हरियाणा आए विदेशी मेहमान : 45 प्रजातियों के 2 हजार से ज्यादा पंछी पहुंचे, फरवरी तक करेंगे प्रवास और प्रजनन

सतेंद्र पंडित : जींद
हरियाणा के जींद जिले के अंतिम छौर का गांव कालवन विदेशी पंछियों के कलरव से गुलजार हो गया है। यूरोप, साइबेरिया, चाइना समेत ठंडे इलाकों से हजारों मेहमान पंछियों ने हजारों किलोमीटर की उड़ान भरकर गांव के पक्षी प्रवास स्थल पर डेरा डाल लिया है। 45 से भी अधिक प्रजातियों के हजारों पंछी फरवरी माह के अंत तक यहां प्रवास करेंगे और प्रजनन भी करेंगे। मौसम के मिजाज में हलकी से गर्माहट आने के साथ अपने बच्चों के साथ ठंडे प्रदेशों की तरफ उडान भर जाएंगे। विदेशी प्रजातियों के पंछियों के आगमन को देखते हुए वन्य प्राणी विभाग ने पक्षियों के प्रवास स्थल पर चौकसी बढा दी है। यह भी निगाह रखी जा रही है कि कहीं कोई विदेशी मेहमान पंछी बीमार या बर्ड फ्लू से ग्रस्त तो नहीं है।
28 एकड़ में फैला है पंछी प्रवास स्थल, प्राकृतिक मिल रहा माहौल
गांव कालवन में विदेशी पंछी प्रवास स्थल लगभग 28 एकड में फैला हुआ है। तापमान दस डिग्री से नीचे आने के साथ विदेशी मेहमान पक्षियों का आगमन भी तेज हो गया है। विदेशी पंछियों को यह प्रवास स्थल खूब रास आ रहा है। आबादी से हटकर तालाब के चारों तरफ अच्छी खासी संख्या में पेड पौधे हैं। जो पंछियों को उनके माहौल के अनुरूप बनाते है और पंछियों को संरक्षण भी यहां पर मिलता है।
जींद जिले में कालवन पंछी प्रवास स्थल पर पहुंचे विदेशी पंछी।
दो हजार से ज्यादा 45 प्रजातियों के पहुंचे विदेशी पंछी
कालवन पंछी प्रवास स्थल में नवम्बर के अंतिम सप्ताह में साइबेरिया, यूरोप, चाइना, भुटान समेत अन्य ठंडे इलाकों से विदेशी पंछियों का आगमन शुरु हो गया था। दो हजार से 'यादा 45 प्रजातियों के पंछी यहां पर पहुंच चुके हैं। जिनमे मुख्य तौर पर चाइना से ग्रेटर कोरमोनेंट, कॉमन क्यूट, भुटान से पोचार्ड, चाइना से नॉर्दन सावर, मैलार्ड, नोदर्न पिंटी, साइबेरिया से लार्जर विसलिंग डक, पाइट एवोस्ट, यूरोप से ग्रेटर फलेमिंगो समेत अन्य प्रजातियों के पंछी शामिल हैं।
वन्य प्राणी विभाग के निरीक्षक मनबीर खटकड़ ने बताया कि कालवन का पंछी प्रवास स्थल विदेशी पंछियों को काफी रास आ रहा है। 45 प्रजातियों के लगभग दो हजार पंछी यहां पर पहुंच चुके हैं। जो फरवरी माह के अंत तक यहां प्रवास करने के साथ साथ प्रजनन करेंगे। विदेशी मेहमान पंछियों के आगमन को देखते हुए सुरक्षा को बढा दिया गया है।
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