राज्यमंत्री ने लगाई अधिकारियों की क्लास : ड्रेन पर बनाए जा रहे पुल निर्माण में देरी को लेकर सुनाई खरी खाेटी, मुख्यमंत्री मनोहर लाल तक पहुंचा मामला

- अस्थाई पुल की साइट पर डीसी को लेकर पहुंचे मंत्री संदीप सिंह
- बोले, जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ तुरंत करें कार्रवाई
हरिभूमि न्यूज पिहोवा। ड्रेन पर बनाए जा रहे पुल को लेकर हो रही लेटलतीफी एवं लोकेशन को लेकर सोमवार को मामला गर्मा गया। मामले को लेकर राज्य मंत्री संदीप सिंह ने पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को अस्थाई पुल की साइट पर पहुंचकर जमकर लताड़ लगाई और मामले को सीएम मनोहर लाल तक पहुंचा दिया। इसके बाद अधिकारियों में हड़कंप मच गया। दोपहर को डीसी शांतनु शर्मा को साथ लेकर मंत्री मौके पर पहुंचे। जहां अधिकारियों की साइट पर ही जमकर फजीहत की।
राज्ममंत्री संदीप सिंह ने डीसी को पीडब्ल्यूडी विभाग के एक्सईएन के खिलाफ कार्रवाई करके सरकार के पास भिजवाने के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि पुल बनाने के नाम पर अधिकारी लंबे समय से उन्हें गुमराह कर रहे हैं। अभी तक पुराने जर्जर पुल के स्थान पर नया पुल बनाने का काम शुरू नहीं किया गया। जबकि इसके लिए उन्होंने 11 करोड़ रुपए का अलग से बजट जारी करवाया हुआ है। इस बजट को उन्होंने 40 करोड़ रुपए से अधिक के टिकरी भेरिया फोरलेन प्रोजेक्ट से अलग निकलवा कर 11 करोड़ रुपए तुरंत प्रभाव से मंजूर करवाए थे, ताकि पुल का जल्दी निर्माण हो सके। लेकिन अधिकारियों ने गंभीरता नहीं दिखाई। जिसके चलते दुकानदारों का काम ठप हो गया है।
उन्होंने कहा कि हजारों लोगों को प्रतिदिन परेशानी झेलनी पड़ रही है। उन्होंने एक्सईएन पीडब्ल्यूडी से कहा कि यदि आप की दुकान या रोजगार पुल टूटने की वजह से ठप हुआ होता तो आपको लोगों का दर्द पता चलता। देरी आपका विभाग कर रहा है और लोगों द्वारा धरने हमारे नाम पर दिए जा रहे हैं। इसे सहन नहीं करूंगा। राज्य मंत्री संदीप ने सरकारी विभागों की लेटलतीफी के कारण लटके प्रोजेक्टों की रिपोर्ट बनाकर मुख्यमंत्री को सौंपी और उन्हें जल्द से जल्द पूरा करवाने की मांग की। उन्होंने कोरोना काल के अंदर अपने निजी कोष से यहां 65 लाख से अधिक की लागत से ऑक्सीजन प्लांट लगाया था, जो तैयार पड़ा हुआ है लेकिन अस्पताल की बिल्डिंग अभी तक अधूरी होने के कारण स्वास्थ्य सेवा सिरे नहीं चढ़ पाई। इसके लिए सीधे तौर पर अधिकारी जिम्मेदार हैं। इसे लेकर मंत्री ने अधिकारियों के प्रति काफी नाराजगी दिखाई।
लोकेशन को लेकर मंत्री ने जताया ऐतराज
पीडब्ल्यूडी जिस स्थान पर अस्थाई पुल का निर्माण कर रहा है। वह पुराने पुल से लगभग एक किलोमीटर दूर सरकारी अस्पताल की नई बिल्डिंग के बिल्कुल पीछे है। इसके लिए वाहन चालकों को नहर की पटरी से घूमकर एक किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ेगा। जबकि इससे कुछ ही दूरी पर बाईपास स्थित है। यदि इसी स्थान पर आकर लोगों को ड्रेन क्रॉस करनी थी तो बाईपास का विकल्प पहले से ही मौजूद था। ऐसे में इस पुल की यहां इतनी दूरी पर बनाने की जरूरत ही क्या थी। मंत्री ने अधिकारियों से कहा कि अस्थाई पुल निर्माण की लोकेशन बिल्कुल गलत है। इसे पुराने पुल के आसपास बनाया जाना चाहिए ताकि लोगों को अतिरिक्त चक्कर ना लगाना पड़े। उन्होंने डीसी को आदेश दिए कि उनकी लोकेशन भी चेंज करके पुराने पुल के आसपास की जाए। उधर, विभाग के एसडीओ सुरेंद्र कुमार ने मंत्री को बताया कि ड्रेन की चौड़ाई अधिक होने के कारण केवल इसी स्थान पर लोहे का पुल लगाया जा सकता है। इसलिए इस जगह को फाइनल किया गया।
सड़कों की दशा को लेकर भी अधिकारियों की खिंचाई
राज्यमंत्री संदीप सड़कों की दुर्दशा को देखकर काफी तल्ख मूड में दिखाई दिए। उन्होंने कहा कि पिछले काफी समय से वे अधिकारियों को पैच वर्क और नई सड़कों का काम तेजी से करने के आदेश दे रहे हैं। लेकिन अधिकारी टालमटोल करके बहाना बना रहे हैं। पटियाला रोड पर डेरा बाबा मानसिंह की तरफ जाने वाले मेन पंजाब वाले हाईवे को दुरुस्त करने के निर्देश उन्होंने काफी समय पहले अधिकारियों को बार-बार दिए। लेकिन इस तरफ भी कोई ध्यान नहीं दिया गया। जब मुख्यमंत्री के आने का पता चला तो अधिकारियों ने उस रास्ते के सारे गड्ढों पर पैच वर्क कर दिया। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि क्या वे सिर्फ सीएम साहब के आने का इंतजार कर रहे थे। अधिकारियों को यह नहीं भूलना चाहिए कि उन्हें जो सैलरी मिलती है, वह जनता के टैक्स के पैसे से मिलती है। वे लोगों के साथ खड़े हैं। ऐसे अधिकारियों की सूची बनाकर सीएम को भेजेंगे जो बार-बार आदेशों के बावजूद भी काम गंभीरता से नहीं लेते। अधिकारी बार-बार फोन पर उन्हें यही सूचना देते रहे कि जल्दी काम शुरू कर देंगे। जल्दी टेंडर लग जाएगा लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ। अब ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का समय आ गया है।
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