विधायक ईश्वर सिंह ने आपदा काल को अवसर बनाया, 85 प्रतिशत अंकों के साथ पास की एमए की परीक्षा

विधायक ईश्वर सिंह ने आपदा काल को अवसर बनाया,  85 प्रतिशत अंकों के साथ पास की एमए की परीक्षा
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इतना ही नहीं उन्होंने एक विषय (मेजर आइडियाज एंड इश्यूज इन पब्लिक एडमिन) में तो 100 अंकों में 98 अंक प्राप्त किए हैं। उन्होंने पिछले वर्ष कोरोना काल में घर से ही ऑनलाइन परीक्षाएं दी थी। प्रथम वर्ष की परीक्षा में पास होने के बाद ईश्वर सिंह ने कहा कि उम्र छोटी हो या बड़ी, इसकी परवाह किए बगैर हर इंसान को सीखते और पढ़ते रहना चाहिए।

Haribhoomi News : सीखने और पढ़ने की इच्छाएं किसी उम्र की मोहताज नहीं होती। अगर इंसान ठान ले तो अपनी मेहनत व लगन से इन इच्छाओं को सफलता में बदल सकता है। गुहला से जननायक जनता पार्टी के 73 वर्षीय विधायक ईश्वर सिंह कोरोना काल का सदुपयोग करते हुए पढ़ाई करने की इच्छाओं को पूरा कर रहे हैं।

जेजेपी विधायक ने करीब 85 प्रतिशत अंकों के साथ कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से एमए राजनीतिक विज्ञान की प्रथम वर्ष की परीक्षा पास की हैं। इतना ही नहीं उन्होंने एक विषय (मेजर आइडियाज एंड इश्यूज इन पब्लिक एडमिन) में तो 100 अंकों में 98 अंक प्राप्त किए हैं। उन्होंने पिछले वर्ष कोरोना काल में घर से ही ऑनलाइन परीक्षाएं दी थी। प्रथम वर्ष की परीक्षा में पास होने के बाद ईश्वर सिंह ने कहा कि उम्र छोटी हो या बड़ी, इसकी परवाह किए बगैर हर इंसान को सीखते और पढ़ते रहना चाहिए।

अपनी तीसरी एमए कर रहे विधायक ईश्वर सिंह ने पिछले वर्ष लॉकडाउन के दौरान एमए राजनीतिक विज्ञान के लिए निजी छात्र के तौर पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में रजिस्टर कर घर पर पढ़ाई की और पिछले वर्ष अक्टूबर माह में ही ऑनलाइन माध्यम से परीक्षाएं दी। इससे पहले ईश्वर सिंह पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन और इतिहास में एमए करने के साथ-साथ एलएलबी व एलएलएम भी कर चुके हैं। उन्होंने ये सभी डिग्रियां वर्ष 1977 में 29 वर्ष की आयु में विधायक बनने के बाद की। राजनीति में आने से पहले ईश्वर सिंह दसवीं के बाद जेबीटी कर कुछ समय अध्यापक रहे थे।

जेजेपी विधायक ईश्वर सिंह बताते हैं कि एमरजेंसी के दौर में जब वे राजनीति में आए तो विधायक बनने पर उन्हें हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन बना दिया गया लेकिन उस पद को पाने के बाद उन्हें मन ही मन एक बात चुभती रही कि वे प्रदेश में 12वीं कक्षा तक के बच्चों के लिए कैसे नीतियां बनाएंगे जबकि वे खुद 10वीं ही पास हैं। इस बात को ध्यान रखते हुए उन्होंने हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया। बाद में वे राजनीति के साथ-साथ अपने जीवन के इस अधूरेपन को पूरा करते गए।

उन्होंने 34 वर्ष की आयु में 12वीं कक्षा और 37 साल की उम्र में स्नातक की डिग्री ली। इसके बाद ईश्वर सिंह ने इतिहास से एमए की और उसी दौरान कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर ने उन्हें एलएलबी करने की सलाह दी। 42 वर्ष की उम्र में ईश्वर सिंह ने एलएलबी भी कर ली और 6 महीने तक कुरुक्षेत्र में वकालत की। वे आज भी कुरुक्षेत्र बार एसोसिएशन के सदस्य हैं। बाद में उन्होंने पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में भी एमए की।

पढ़ने के सुनहरे अवसरों को कभी नहीं छोड़ना चाहिए

विधायक ईश्वर सिंह का कहना है कि इंसान को अपने जीवन में सीखने और पढ़ने के सुनहरे अवसरों को कभी नहीं छोड़ना चाहिए और न ही इसके लिए कभी अपनी उम्र देखनी चाहिए। ईश्वर सिंह कहते है कि उनके राजनीतिक जीवन में उन्हें शिक्षा से जुड़े रहने का बहुत फायदा मिला है। अवसर मिलने पर उन्होंने इन तमाम विषयों में शिक्षा ग्रहण की और इसकी बदौलत वे देश की सबसे बड़ी पंचायत संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा पहुंचे और फिर देश के अनुसूचित जाति आयोग में चेयरमैन भी बने। वे आज हरियाणा विधानसभा में जननायक जनता पार्टी के विधायक के तौर पर विधानसभा की महत्वपूर्ण समिति अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण के अध्यक्ष हैं।

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