अधिकारियों की मिसमैनेजमेंट : सीएम के भाषण के लिए नहीं चली एलईडी, मंत्री ने जमकर लगाई लताड़

अधिकारियों की मिसमैनेजमेंट : सीएम के भाषण के लिए नहीं चली एलईडी, मंत्री ने जमकर लगाई लताड़
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से ही कैबिनेट मंत्री देवेन्द्र बबली कार्यक्रम में पहुंचे तो सीएम के संबोधन से पहले ही बत्ती गुल हो गई। बिजली चले जाने से स्क्रीन पर सीएम का संबोधन नहीं चल पाया और मंत्री देवेन्द्र बबली ने अपने लैपटॉप पर ही सीएम का भाषण सुना।

फतेहाबाद। प्रदेश सरकार का पब्लिक से जुड़ा कितना ही बड़ा कोई कार्यक्रम क्यों न हो, सरकारी अधिकारी उसे बिलकुल गंभीरता से नहीं ले रहे। अधिकारी अपनी जिम्मेवारी से पल्ला झाड़कर किस तरह सरकारी आदेशों की धज्जियां उड़ाते हैं, इसका ताजा उदाहरण शनिवार को टोहाना में देखने को मिला।

चिरायु कार्ड वितरण को लेकर आयोजित कार्यक्रम को मुख्यमंत्री ने संबोधित करना था। नगरपरिषद कार्यालय में इसको लेकर तैयारियां की गई थी। सीएम का भाषण सुनने के लिए बड़ी स्क्रीन लगाई गई थी लेकिन जैसे ही कैबिनेट मंत्री देवेन्द्र बबली कार्यक्रम में पहुंचे तो सीएम के संबोधन से पहले ही बत्ती गुल हो गई। बिजली चले जाने से स्क्रीन पर सीएम का संबोधन नहीं चल पाया और मंत्री देवेन्द्र बबली ने अपने लैपटॉप पर ही सीएम का भाषण सुना। अधिकारियों की इस लापरवाही से देवेन्द्र बबली काफी खफा नजर आए और उन्होंने अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई और विभागीय कार्रवाई के आदेश दिए।

पता चला है कि ऑनलाइन आयोजित होने वाले कार्यक्रमों के आयोजन की पूरी जिम्मेवारी एनआईसी के पास होती है। प्रोटोकॉल के अनुसार कार्यक्रम में एनआईसी के एक अधिकारी की मौजूदगी जरूरी थी लेकिन अधिकारियों ने इस कार्यक्रम को गंभीरता से नहीं लिया और आयोजन में जमकर लापरवाही बरती गई। टोहाना में 132 केवी बिजली घर में मरम्मत के चलते निगम ने परमिट लिया हुआ था और कट लगा दिया। ऐसे में सम्बंधित विभाग के अधिकारियों द्वारा जरनेटर आदि की कोई व्यवस्था नहीं की गई थी। जैसे ही बिजली का कट लगा, एलईडी शुरू नहीं हो पाई।

इस लापरवाही पर स्वास्थ्य विभाग, नगरपरिषद व बिजली विभाग के अधिकारी एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी संदीप सोलंकी का कहना है कि यह कार्यक्रम स्वास्थ्य विभाग का था, उन्हें तो मात्र जगह उपलब्ध करवाने और खाने-पीने की व्यवस्था करने को बोला गया था, जो करवा दी गई। बाकी व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग के जिम्मे थी। यदि नगर परिषद को कहा होता तो वह व्यवस्था भी करवा दी जाती। स्वास्थ्य विभाग से एसएमओ डॉ. कुनाल ने इसकी जिम्मेवारी नगरपरिषद पर डालते हुए कहा कि पूरे कार्यक्रम की व्यवस्था नगर परिषद द्वारा की जानी थी। बिजली निगम के अधिकारियों का कहना था कि कार्यक्रम बारे उन्हें कोई सूचना नहीं दी गई थी। परमिट पहले से ही जारी कर दिया गया था और नियमानुसार ही बिजली बंद की गई है।

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