लॉकडाउन में बसों को सवारियां नहीं मिलने से रोडवेज को हर दिन लाखों का नुकसान

लॉकडाउन में बसों को सवारियां नहीं मिलने से रोडवेज को हर दिन लाखों का नुकसान
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कोरोना महामारी से पहले डिपो की लगभग 135 से अधिक बस विभिन्न रूटों पर चलती थी। जिससे करीब 14 लाख रुपये की आमदनी एक दिन में हो रही थी। अब यह आमदनी मात्र 40 हजार रुपये रह गई है। जिससे डिपो को रोजाना करीब 13.60 लाख रुपये का नुकसान हो रहा है। ऐसे में डिपो को अब तक इस लॉकडाउन के 21 दिनों में लगभग 285 लाख रुपये का नुकसान हो चुका है।

हरिभूमि न्यूज : नारनौल

प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण के चलते सरकार ने तीन मई से लॉकडाउन लागू किया था। इसके बाद लॉकडाउन व कोरोना महामारी के चलते बसों में सफर करने वाले यात्रियों की संख्या काफी कम हो गई है। जिसके चलते नारनौल डिपो से मात्र दस बसें ही चलाई जा रही है। यह बस रेवाड़ी, गुरुग्राम, दादरी, महेंद्रगढ़, कनीना व नांगल चौधरी आदि रूट पर चल रही है। ऐसे में जरूरत के हिसाब से ही कर्मचारियों को ट्यूटी पर बुलाया जा रहा है।जबकि लॉकडाउन के बाद से दिल्ली व राजस्थान (जयपुर, झुंझुनू , सिंघाना, बहरोड़, अलवर आदि) रूट पर बसें नहीं चलाई जा रही है।

कोरोना महामारी के चलते रोडवेज बसों में सफर नहीं कर रहे है। हालांकि डिपो की बस सवारियों की संख्या में हिसाब से विभिन्न रूटों पर रोजाना चलाई जा रही है। लेकिन इन बसों को कोरोना के चलते ज्यादा सवारियां नहीं मिल रही है। बसों में केवल वही लोग सफर कर रहे है, जिनकी कुछ मजबूरी है। कोरोना महामारी से पहले डिपो की लगभग 135 से अधिक बस विभिन्न रूटों पर चलती थी। जिससे करीब 14 लाख रुपये की आमदनी एक दिन में हो रही थी। अब यह आमदनी मात्र 40 हजार रुपये रह गई है। जिससे डिपो को रोजाना करीब 13.60 लाख रुपये का नुकसान हो रहा है। ऐसे में डिपो को अब तक इस लॉकडाउन के 21 दिनों में लगभग 285 लाख रुपये का नुकसान हो चुका है।

मात्र 10 बसों का संचालन, 40 हजार इनकम

डीआई ने बताया कि लॉकडाउन में सवारियां नहीं मिलने के कारण नारनौल डिपो से 10 बसें चलाई जा रही है। यह बसें कनीना, महेंद्रगढ़, गुरुग्राम, दादरी व नांगल चौधरी आदि रूटों पर चलाई जा रही है। जिनसे रोजाना करीब 40 हजार रुपये की इनकम हो रही है। लॉकडाउन से पहले सामान्य दिनों में डिपो से करीब 125-135 बसों का संचालन होता है। जिससे डिपो को रोजाना लगभग 14 लाख रुपये की इनकम होती थी।

रोडवेज के 43 चालकों की ड्यूटी एंबुलेंस में लगाई

लॉकडाउन में सरकार के आदेश पर पांच मिनी बसों को एंबुलेंस में बदला गया था। रोडवेज की यह पांच मिनी बसें एंबुलेंस सेवा के लिए 24 घंटे तैयार रहती है। जिनको चलाने के लिए 30 चालकों की ट्यूटी लगाई गई है। इसके अलावा सरकार व प्रशासन के आदेशानुसार 13 रोडवेज चालकों की ट्यूटी नागरिक अस्पताल (108) एंबुलेंस चलाने के लिए लगाई गई है। इसी प्रकार कुल 43 चालक एंबुलेंस चला रहे है।

लॉकडाउन में दिल्ली-राजस्थान जाने वाली बसें बंद

इस बारे में ओमप्रकाश यादव डीआई रोडवेज नारनौल डिपो ने बताया कि सवारियाें की संख्या के हिसाब से बसों का संचालन किया जा रहा है। जिसके चलते डिपो की बसों का परिचालन कम हुआ है। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के बाद से दिल्ली व राजस्थान जाने वाली बसें बंद है। लॉकडाउन के शुरूआत में बस स्टैंड पर सवारियां आने पर जयपुर, दिल्ली, कोटपुतली, बहरोड़, सिंघाना आदि जगह बसें भेजी गई थी। इसके बाद से दिल्ली व राजस्थान में किसी भी रूट पर बसें नहीं जा रही है। इन रूटों पर लॉकडाउन के बाद आगामी आदेश आने पर बसों का संचालन शुरू किया जाएगा।

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