अनाज मंडियों में पहुंचने लगा बाजरा : सरकारी खरीद को लेकर अभी तक कोई निर्देश नहीं आए

हरिभूमि न्यूज. जींद
जिले में बाजरे की सरकारी खरीद को लेकर जींद, उचाना, सफीदों व जुलाना मंडी को निर्धारित किया गया है। हालांकि बाजरे की सरकारी खरीद को लेकर कोई निर्देश नहीं आए हैं। एकाध बाजरे की ढेरी मंडी में पहुंच रही है। दो हजार रुपये क्विंटल तक बाजरे की भाव मिल रहे हैं।
बाजरे का समर्थन मूल्य 2350 रुपये प्रति क्विंटल है। पिछले साल सरकार ने बाजरा नहीं खरीदा था और मार्केट में कम रेट होने पर भावांतर योजना के तहत 600 रुपये प्रति क्विंटल किसानों को दिए गए थे। इस बार भी सरकार बाजरे की खरीद करेगी या नहीं इस पर फैसला होना बाकी है लेकिन फिलहाल में मार्केट में बाजरे का भाव दो हजार रुपये से ऊपर चल रहा है। आने वाले दिनों में बाजरे के भाव में और बढ़ोत्तरी हो सकती है। क्योंकि पिछले साल के मुकाबले इस बार बाजरे का रकबा कम है। बाजरे का रकबा घटने का कारण पिछले साल सरकारी खरीद ना होने के साथ-साथ इस बार सामान्य से ज्यादा बरसात भी होना है। नियमित अंतराल में वर्षा होने और जलभराव की वजह से किसानों को बाजरे की बिजाई के लिए समय नहीं मिल पाया। जहां बाजरे की बिजाई होती है, किसानों ने उन खेतों में भी इस बार धान की रोपाइ की है। इस बार 10 हजार हेक्टेयर में ही बाजरे की खेती होने का अनुमान लगाया जा रहा है।
गेहूं का समर्थन मूल्य 2015 रुपये प्रति क्विंटल है। जबकि मंडियों व मार्केट में गेहूं 2050 रुपये तक बिका। उसके बाद गेहूं के भाव 2250 रुपय तक पहुंच गए। आटा चक्की पर उपभोक्ताओं को गेहूं 2400 रुपये प्रति क्विंटल मिल रहा है। गेहूं के भाव बढ़ने के चलते ही इस बार बाजरे के भाव में भी बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।
बाजरे की खरीद को लेकर कोई गाइडलाइन नहीं आई : संजीव कुमार
जींद मार्केट कमेटी सचिव संजीव कुमार ने बताया कि बाजरे की खरीद को लेकर कोई गाइडलाइन नहीं आई है। जींद मंडी बाजरे की खरीद के लिए अलाट है। थोड़ा बहुत बाजरा मंडी में आ रहा है। जो दो हजार रुपये व उससे ऊपर के भाव बिक रहा है। पिछले साल के मुकाबले मार्केट में बाजरे के रेट ज्यादा है।
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