कंडेला में सम्मान समारोह : मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक का सरकार पर फिर हमला, किसानों को करेंगे एकजुट

हरिभूमि न्यूज : जींद
मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि किसानों इकठ्ठे रहे, अपने सवालों को समझो, फिर लडो। सड़क जाम तथा धरने देना बंद करो। किसी से भीख मत मांगों। अपने को इतना ताकतवर बनाओ कि दूसरे किसानों से भीख मांगें। यह तभी संभव है जब अपनी सरकार बनाओगे और दिल्ली के लाल किले पर झंडा फहराओगे। उनके लिए राज्यपाल पद कोई महत्वपूर्ण नहीं है। कुछ समय बचा है जिसके बाद पूरे भारतवर्ष का दौरा करेंगे और किसानों को एकजुट कर इसकी तरफ कदम बढाएंगे।
मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक रविवार को गांव कंडेला में आयोजित कंडेला खाप एवं माजरा खाप द्वारा आयोजित किसान सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे। खापों द्वारा उन्हें पगडी भेंट की गई और साथ ही किसानों का प्रतीक हल व खापों व भाईचारे की मिसाल हुक्का को भेंट किया गया।
उन्होंने खापों द्वारा दिए गए किसान सम्मान रत्न को ग्रहण करने के बाद उन किसानों को वापस कर दिया जिन्होंने किसान आंदोलन में अपनी जान गंवाई। उन्होंने कहा कि किसान एक साल से ज्यादा वक्त तक सड़कों पर दिल्ली में गर्मी, सर्दी तथा बारिश की परवाह किए बिना डेरा डाले रहा। उन लोगों में खापों के चौधरी भी थे। अबतक के इतिहास में सबसे बड़ा तथा लंबा आंदोलन रहा है। जिसमें किसी प्रकार की हिंसा नहीं हुई। जबकि प्रधानमंत्री का आवास में वहां से मात्र दस किलोमीटर दूर था। 700 किसानों ने शहादत दी। बावजूद इसके सरकार की तरफ से कोई संवेदना प्रकट करने नहीं आया। किसान न्याय के लिए लड रहा था और अपना हक मांग रहा था। भले ही इस मुद्दे पर किसी को शर्म न आई हो लेकिन उन्हें शर्म आई और अपने पद की परवाह किए बगैर किसानों की आवाज को उठाया। उन्हें राष्ट्रपति बनाने तक का लालच दिया गया लेकिन उन्होंने ठुकरा दिया। उन्होंने कभी असूलों से समझौता नहीं किया।
उन्होंने प्रधानमंत्री को साफ कहा था कि अगले लोक सभा चुनाव में कहीं पर दिखाई नहीं दोगे। जब किसानों से आधा अधूरा समझौता कर उन्हें उठा दिया गया। मामला वहीं खड़ा हुआ है जहां पर था। किसान एमएसपी की मांग कर रहा है। खुद भाव तय करने की बात कह रहा है लेकिन प्रधानमंत्री का दोस्त पानीपत में 50 एकड़ में गोदाम बना कर सस्ते भाव में गेहूं खरीदने का सपना पाले हुए है। किसान आंदोलन के दौरान उन्होंने कहा था कि जो लोग शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन चलाए हुए हैं वो वापस नही लौटेंगें। उन्हें सम्माजनक तरीके से घर लौटाना होगा। लाल किला पर निशान साहिब का झंडा फहराने के मुद्दे पर कहा कि वह कोई फैसला कोई गलत नहीं था। जिस निशान साहिब को फहराया गया वह उनका हक था। क्योंकि सिखों के गुरु तेग बहादुर साहिब ने अपनी शहादत वहीं पर दी थी। छोटे-छोटे बच्चों को दीवार में चिनवा दिया गया था। अगर उनका झंडा नहीं फहराया जाएगा तो किसका फहराया जाएगा। जिन्होंने अकाल तख्त पर हाथ उठाया, उसका खामियाजा उन हस्तियों को भुगतना पड़ा। धारा 370 के बारे में कहा कि जब उन्होंने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को खत्म करने का निर्णय लिया तो राजनीतिक तौर पर बवाल मचा।
उन्होंने धारा 370 को खत्म किया। इस मुद्दे को लेकर किसी की जान नहीं गई जबकि मुफ्ती महबूबा खून की नदियां बहने तथा फारूख अबदुल्ला ने कहा था कि कोई देश का झंडा नहीं उठाएगा। उन्होंने धारा 370 को खत्म किया। नेताओं को जेल में डाला लेकिन पीएम ने उन्हें रिहा करवा चाय पिलाई। इस बात से भी वे खुश नहीं थे। उन्होंने कहा कि सबसे पहले राज बदलो, फिर एकजुट होकर अपनी सरकार बनाओ। फिर तुम्हें किसी के सामने भीख मांगने की जरूरत नहीं पड़ेगी। उन्होंने कहा कि खापें हमारी ताकत हैं। जब भी खापों को जरूरत होगी वे उनके साथ खड़े होंगे। उन्होंने आह्वान किया कि लड़कियों की पढ़ाई पर जोर दें। लड़कियां परिवार का ही नहीं बल्कि देश का नाम रोशन कर रही हैं। सामुहिक भोज पर रोक लगाओ, दहेज प्रथा को बंद करो, आपसी विवादों को पंचायतों में बैठ कर सुलझाओ। अब किसान आंदोलन के बाद जो समीकरण बने हैं उसमें एक और एक ग्यारह हो गए हैं।
यूपी चुनाव के बारे में कहा कि अभी तक नतीजे तो नहीं आए हैं लेकिन पश्चिमी यूपी में किसी भी मंत्री को नहीं घुसने दिया गया। केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी को उन्होंने दौड़ते हुए देखा है। जल्दी ही वे पूरे भारतवर्ष का दौरा करेंगे और किसानों को एकजुट कर उनकी सरकार बनाने की कवायद शुरू करेंगे। इस मौके पर कंडेला खाप के प्रधान ओमप्रकाश, माजरा खाप के प्रधान महेंद्र रिढाल, बिनैण खाप के प्रधान नफे नैन, मलिक खाप के अध्यक्ष बलजीत मलिक, जगत सिंह रेढू, रिषिपाल, रणधीर रेढू, ईश्वर रेढू सहित अनेक गणमान्य खाप नेता मौजूद रहे।
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