Rewari : मॉडल टाउन बना कमर्शियल कंस्ट्रक्शन का गढ़, नियमों की उड़ती धज्जियों पर नप की आंखें बंद

Rewari : मॉडल टाउन बना कमर्शियल कंस्ट्रक्शन का गढ़, नियमों की उड़ती धज्जियों पर नप की आंखें बंद
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भ्रष्टाचार के मोटे खेल के चलते व्यावसायिक भवनों के निर्माण की ओर नगर परिषद के अधिकारियों की नजरें नहीं पड़ रही हैं। हरियाणा बिल्डिंग कोड-2017 की पालना किसी बिल्डिंग में नजर नहीं आ रही हैं।

हरिभूमि न्यूज. रेवाड़ी

किसी समय पुनर्वास विभाग की ओर से एक कॉलोनी के रूप में विकसित किया गया मॉडल टाउन एरिया कमर्शियल एक्टिविटीज का गढ़ तो पहले से ही बना हुआ था, अब इस एरिया में नियमों को ताक पर रखकर कमर्शियल कंस्ट्रक्शन भी धड़ल्ले से किए जा रहे हैं। भ्रष्टाचार के मोटे खेल के चलते व्यावसायिक भवनों के निर्माण की ओर नगर परिषद के अधिकारियों की नजरें नहीं पड़ रही हैं। हरियाणा बिल्डिंग कोड-2017 की पालना किसी बिल्डिंग में नजर नहीं आ रही हैं।

सरकार की ओर से दो बार मॉडल टाउन में रहने वाले लोगों को अपने निर्माण कमर्शिलय में कंवर्ट कराने की छूट दी थी। मॉडल टाउन को पूरी तरह से आवासीय कॉलोनी के रूप में विकसित किया गया था। इसके बाद कई लोगों से ने कमर्शियल में बिल्डिंग कनवर्ट कराई भी थी। इस एरिया में परमिशन के आधार के आधार कमर्शियल एक्टिविटीज की छूट प्रदान की गई थी। इसके बाद बड़ी संख्या में लोगों ने अपने घरों में ही बिना परिमिशन व्यावसायिक प्रतिष्ठान शुरू कर दिए, जो अभी तक चल रहे हैं। कई बिल्डिंगों में बिना परमिशन व्यावसायिक गतिविधियां खुलकर चल रही हैं, लेकिन नगर परिषद की ओर ऐसे परिसरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। आवासीय कॉलोनी एक तरह से व्यावसायिक निर्माण के गढ़ में बदल रही है।

अब नगर परिषद की आंखों के सामने नए कमर्शियल कंस्ट्रक्शन तेजी से हो रहे हैं। बहुमंजिला इमारतों का निर्माण हो रहा है, जिनमें बेसमेंट तक 100 फीसदी कवर किए जा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार कमर्शियल कंस्ट्रक्शन प्रभावशाली लोगों का होने के कारण अधिकारियों की हिम्मत उनके खिलाफ एक्शन लेने की नहीं है। जो लोग प्रभावशाली नहीं हैं, वह पैसे के दम पर अधिकारियों की नजरें घुमाने में कामयाब हो रहे हैं। एक के बाद एक कमर्शियल बिल्डिंग बनकर तैयार हो रही हैं, परंतु नप के अधिकारी उनकी ओर झांककर भी देखना चाहते। सूत्र बताते हैं कि कमर्शियल भवन निर्माण के खेल में चंद अधिकारियों की जेब में मोटा माल जा रहा है, जिस कारण इनके खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा।

जिन लोगों ने अपनी जमीनों को कमर्शियल में कनवर्ट कराया हुआ है, उनका नक्शा नगर परिषद पास कर देती है। इनमें अधिकांश निर्माण ऐसे हो रहे हैं, जो नक्शे के अनुसार नहीं हैं। इनके निर्माण में बिल्डिंग एक्ट की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। नियमानुसार भवन के आगे-पीछे जगह छोड़ने जैसे नियामों को कोई पालना नहीं कर रहा है। साथ ही दबंग लोग तो पूरा एरिया में बेसमेंट बनाकर बिल्डिंग कोड को पूरी तरह ठेंगा दिखा रहे हैं। नक्शे को ताक पर रखकर बहुमंजिला बिल्डिंगों का निर्माण किया जा रहा है।

खुुलकर चल रहा पैसे का खेल

सूत्रों के अनुसार कमर्शियल कंस्ट्रक्शन से मॉडल टाउन की सूरत बदलने के लिए पैसे का खेल जमकर चल रहा है। पूर्व में कई अधिकारियों के तबादले और दो के भ्रष्टाचार के आरोपों में फंसने के बाद नगर परिषद की व्यवस्था पूरी तरह चौपट हो गई थी। इसकी आड़ में अवैध तरीके से निर्माण करने वाले लोगों ने अपने काम को जमकर अंजाम दिया। अब नए कंस्ट्रक्शन करने वाले लोग पहले संबंधित अधिकारियों के साथ सेटिंग करने में कामयाब हो रहे हैं। इसके बाद खुलकर मनमाने तरीके से भवनों का निर्माण करा रहे हैं।

नप अधिकारियों की पूरी जिम्मेदारी

अगर मॉडल टाउप एरिया में गलत तरीके से निर्माण हो रहे हैं, तो उन्हें रोकने की जिम्मेदारी नगर परिषद की है। अधिकारियों को ऐसे कंस्ट्रक्शन की जांच करते हुए उनके खिलाफ एक्शन लेना चाहिए। मैं खुद ऐसे कंस्ट्रक्शन का पता लगाकर एक्शन लूंगी। - डा. सुभिता ढाका, डीएमसी।

दो दिन में की जाएगी पूरी जांच

मुझे ऐसे निर्माण के बारे में कोई जानकारी नहीं है। अगर ऐसा हो रहा है, तो दिन के अंदर ऐसे कंस्ट्रक्शन की जांच की जाएगी। जो भी नियमों के विरुद्ध मिलेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। - मनोज यादव, ईओ, नप।

पता लगाकर लिया जाएगा एक्शन

मॉडल टाउन में नगर परिषद की ओर से कमर्शियल नक्शे पास करने पर पाबंदी है। कुछ लोगों ने पहले अपनी जमीन कनवर्ट कराई थी। उनके अलावा कमर्शियल निर्माण कराने वाले की जांच कराई जाएगी। -पूनम यादव, चेयरमैन, नप।

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