण के चलते मेडिकल कैंपों का आयोजन बंद हुआ था। हालांकि जिन बुजुर्गों के पास जन्मतिथि, अस्पताल से मिलने वाला जन्म प्रमाण पत्र या दूसरे प्रूफ हैं, उनके आधार पर पेंशन बनाई जा रही है। वहीं बुजुर्गों के लिए मेडिकल कैंप आयोजित करने को लेकर अनुमति के लिए उपायुक्त के पास फाइल भेजी गई है। जैसे ही अनुमति मिलेगी, कैंप लगाने की सूचना सार्वजनिक कर दी जाएगी। उम्मीद है कि अप्रैल माह में मेडिकल कैंप आयोजित हो जाए।

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