नए पेराई सत्र के लिए मिल कर्मचारियों ने शुरू किया गन्ने का सर्वे, प्रत्येक किसान का रिकार्ड दर्ज होगा

हरिभूमि न्यूज. सोनीपत
सोनीपत शुगर मिल ने भी आगामी नवम्बर माह में शुरू होने वाले नए पेराई सत्र के लिए गन्ने का सर्वे करना शुरू कर दिया है। इस बार गन्ने का सर्वे पूरी तरह से ऑफलाइन तरीके से किया जाएगा। प्रत्येक किसान को संबंधित खेत में बुलाकर रिकार्ड दर्ज किया जाएगा, ताकि किसी किसान का गन्ना कम न दर्ज हो। गन्ने के सर्वे के आधार पर ही किसानों के साथ शूगर मिल बॉडिंग करता हैं। जिले के 148 गांवों में गन्ना उत्पादकों के पास मिल कर्मचारी पहुंचेेंगे।
बता दें कि गत पेराई सत्र के दौरान करीब 2 हजार किसानों के साथ करीब 35 लाख क्विंटल गन्ने की बॉडिंग की थी। जिसके बाद 32 लाख 23 हजार 157 क्विंटल गन्ने की पेराई की गई थी। पिराई सीजन के दौरान करीब 3 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन भी हुआ है। पेराई सत्र के दौरान काफी किसानों ने मिल ने उनका बॉड बढ़ाने की भी मांग की थी। किसानों का आरोप था कि गन्ना अधिक था, परन्तु बॉड कम किया गया है। ऐसे में इस बार शूगर मिल प्रशासन किसी भी प्रकार की लापरवाही नही बरतना चाहता और जमीनी हकीकत में उत्पादित गन्ने का रिकार्ड तैयार करने में जुट गया हैं।
गेंहू, धान की को छोड़ गन्ना उत्पादन की तरफ बढ़ रहे किसान
मौजूदा खरीफ सीजन के दौरान सरकार मेरा पानी-मेरी विरासत योजना को बढ़ावा देने के लिए लगातार जागरूकता अभियान चला रही है। जिसके चलते किसान धान की बजाए गन्ने की फसल उगा रहे हैं। ऐसे में इस बार गन्ने का रकबा पिछले साल की अपेक्षा इस साल 1000 से 1200 एकड़ अधिक हो गया है। शूगर मिल के अंतर्गत जिले के 148 गांव शामिल है। शूगर मिल प्रशासन ने सर्वे करने वाले कर्मचारियों को सख्त निर्देश दिए है कि वे प्रत्येक गांव में पहुंचे और किसान के साथ खेत में पहुंचकर ठीक ढंग से किस्म के हिसाब से गन्ने का रिकार्ड तैयार करे। गन्ने का सर्वे इस बार पूरी तरफ से ऑफलाइन तरीके से ही होगा। हालांकि मिल प्रशासन इसे एप के माध्यम से करना चाहता था।
समय रहते किसानों के गन्ने का सर्वे हो सके और फिर बॉडिंग की प्रक्रिया पूरी की जा सके। ऐसे में जून माह में सर्वें के लिए टीमों का गठन करके उन्हें फील्ड पर भेजा जा रहा है। किसानों का आह्वान है कि वे टीम के साथ रहे और गन्ने का सही रिकार्ड दर्ज करवाएं। किसानों को किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए कारगर कदम मिल प्रशासन द्वारा उठाए जा रहे हैं। मिल कर्मचारियों की टीमें एक-एक गन्ना उत्पादक के पास पहुंचकर रिकार्ड दर्ज करेगी। सुरेन्द्र दून, एमडी, सोनीपत शुगर मिल।
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