हरियाणा विधानसभा का मानसून सत्र आज से : पहले ही दिन हंगामे के आसार, कई मुद्दों को उठाएगा विपक्ष

हरियाणा विधानसभा मानसून सत्र की शुरुआत शुक्रवार की दोपहर दो बजे से होने जा रही है। शुरुआत में शोक प्रस्तावों के जरिये सभी माननीय दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि देंगे बाद में सदन की कार्यवाही की शुरुआत होगी। इसके पहले हरियाणा विधानसभा परिसर में बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक बुलाई है, जिसमें विधानसभा सत्र कब तक चलेगा इस बात का फैसला लिया जाएगा। लेकिन विपक्ष और सत्तापक्ष दोनों ही तैयारी में हैं, सरकार की ओर से पहले ही दिन कईं संशोधन विधेयक लेकर आए जाएंगे, विपक्ष भी घेरेबंदी के मूड में है, एक दिन पहले ही नेता विपक्ष और कांग्रेस के बाकी विधायक चंडीगढ़ पहुंच गए हैं।
खास बात यहां पर यह है कि हरियाणा विधानसभा का शुक्रवार को होने वाले सत्र में सुरक्षा का कड़ा पहरा रहेगा और इस बार सीएम, डिप्टी सीएम, स्पीकर, डिप्टी स्पीकर के साथ साथ गृहमंत्री को छोड़कर बाकी के सुरक्षा कर्मियों के वाहन और जिप्सिंया अंदर नहीं जाने दी जाएंगी। देर शाम तक स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता और विधानसभा के अधिकारी सुरक्षा व्यवस्था से लेकर बाकी व्यवस्था की समीक्षा में लगे रहे, देर शाम तक विधानसभा मुख्य द्वार से लेकर अंदर तक सुरक्षा कर्मियों से उनके अधिकारी चर्चा करते हुए दिखाई दिए।
स्पीकर ने विशेषाधिकार कमेटी से किया कईं विधायकों को बाहर
हरियाणा विधानसभा स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने कांग्रेस विधायक कुलदीप बिश्नोई के अलावा किरण चौधरी, निर्दलीय विधायक सोमवीर सांगवान को विधानसभा प्रीविलेज कमेटी से बाहर कर दिया है। कमेटी से बाहर करने की प्रक्रिया की लिखित औपचारिकता पूरी करने के बाद में इसे जारी कर दिया गया है। पिछले दिनों कुलदीप बिश्नोई की ओर से भी बयानबाजी करते हुए स्पीकर पर हमला बोला गया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि कमेटी से बाहर करने वाले स्पीकर कौन होते हैं, जिस पर स्पीकर ने भी पलटवार करते हुए इस बात का जवाब दिया था। विधानसभा ने तीनों विधायकों को प्रिविलेज कमेटी से हटाने की नोटिफिकेशन जारी होने के साथ ही यह तय हो गया है, कि आने वाले समय में यह तीनों कमेटी में नहीं रहेंगे। इसके अध्यक्ष हिसार से विधायक कमल गुप्ता हैं। इतना ही नहीं विधानसभा स्पीकर ने कांग्रेस विधायक कुलदीप बिश्नोई को विधानसभा की स्थानीय निकाय और पंचायती राज संस्थाओं कमेटी से भी बाहर कर दिया है।
पहले कार्यवाही को लेकर प्रस्तावित कार्यक्रम जारी
शोक प्रस्ताव से शुक्रवार को सदन की कार्यवागही की शुरूआत होगी। हरियाणा के पूर्व राज्यपाल जगन्नाथ पहाड़िया और फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह सहित 11 लोगों को श्रद्धांजलि के लिए शोक प्रस्ताव तैयार हैं। इन शोक प्रस्तावों पर सदन के नेता और विपक्ष की ओर से श्रद्धा सुमन अर्पित करने के बाद में तुरंत बाद शुरू प्रश्नकाल की शुरुआत होगी। बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की रिपोर्ट को प्रश्नकाल के बाद पटल पर रखा जाएगा और कांग्रेस की ओर से मुलाना सीट से विधायक वरुण चौधरी के ट्यूबवेल कनेक्शन को लेकर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा की जाएगी। पहले ही दिन 6 संशोधन बिल पटल पर रखने की तैयारी है। जिसमें खासतौर पर भूमि अर्जन, पुनर्वासन और और व्यवस्थापन संशोधन बिल 2021 शामिल हैं। इसके अलावा हरियाणा लोकायुक्त संशोधन विधेयक 2021, हरियाणा नगर पालिका क्षेत्रों में नागरिक सुविधाओं और अपूर्ण नागरिक सुख सुविधाओं तथा अवसंचरना प्रबंधन संशोधन विधायक 2021 शामिल हैं। महृषि बाल्मिकी संस्कृत विश्वविद्यालय कैथल संशोधन बिल 2021 और हरियाणा उद्यम प्रोन्नति दूसरा संशोधन बिल के साथ ही पंडित लख्मीचंद राज्य प्रदर्शन और दृश्य कला विश्वविद्यालय रोहतक संशोधन बिल लेकर आने की तैयारी है।
358 प्रश्नों में 60 का चयन
