दहेज लोभियों काे संदेश : शादी में बारातियों को दिया ऐसा तोहफा, हर कोई कर रहा मुक्तकंठ से सराहना

हरिभूमि न्यूज : मंडी अटेली
महेद्रगढ़ जिले में एक गांव के सब इंस्पेक्टर द्वारा दहेज में क्रेटा गाड़ी मांगने पर जिले का नाम जिस तरह से खराब हुआ था, वहीं अब खंड के गांव बजाड़ में दहेज रहित अनूठी शादी रचाकर युवक-युवती एवं उनके माता-पिता ने अनुकरणीय मिसाल पेश की है। शादी में दहेज के नाम पर 51 पौधे तथा 21 पगड़ी ही ली गई हैं। इस विवाह में सभी नेग एक रुपये शगुन स्वरूप लिए गए हैं। विवाह की सबसे बड़ी खास बात यह रही कि दुल्हन के शगुन के कपड़ों के लिए एक संदूक के अलावा घर का कोई भी सामान दहेज में नहीं लिया गया। इस विवाह की पूरे क्षेत्र में मुक्तकंठ से प्रशंसा हो रही है।
दूल्हा जितेंद्र कुमार जहां भौतिकी में अमेठी विश्वविद्यालय से एमएससी है, वहीं दुल्हन प्रीति ने केंद्रीय विश्वविद्यालय जांट-पाली से मनोविज्ञान में स्नातकोत्तर की परीक्षा उत्तीर्ण की हुई है। दूल्हे के पिता नवलकिशोर यादव राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय खंडोडा में प्राचार्य पद से सेवारत हैं। जबकि दुल्हन के पिता सतीश कुमार किसान तथा माता स्नेहलता गृहणी हैं। क्षेत्र में इस दहेज रहित विवाह की मुक्त कंठ से प्रशंसा की जा रही है, जो पर्यावरण एवं बुजुर्गों के सम्मान को समर्पित रहा है।
रेवाड़ी जिले के बावल खंड के गांव मोहनपुर निवासी पूर्व सरपंच रामजीवन के पौत्र जितेंद्र कुमार का विवाह दो दिन पूर्व बजाड़ निवासी सतीश कुमार की पुत्री प्रीति से संपन्न हुआ, जिसमें किसी प्रकार का दहेज के रूप में कोई सामान या नगद राशि नहीं ली गई। इससे पूर्व 7 दिसंबर को लग्न के अवसर पर दहेज में 51 पौधे लिए गए तथा गांव के सबसे उम्र दराज 21 बुजुर्गों का पगड़ी के माध्यम से सम्मान करवाया गया, जिनमें 99 वर्षीय बुजुर्ग पूर्व सरपंच दूल्हे के दादा रामजीवन, बनवारी नंबरदार, कर्नल रोशन सिंह आदि के नाम उल्लेखनीय हैं। गांव बजाड़ निवासी डीपीई जितेंद्र सिंह, रोहताश शास्त्री, हरिप्रकाश, ब्रह्मदत्त मास्टर, राजसिंह, सत्यप्रकाश, सुबेसिंह, डीपीई सुबेसिंह व मंगल सिंह आदि ने इस अनुकरणीय दहेजरहित शादी में बारातियों का पौधों व पगड़ी पहनाकर स्वागत किया।
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