यमुना का सीना चीरकर अरबों रुपये दबाए बैठी खनन कंपनियां, अधिकारियों की मिलीभगत से सरकार को चूना

यमुना का सीना चीरकर अरबों रुपये दबाए बैठी खनन कंपनियां, अधिकारियों की मिलीभगत से सरकार को चूना
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सोनीपत के जैनपुर गांव में चल रही योद्धा माइन्स, टिकोला में चल रही आनंद सिंह एंड कंपनी, असदपुर में चल रही जेल्कोवा बिल्डकॉन प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव और स्टेट विजिलेंस ब्यूरो को शिकायत भेजी गई है।

हरिभूमि न्यूज : सोनीपत

यमुना का सीना चीर कर लाखों-करोड़ों कमा रही खनन कंपनियां बेशक से रेत निकाल रही हों, लेकिन सरकार को चूना लगा रही हैं। वो भी अरबों रुपये का। अधिकारियों की शह पर यह काम हो रहा है। कई बड़ी कंपनियां ऐसी हैं, जोकि करोड़ों रुपये दबाए बैठी हैं, लेकिन मजाल है जो इन कंपनियों से कोई अधिकारी रकम निकलवा रहा हो। बताया गया है कि लगभग 350 करोड़ रुपये खनन कंपनियों ने दबा रखे हैं।

जैनपुर गांव में चल रही योद्धा माइन्स, टिकोला में चल रही आनंद सिंह एंड कंपनी, असदपुर में चल रही जेल्कोवा बिल्डकॉन प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव और स्टेट विजीलेंस ब्यूरो को शिकायत भेजी गई है। शिकायत में खनन विभाग के अधिकारियों पर मिलीभगत के आरोप लगाते हुए इन कंपनियों का खनन बंद करवाने की मांग उठाई गई है।

कैग की रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि सरकार ने यमुना में खनन करने के लिए वर्ष 2015 में पट्टे आवंटित किए थे। जिसके लगभग एक साल बाद ही जेसीबी व पॉकलैन से खनन करने पर कोर्ट ने रोक लगा दी थी। जिससे कई जगह खनन बंद कर दिया गया और जेसीबी से खनन पर रोक लगाए जाने के बाद कई ठेकेदारों ने हर महीने की पट्टे की किस्त जमा करानी बंद कर दी थी। उस समय प्रशासन ने खनन ठेकेदारों पर शिकंजा कस दिया और खनन को बंद करा दिया गया। लेकिन उस समय खनन ठेकेदारों पर करोड़ों रुपये बकाया रह गया था और वह जमा नहीं करके खान को सरेंडर भी कर दिया गया था।

इसके अलावा ऐसे भी ठेकेदार थे, जिन्होंने किस्त 60 लाख होने के बावजूद केवल 10 लाख रुपये महीने सरकार के पास जमा करते रहे और उनपर भी करोड़ों रुपये बकाया था। इस कारण ही जिले के खनन ठेकेदारों पर सरकार का 350 करोड़ से ज्यादा रुपया बकाया था और वह सरकार का इतना रुपया दबाकर बैठे हुए थे। जिनमें कई ने खनन बंद कर दिया था। दो साल पहले इस मामले के उजागर होेने के बाद उम्मीद की जा रही थी कि अब इस मामले में माइनिंग विभाग द्वारा सख्ती बरती जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब फिर से कई मामले सामने आ रहे हैं, जिनमें खुलासा हुआ है कि माइनिंग ठेकेदार किस्त जमा नहीं करवा रहे।

योद्धा माइन्स की 25 लाख रुपये की किस्त

शिकायत में बताया गया कि योद्धा माइन्स की मासिक किस्त 25 लाख रुपए निर्धारित की गई है, जोकि मई माह से जमा नहीं करवाई जा रही। ऐसे में अब तक सरकार के करीब 2 करोड़ रुपए दबाए जा चुके हैं। इसी तरह आनंद सिंह एंड कंपनी ने 7 मार्च 2021 से 17 सितंबर तक बिना किस्त भरे चलवाने का आरोप है। इस कंपनी पर 7.50 करोड़ रुपये बकाया है। वहीं असदपुर में चल रही जेल्कोवा बिल्डकॉन प्राइवेट लिमिटेड 2020 में टर्मिनेट होने के बाद भी मार्च 2021 से खनन कर रही है, जबकि किस्त नहीं भरी गई।

अधिकारियों की मिलीभगतम से सरकार को चूना

जिन खनन ठेकेदारों पर सरकार का रुपया बकाया है, उन सभी को नोटिस जारी किए जाने के आदेश मुख्यालय से होते रहते हैं, लेकिन कुछ अधिकारी मिलीभगत से फाइलें दबवा देते हैं। कमाल की बात यह है कि लगातार निरीक्षण के बावजूद अधिकारी कंपनी द्वारा खनन को जारी रहने देते हैं। इन सभी पर मेहरबानी दिखाते हुए रुपये जमा कराए बिना ही यमुना में मशीनें उतारने की अनुमति दी जाती है।

लंबे समय से किस्तें जमा नहीं करवाई

योद्धा माइन्स ने लंबे समय से किस्तें जमा नहीं करवाई है। कब से नहीं करवाई, यह रिकॉर्ड देखकर बताना पड़ेगा। अधिकारी खनन कंपनियों की पूरी रिपोर्ट बनाकर आला अधिकारियों को भेज रहे हैं। कार्रवाई का निर्णय आला अधिकारियों को लेना है। -अशोक कुमार, माइनिंग अफसर, सोनीपत

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