Monkeys की मौत का मामला : ठेकेदार को सुपरवाइज करने वाले निगम कर्मी ने की आत्महत्या

- पेड़ पर फंदा लगाकर श्यामलाल ने की आत्महत्या, मौके से मिला सुसाइड नोट
- सुसाइड नोट में निगम के चार अधिकारियों को बताया मौत का जिम्मेदार
- कुछ दिन पहले भूख-प्यास के चलते पिंजरों में बंद बंदरों की होगी थी मौत
Sonipat : नगर निगम के कर्मचारी ने शुक्रवार सुबह पेड़ पर फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। उनके पास बंदर पकड़ने के लिए लगाए गए ठेकेदार की निगरानी की जिम्मेदारी थी। पिछले दिनों ठीक से देखभाल नहीं हो पाने के कारण 20 से ज्यादा बंदरों की मौत हो गई थी। उसके बाद से वह तनाव में चल रहे था। नगर आयुक्त को संबोधित सुसाइड (Suicide) नोट में उन्होंने निगम के चार अधिकारियों को अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया। उनको बंदरों की मौत के बाद से लगातार प्रताड़ित किया जा रहा था। हालांकि बंदरों की मौत के बाद दर्ज रिपोर्ट में उनको आरोपित नहीं बनाया गया था। पुलिस मामले में जांच कर रही है।
सुभाष चौक के पास रहने वाला श्यामलाल सिंह निगम में सफाई कर्मचारी थी। नगर निगम ने बंदरों को पकड़ने का ठेका सेक्टर-23 में रहने वाले ठेकेदार को दिया हुआ था। बंदरों को पकड़वाने और मानकों के अनुसार उनको रखने, ले जाने और जंगलों में छोड़ने की निगरानी का कार्य भी श्यामलाल को सौंपा हुआ था। पिछले दिनों ठेकेदार ने भीषण गर्मी में बंदरों को भूखे-प्यासे पिंजरों में बंद रखा था। उसके चलते 20 से ज्यादा बंदरों की मौत हो गई थी। हिंदुवादी संगठनों की ओर से बंदरों की मौत को लेकर कड़ी नाराजगी जताई गई थी। इस मामले में ठेकेदार के साथ ही नगर निगम के खिलाफ भी शिकायत दी गई थी। हालांकि पुलिस ने नगर निगम को आरोपित नहीं बनाया था। उसके बावजूद श्यामलाल तनाव में रह रहा था। बंदरों की मौत वाले दिन ही उनको तबियत खराब हो जाने के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
छह बजे निकला था ड्यूटी पर
मृतक कर्मचारी शुक्रवार सुबह करीब छह बजे ड्यूटी के लिए निकला था। उसके बावजूद वह ड्यूटी पर नहीं पहुंचा। उनका मोबाइल भी बंद आ रहा था। परिवार के लोगों और सहकर्मियों ने उनको तलाश किया। करीब 10 बजे शहर के औद्योगिक क्षेत्र में एक शव पेड़ पर लटका होने की सूचना मिली। शव की पहचान श्यामलाल के रूप में की गई।
जेब से मिला सुसाइड नोट
उनकी जेब से सुसाइड नोट बरामद किया गया। नगर आयुक्त को संबोधित सुसाइड नोट में नगर निगम के अधिकारी सतेंद्र, जोगेंद्र और धर्मेंद्र पर जबरन बंदरों की देखभाल की जिम्मेदारी सौंपने का आरोप लगाया गया है। वहीं कृष्ण पर जबरन जिम्मेदारी के आदेश पर हस्ताक्षर करवाने का आरोप लगाया गया। इनको अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया गया है। थाना सिविल लाइन एसएचओ एसआई रविदास ने बताया कि श्यामलाल को पुलिस रिपोर्ट में आरोपित नहीं बनाया गया था। उसके बावजूद निगम के अधिकारी किस तरह से उत्पीड़न कर रहे थे, इसकी जांच कराई जाएगी। शव का पोस्टमार्टम कराकर उनके स्वजन को सौंप दिया है।
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