मॉडल आईटीआई : 65 करोड़ खर्च, 2013 में उद्घाटन, 8 साल में ही बिल्डिंग कंडम, अब विजिलेंस जांच शुरू

मॉडल आईटीआई : 65 करोड़ खर्च, 2013 में उद्घाटन, 8 साल में ही बिल्डिंग कंडम, अब विजिलेंस जांच शुरू
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कांग्रेस सरकार में बनी इस बिल्डिंग की मरम्मत आदि करवाकर इसे चलाया जाता रहा, लेकिन अब यहां ताला लटक गया है। अब इस आईटीआई के सैकड़ों छात्र-छात्राएं किलोई, महम, मदीना, हसनगढ़ आदि स्थित आईटीआई में क्लास लगा रहे हैं।

हरिभूिम न्यूज : रोहतक

सेक्टर-5 में मॉडल आईटीआई बनाई गई। लागत आई करीब 65.81 करोड़। 2012 में यहां बच्चे शिफ्ट किए गए और 2013 में उद्घाटन के बाद क्लास लगनी शुरू हो गई। आईटीअई वूमैन और आईटोट भी इसी बिल्डिंग में करवाई जाती थी। लेकिन करोड़ों की लागत से बनी मॉडल आईटीआई की बिल्डिंग मात्र 8 साल भी नहीं चली।

2021 में इसे कंडम घोषित कर दिया गया। बनकर तैयार हुई यह बिल्डिंग बनाने में कौन सा मसाला लगाया गया जो 8 साल भी नहीं चला। आठ साल बाद तो इसे कंडम घोषित किया गया, लेकिन 2012 में हैंडओवर करने के करीब 3 साल बाद ही जर्जर होनी शुरू हो गई थी। कांग्रेस सरकार में बनी इस बिल्डिंग की मरम्मत आदि करवाकर इसे चलाया जाता रहा, लेकिन अब यहां ताला लटक गया है। अब इस आईटीआई के सैकड़ों छात्र-छात्राएं किलोई, महम, मदीना, हसनगढ़ आदि स्थित आईटीआई में क्लास लगा रहे हैं। स्टाफ और कुछ बच्चे करीब 7-8 महीने से पूर्व सैनिक परिवार भवन में क्लास लगा रहे हैं। बिल्डिंग मामले में गोलमाल का अंदेशा हुआ तो अब विजिलैंस ने इसकी जांच शुरू कर दी है।

दिए हैं सवालों के जवाब

विजिलेंस ने आईटीआई के प्रिंसिपल से कई सवालों के जवाब भी मांगें हैं। जुलाई में विजिलैंस को जवाब भी दिया जा चुका है। आईटीआई के संदर्भ में पूछा गया था कि बिल्डिंग की साफ-सफाई का काम किसी एजेंसी से करवाया जाता था, या कर्मचारी से। एजेंसी से करवाया जाता था तो आईटीआई के किन-किन कर्मचारियों की देखरेख में यह काम होता था। इसके अलावा भी कई तरह की जानकारी का जवाब विजिलेंस को दिया गया है।

करोड़ों रुपये की मशीनरी कमरों में बंद

मॉडर्न आईटीआई में कक्षाएं नहीं लगने के चलते कमरों के अंदर बंद करोड़ों रुपये की मशीनरी और अन्य सामान पर संकट बन गया है। बिल्डिंग बंद होने के चलते सारी मशीनरी खराब होने की आशंका बन गई है।

9 साल बाद हालत देखकर गड़बड़झाले का अंदेशा

पहले रोहतक के लेबर चौक के पास ओल्ड आईटीआई थी, लेकिन बिल्डिंग बेहद पुरानी होने के कारण प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने सेक्टर-5 में नई मॉडर्न आईटीआई बनाने का फैसला लिया। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की देखरेख में नई बनाई गई। लेकिन 9 साल बाद ही जो हालत इस बिल्डिंग की है उसे देखकर गड़बड़झाले का अंदेशा है। मामला विजिलेंस तक पहुंच गया है। विजिलेंस ने इस पूरे खेल की जांच शुरू कर दी है। अब देखना यह है कि विजिलेंस जांच में कौन-कौन अधिकारी, ठेकेदार और नेता शिकंजे में आएंगे।

70 यूनिट में एडमिशन होते थे, 22 यूनिट रह गई

इस आईटीआई में 70 यूनिट में बच्चे के दाखिले होते थे, लेकिन भवन जर्जर होने के कारण अब दूसर जगह बच्चे शिफ्ट किए गए हैं तो कुल 22 यूनिट में ही एडमिशन होते हैं। यहां 1700 बच्चे पढ़ते थे और करीब 200 स्टाफ सदस्य थे। लेकिन अब सभी दूसरी जगहों पर कक्षाएं लगाने के लिए मजबूर हो रहे हैं।

मेंटेनेंस की सिफारिश

मॉडर्न आईटीआई की बिल्डिंग लगातार खराब होने के चलते अधिकारियों ने इसकी गुणवत्ता की जांच कराने का निर्णय लिया। 2021 में आईआईटी रुड़की की ओर से बिल्डिंग की जांच की गई। इस बिल्डिंग को अनसेफ बताते हुए इसकी मेंटेनेंस कराने की सिफारिश की।

जांच चल रही

भवन कंडम होने के कारण पूर्व सैनिक भवन, कंसाला, मदीना, किलोई आदि में छात्रों की क्लास लगवाई जा रही है। बिल्डिंग कंडम होने के मामले में अब विजिलेंस जांच चल रही है। -संदीप कुमार, प्रधानाचार्य, मॉडल आईटीआई, रोहतक।

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