महम पुलिस का कारनामा : उठाना था किसी और को, उसी नाम के दूसरे युवक को ले आई पुलिस, तबियत बिगड़ी तो खुला राज

हरिभूमि न्यूज महम
महम पुलिस की पीओ टीम का एक नया कारनामा सामने आया है। पुलिस ने एक ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया, जिसका गिरफ्तारी वारंट ही उनके पास नहीं था। जिस व्यक्ति को गिरफ्तार करना था, उसका और गिरफ्तार किए गए व्यक्ति का नाम और पिता का नाम तो मिल रहा था। लेकिन न तो उनका गांव का नाम मिल रहा था और न ही पेशा। जिसको गिरफ्तार किया गया है, वह व्यक्ति महम शहर में रहता है।
हुआ यूं कि भैणी महाराजपुर गांव निवास सुरेश पुत्र रघबीर सिंह ने महम के कॉ ऑप्रेटिव बैंक से ऋण लिया हुआ था। उसने वह ऋण समय पर जमा नहीं करवाया। बैंक ने उसको डिफाल्टर घोषित कर दिया। उसके बाद वह भगौड़ा भी डिक्लेयर कर दिया गया। उसके कागजात महम थाने की पीओ टीम के पास पहुंच गए। पीओ टीम में शामिल पुलिसकर्मी कृष्ण कुमार व कुलदीप ने सैमाण निवासी सुरेश पुत्र रघबीर के पास फोन करने शुरू कर दिए। उसके बाद 14 से 16 सितम्बर तक तीन दिन तक उसके घर दबिश दी गई। जिसके बाद वह टेंशन में आ गया। सैमाण निवासी सुरेश ने अपने भाई गांव के पूर्व सरपंच राजबीर सामणिया के पास फोन किया, जो रोहतक में रहते हैं। उसके बाद उसका रोहतक में उपचार शुरू किया गया। पूर्व सरपंच राजबीर का कहना है कि काफी समझाने के बाद भी पुलिसकर्मी नहीं माने और आखिरकार दोनों पुलिसकर्मी शुक्रवार 17 सितम्बर को सुबह नौ बजे महम स्थित मकान से उठा लाए।
महम थाने में आने के बाद जब ज्यादा विवाद शुरू हुआ तो उसको कॉऑप्रेटिव बैंक के मैनेजर के सामने पेश किया गया। मैनेजर ने पुलिस को बताया कि वे गलत आदमी को उठा लाए। उसके बाद पुलिसकर्मियों ने बैंक मैनेजर पर दबाव बनाया कि इसने भी कोई लोन लिया हुआ होगा, इसके खिलाफ अब कागजात तैयार कर दो। अब ले ही आए हैं तो इसको क्यों छोड़ें, आपके बैंक की रिकवरी भी हो जाएगी। हालांकि गिरफ्तार किए गए सुरेश ने भी इस बैंक से लोन लिया हुआ है। महम पुलिस जब फंसती नजर आ रही है तो बैंक पर इस बात का दबाव बनाया जा रहा है कि इसको अब डिफाल्टर बनाकर गिरफ्तार करवाया जाए। भैणी महाराजपुर का सुरेश कंडक्टर बताया जा रहा है, जबकि सैमाणवासी सुरेश प्रोपर्टी डीलर का काम करता है। सुरेश के परिजनों ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाये हैं। परिजनों ने महम के डीएसपी को इसकी शिकायत दे दी है।
गिरफ्तार किए गए सुरेश व उसके परिजनों ने पुलिस पर सुरेश को टॉर्चर करने का आरोप लगाया है। कहा है कि थाने में सुरेश की हालात खराब हो गई थी, जिसके बाद पुलिस ने ही उसको महम के सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया था। उसके बाद पुलिस उसको मौके से छोड़कर भाग गई। सुरेश ने बताया कि उसे थाने से 3 बजे के बाद छोड़ा गया है। पीड़ित सुरेश ने बताया कि मेरे को तीन दिन से पुलिस परेशान कर रही थी और आज मुझे बगैर कोई नोटिस व बिना किसी वजह से पुलिस ने गिरफ्तार किया और बत्तमीजी पर उतर गए जिसके कारण मेरी तबियत बिगड़ गई।पीड़ित ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगते हुए कहा कि पुलिस को बताने के बावजूद भी मेरी बेज्जती की है और मुझे छाती में अचानक दर्द हो गया। जिसे मेने पुलिस से पानी मांगा तो पानी भी नही दिया।पीड़ित ने कहा पुलिस अधिकारी के खिलाफ उचित कार्यवाही कर सस्पेंड किया जाए।
पीओ टीम से हो गई गलती, सुरेश के साथ किया गया सम्मानजनक व्यवहार : मामले को लेकर महम पुलिस थाना एसएचओ शमशेर सिंह ने बताया कि भैणी महाराजपुर गांव निवासी सुरेश पुत्र रघबीर बैंक डिफाल्टर था। जिसको पुलिस ने गिरफ्तार करना था। गलती से पुलिस की पीओ टीम सैमाण के सुरेश पुत्र रघबीर को उठा लाई। उस व्यक्ति ने भी बैंक से लोन ले रखा है, जिसको पूछताछ करने के बाद छोड़ दिया गया। उसके साथ थाने में सम्मानजनक व्यवहार किया गया। पुलिस पर टॉर्चर करने के आरोप निराधार हैं
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