खास बात यह है कि इस बार भी स्पीकर गुप्ता ने 358 प्रश्नों में 60 का चयन कर लिया है। हरियाणा विधानसभा का मानसून सत्र 20 अगस्त दोपहर दो बजे से शुरू होगा, जिसके लिए देर शाम तक सभी तैयारी पूर्ण हो चुकी है। इसके बाद में 21 शनिवार और 22 रविवार को अवकाश रहेगा। सोमवार 23 को दोपहर दो बजे एक बार फिर से शुरुआत होगी। इसके बाद में सदन 24 अगस्त को भी चलेगा, मानकर चला जा रहा है कि इस बार भी विधानसभा का सत्र बेहद छोटा ही रहेगा। मानसून सत्र में विधायकों द्वारा उठाने के लिए सचिवालय को 238 तारांकित और 120 अतारांकित सवाल दिए गए हैं। इनमें से विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने लाटरी सिस्टम के माध्यम से सवालों का चयन कर लिया है। कांग्रेस विधायक और वरिष्ठ नेता आफताब अहमद का कहना है कि विधानसभा में पेश होने वाले विधेयकों पर चर्चा के लिए उपयुक्त माहौल नहीं बन पाता और ना ही समय दिया जाता है। विधानसभा स्पीकर को इस तरह की व्यवस्था करनी चाहिए कि विधेयकों पर विस्तार से चर्चा का माहौल दिया जाए और पूरा समय देकर इनके बारे में सभी को जानकारी मिले। इस तरह समय कम रहा और परंपरा ठीक नहीं रही, तो प्राइवेट मेंबर बिल लाने वाले विधायकों की संख्या लगातार बढ़ती जाएगी।
उधर, बताया जा रहा है कि विधानसभा सचिवालय को 9 ध्यानाकर्षण प्रस्ताव और 4 विधेयक पेश करने के नोटिस प्राप्त हुए। सत्र के पहले तीन दिनों के लिए प्रश्नों को लेकर 60 प्रश्नों की की पर्चियां निकाली जा चुकी हैं। विधानसभा में विधायकों की संख्या 90 और मुख्यमंत्री मनोहर लाल और उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को मिलाकर मंत्रियों की संख्या एक दर्जन है। इसके बाद में बचे 78 विधायक सवाल पूछने के लिए पूरी तरह से स्वतंत्र हैं, लेकिन विधानसभा सचिवालय के पास मात्र 47 विधायकों ने सवाल भेजने का काम किया है। स्पीकर गुप्ता और संसदीय कार्यमंत्री कंवरपाल गुर्जर का कहना है कि हमारी सरकार विपक्ष को सदन में भरपूर समय देती रही है, पहले कांग्रेस जैसी परंपरा कभी नहीं रही, उस वक्त सदस्यों को बोलना तो दूर बिना कारण के बाहर कर दिया जाता रहा था।
सरकार पेश करेगी चार विधेयक
विधानसभा सचिवालय को हरियाणा सरकार की ओर से चार विधेयक पेश करने के नोटिस प्राप्त हुए हैं। विधेयकों में पहला शहरी स्थानीय निकाय विभाग से संबंधित है। महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय से संबंधित विधेयक भी पेश होगा। हरियाणा लोकायुक्त विधेयक में संशोधन के लिए नोटिस प्राप्त हुआ है। हरियाणा उद्यम प्रोन्नति संशोधन विधेयक 2021 भी मानसून सत्र का हिस्सा बन सकता है।
प्राइवेट मेंबर बिल
कांग्रेसी विधायक और कांग्रेस विधायक दल उपनेता आफताब अहमद प्राइवेट बिल लेकर आ रहे हैं। उनका प्राइवेट मेंबर बिल मॉब लिंचिंग (भीड़ द्वारा हत्या) के विरुद्ध है। आफताब ने विधानसभा सचिवालय को दिए अपने प्राइवेट मेंबर बिल में मॉब लिंचिंग करने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कानून बनाए जाने की वकालत की है, पीड़ित और प्रभावित व्यक्ति और उसके परिजनों को उचित मुआवजा देने और मॉब लिंचिंग करने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई का के प्रावधान किए जाने की मांग की है।
हरियाणा एग्रो इंडस्टरीज कारपोरेशन चेयरमैन राकेश दौलताबाद के प्राइवेट मेंबर बिल को बाकी निर्दलीय विधायकों नयनपाल और रणधीर गोलन, धर्मपाल गोंदर का समर्थन हासिल है। आवासीय संघ लोगों से मोटी राशि वसूल कर कालोनियों में ना तो सुविधाएं देते हैं और और न ही वार्षिक चुनाव में किसी साधारण सदस्य को वोट की स्वतंत्रता प्रदान करते। विपक्षी विधायकों ने सदन में पेश होने वाले विधेयकों से अलग प्राइवेट मेंबर बिल लाने की नई प्रथा की शुरुआत कर दी है। उनका आरोप है कि उनको पर्याप्त समय और लाए जाने वाले बिल आदि को लेकर पूरी जानकारी, समय आदि नहीं दिया जाता, जिसके कारण उन पर चर्चा ही नहीं होती। दूसरी तरफ इन आरोपों पर स्पीकर और संसदीय कार्य मंत्री का कहना है कि विधायकों को पहले विधानसभा सत्र के आखिरी दिन ही विधेयकों का मसौदा सौंपा जाता था, लेकिन हमने बरसों पुरानी इस परिपाटी को बदलकर विधायकों के पास पहले दिन ही विधेयकों की प्रतियां भेजने की व्यवस्था सुनिश्चित कर दी है। इसके बाद भी विपक्षी विधायक राजनीति कर रहे हैं।
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