प्रशासनिक सचिवों के साथ बैठक : सीएम खट्टर बाेले - शिकायतकर्ता की संतुष्टि हर अधिकारी की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए

- नागरिकों से लिया जा रहा फीडबैक, सीएम ने युवक से की फोन पर बात
- जन हित में जनता के सुख के लिए काम करना ही सरकार का ध्येय
Haryana : मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि राज्य सरकार के लिए नागरिकों की समस्याओं व मांगों का समाधान सुनिश्चित करना पहली प्राथमिकता है। इसी कड़ी में 2 अप्रैल से शुरू किया गया जन संवाद कार्यक्रम एक फ्लैगशिप कार्यक्रम है, इसलिए सभी प्रशासनिक अधिकारी जनमानस की शिकायतों व मांगों पर गंभीरता से कार्य करें और शिकायतों का समाधान करते समय शिकायतकर्ता की संतुष्टि ही हर अधिकारी की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। सीएम प्रशासनिक सचिवों के साथ जनसंवाद पोर्टल के संबंध में समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि सरकार का काम नीति निर्माण करना है, लेकिन उसे लागू करने की जिम्मेवारी अधिकारियों की है, इसलिए अधिकारी सुनिश्चित करें कि सरकारी योजनाओं का लाभ पात्र नागरिकों तक पहुंच रहा है या नहीं या लाभ प्राप्त करने में किसी प्रकार की कोई समस्या आ रही है या नहीं। जनता को लाभ देने के लिए यदि नीतियों में बदलाव करना हो, न्यायालय में पैरवी करनी हो या कानून में भी कोई संशोधन करना हो तो सरकार उसके लिए भी तैयार है। सरकार का एकमात्र उद्देश्य जनहित के लिए व जनता के सुख के लिए काम करना है।
युवक से फोन पर की बात, युवक ने कहा सीएम ने अपना वायदा निभाया, हमें राहत दी
बैठक के दौरान एक शिकायत की फीडबैक लेने के लिए प्रतिवेदन देने वाले सतबीर को फोन किया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने सतबीर से बात की। सतबीर ने बताया कि अप्रैल माह में जिला भिवानी के जन संवाद कार्यक्रम के दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री के समक्ष बर्खास्त पीटीआई अध्यापकों की बहाली व उन्हें राहत देने की मांग रखी थी, जिस पर मुख्यमंत्री ने उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया था। बाद में हमें एचकेआरएन के माध्यम से स्कूलों में नियुक्ति दी गई। सीएम साहब ने अपना वादा निभाया है, हमें राहत दी है, इसके लिए हम पीटीआई अध्यापक उनके तहेदिल से आभारी हैं।
मुख्यमंत्री ने दिए सख़्त निर्देश, कोई भी अधिकारी व कर्मचारी शिकायतों का समाधान गलत तरीके से न करे
मुख्यमंत्री ने कहा कि जन संवाद पोर्टल पर दर्ज सभी शिकायतों व मांगों के समाधान होने पर प्रतिवेदन देने वाले व्यक्ति को कन्फर्मेशन सेल द्वारा कॉल करके पूछा जाता है कि क्या वह समाधान से संतुष्ट है या नहीं, इसलिए कोई भी अधिकारी व कर्मचारी गलत तरीके से किसी भी प्रतिवेदन का समाधान न करे। इस पोर्टल पर शिकायत व मांग दर्ज होते ही संबंधित नागरिक को उसकी सूचना एसएमएस के माध्यम से चली जाती है। इसके बाद संबंधित विभाग और अधिकारी द्वारा की जा रही आगामी कार्रवाई की सूचना भी एसएमएस के द्वारा नागरिकों को भेजी जाती है।
प्रशासनिक सचिव लगातार शिकायतों की करें समीक्षा
मुख्यमंत्री ने सभी प्रशासनिक सचिवों को निर्देश देते हुए कहा कि अधिकारी नियमित अंतराल पर जन संवाद पोर्टल को चेक करें और समीक्षा करें कि उनके विभागों में दर्ज कितनी शिकायतों का निराकरण किया गया है। स्कूल, कॉलेज, आईटीआई, खेल स्टेडियम स्थापित करना इत्यादि कार्य जो प्रदेशभर में होने वाले हैं, उनकी विभाग अलग से मैपिंग करवाएं, ताकि जरूरत के अनुसार उन्हें विकसित किया जा सके।
अब तक पोर्टल पर दर्ज 21 हजार शिकायतों में से 10,763 प्रक्रियाधीन
मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव तथा सूचना, लोक संपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग के महानिदेशक डॉ. अमित अग्रवाल ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि अब तक पोर्टल पर 21 हजार शिकायतें/मांगें दर्ज की जा चुकी हैं। इनमें से 14,543 प्रतिवेदनों को विभिन्न विभागों द्वारा आगामी कार्रवाई हेतु फील्ड अधिकारियों को भेजा जा चुका है। इनमें से 10,763 प्रतिवेदनों पर कार्य प्रगति पर है। इसके अलावा अभी तक 2245 शिकायतों का समाधान किया जा चुका है।
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