फसल खरीद : 48 घंटे के भीतर सीधा किसानों के खाते में जाएगा पैसा

फसल खरीद : 48 घंटे के भीतर सीधा किसानों के खाते में जाएगा पैसा
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आढ़तियों द्वारा लगातार चेतावनी दिए जाने व संभावित हड़ताल को ध्यान में रखते हुए सरकारी प्रतिनिधियों को हर मंडी में सरकारी क्रय केंद्र की व्यवस्था की तैयारी कर ली गई है।

योगेंद्र शर्मा. चंडीगढ़

राज्य में गेंहू और बाकी पांच फसलों की खरीद का काम इस बार भी तय समय पर होगा। जिसके लिए तमाम तरह की व्यवस्था की जा रही है। हरियाणा सरकार इस बार सौ फीसदी किसानों के खाते में ट्रासफर करने की तैयारी में है। जिसके लिए विधिवत किसानों की सहमति भी ले ली गई है। आढ़तियों द्वारा लगातार चेतावनी दिए जाने व संभावित हड़ताल को ध्यान में रखते हुए सरकारी प्रतिनिधियों को हर मंडी में सरकारी क्रय केंद्र की व्यवस्था की तैयारी कर ली गई है।

हरियाणा में अब से पहले साठ फीसदी तक पैसा सीधा किसानों के खातों में डाला गया था। इसके अलावा जिन किसानों ने आढ़ती के खाते में पैसा डालने के लिए सहमति दी थी। उनका पैसा आढ़ती के माध्यम से दिया गया लेकिन उसमें भी सशर्त पैसा डाला गया था, ताकि आढ़ती भी पैसा अधिक वक्त तक होल्ड नहीं कर सके। हरियाणा सरकार द्वारा अपने आला-अफसरों के साथ चिंतन मंथन के बाद में मेरी फसल मेरा ब्योरा पर पंजीकरण का जो फार्मूला अपनाया था, उससे राज्य के किसानों को राहत मिली है। मंडी में भी अपने निर्धारित वक्त पर गए और वक्त पैसा सभी तरह की बचत हुई। फार्मूला हिट हो जाने के बाद में इस बार मुख्यमंत्री मनोहरलाल और डिप्टी सीएम ने अफसरों को साफ कर दिया है कि सौ फीसदी पैसा सीधे किसानों के खातों में जाना चाहिए। अब से पहले सत्तर फीसदी से ऊपर किसान खातों में पैसा सीधा डालने के लिए सहमति दे चुके हैं। कुल मिलाकर इस बार राज्य सरकार के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अफसरों ने खास तैयारी कर ली है, सभी जिलों में जिला प्रशासन के साथ भी समन्वय के साथ काम हो रहा है। हर मंडी में सरकारी खरीद केंद्र पर इंतजाम पूर्ण हों, इसकी व्यवस्था भी कर ली गई है।

सूबे में हजारों की संख्या में आढ़ती, ढ़ाई फीसदी कमीशन

हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष व राष्ट्रीय महासचिव बजरंग गर्ग का कहना है कि हमारे आढ़तियों की संख्या प्रदेश में तीस हजार से ऊपर है। सरकार ने अगर पैसा सीधा खातों में डाला और सीधी खरीद की, तो हम इसका विरोध करेंगे। व्यापारी वर्ग और आढ़ती एक साथ हड़ताल करने पर मजबूर होंगे। गर्ग का कहना है कि आढ़ती अगर ढ़ाई फीसदी कमीशन लेता है, तो कईं तरह की सेवाएं भी दे रहा है। अर्थात सौ रुपये पर ढ़ाई फीसदी कमीशन निर्धारित है लेकिन कुछ अफसर सरकार को गुमराह करने में लगे हुए है।

आढ़तियों की हड़ताल को ध्यान में रखते हुए विशेष इंतजाम

प्रदेश में आढ़ितयों द्वारा हड़ताल की चेतावनी और फसल खरीद के सीजन को ध्यान में रखते हुए सरकारी क्रय केंद्रों को ज्यादा मजबूत करने की तैयारी में जुटे हरियाणा खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के आला-अफसर। इसके अलावा मंडियों में सरकारी प्रतिनिधियों की ड्यूटी लगाकर व्यापक खरीद करने की रणनीति तैयार कर ली गई है। पड़ोसी राज्य पंजाब ने आधी अधूरी तैयारी के बीच में खरीद का काम जहां दस दिन देरी से करने का फैसला लिया है। वहीं हरियाणा ने इसमें कोई देरी नहीं करने व समय से खरीद की रणनीति तैयार कर ली है।

उपमुख्यमंत्री और मुख्यमंत्री खुद रख रहे इंतजाम पर नजर

सूबे के मुख्यमंत्री मनोहरलाल और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला खुद भी खरीद केंद्रों को लेकर नजर बनाए हुए हैं। आला अफसरों के साथ में कईं दौर की मीटिंग कर इस बार होने वाले इंतजाम व तैयारी की समीक्षा कर चुके हैं। हरियाणा विधानसभा के अंदर और बाहर दोनों ही स्थानों पर सीएम व डिप्टी सीएम की ओर से साफ कर दिया गया है कि हरियाणा इकलौता ऐसा प्रदेश जहां 6 फसलों की एमएसपी पर खरीद का काम करने की पूरी तैयारी है। राज्य के नौ जिलों में सरसों, 5-6 जिलों में दाल और चना, 4 जिलों में सूरजमुखी, पहली बार 7 मंडियों में जौ की खरीद एमएसपी पर की जाएगी।

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