आंदोलनरत किसानों के लिए विधायक वरुण चौधरी ने की एक माह का वेतन देने की घोषणा

आंदोलनरत किसानों के लिए विधायक वरुण चौधरी ने की एक माह का वेतन देने की घोषणा
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विधायक ने कहा की पूरी कांग्रेस पार्टी इस विकट घड़ी में किसानों के साथ खड़ी है। कांग्रेस पार्टी भाजपा सरकार को किसानों की आवाज को जबरन नहीं कुचलने देगी और उनके लोकतांत्रिक हकों की रक्षा करेगी।

मुलाना अंबाला विधानसभा सीट से विधायक वरुण चौधरी ने किसान विरोधी तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों द्वारा अपनी जायज़ मांगों को लेकर किये जा रहे आंदोलन का समर्थन करते हुए आंदोलनरत किसानों के लिए एक माह का वेतन देने की घोषणा की। विधायक ने कहा की पूरी कांग्रेस पार्टी इस विकट घड़ी में किसानों के साथ खड़ी है। कांग्रेस पार्टी भाजपा सरकार को किसानों की आवाज को जबरन नहीं कुचलने देगी और उनके लोकतांत्रिक हकों की रक्षा करेगी।

विधायक ने कहा कि सरकार आवश्यक वस्तु कानून में बदलाव कर किसानों और आम आदमी को लूटने का काम कर रही है। इस कानून से पूंजीपति वर्ग किसान की फसल को कम मूल्य पर खरीद कर जमाखोरी करके अनाज और सब्जियों के दाम बढाएगी। जिस कारण महंगाई चर्म पर पहुंच जाएगी।जिससे देश के आम नागरिक पर प्रभाव पड़ेगा। क्योकि हर साल अनाज के मूल्य में अगर 50 प्रतिशत की वृद्धि होगी और सब्जियों के मूल्य में 100 प्रतिशत की वृद्धि होगी तो ही सरकार इस मामले में हस्तक्षेप करेगी।अगर अनाज के मूल्य में 49 प्रतिशत व सब्जियों के मूल्य में 99 प्रतिशत की वृद्धि होगी तब सरकार इस मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं करेगी। इस हिसाब से अनाज के मूल्य में अगर हर साल 49 प्रतिशत व सब्जियों के मूल्यों में 99 प्रतिशत की बढ़ोतरी होती रही तो महंगाई चरम पर पहुंच जाएगी और इसका सीधा असर आम आदमी पर पड़ेगा जो गलत है।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा अन्नदाताओं पर थोपे गए तीनो कानून पूरी तरह से इनके खिलाफ है। इन कानूनों के अकेले किसान वर्ग को नही हर वर्ग को नुकसान होगा।किसान हमारे देश की रीढ़ हैं, जब उनके जीवन स्तर में सुधार होगा तो देशभर में सुधार होगा क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति किसी न किसी रूप से किसान से जुड़ा है।परंतु सरकार किसानों को हितों की तरफ ध्यान न देकर इन कानूनों से पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाकर किसानों को उजाड़ने पर तुली है जिसके विरोध में किसान सड़को पर है परंतु प्रदेश की बीजेपी-जेजेपी सरकार तानाशाही तरीके से किसानों के शांतिपूर्ण आंदोलन को दबाने की कोशिश कर रही है।

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