नहीं कराया था फुल बीमा : Dial 112 की 20 से ज्यादा गाड़ियां हो चुकीं क्षतिग्रस्त, गृह मंत्री सहित हरियाणा पुलिस भी चिंतित

नहीं कराया था फुल बीमा : Dial 112 की 20 से ज्यादा गाड़ियां हो चुकीं क्षतिग्रस्त, गृह मंत्री सहित हरियाणा पुलिस भी चिंतित
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इस अहम ड्रीम प्रोजेक्ट के लिए 600 से ऊपर गाड़ियों की खरीद की गई थी, जिनका थर्ड पार्टी बीमा कराया हुआ था, फुल बीमा होने की सूरत में ही इनकी मरम्मत का काम कंपनी द्वारा बिना किसी खर्च के कराया जा सकता था।

योगेंद्र शर्मा. चंडीगढ़

उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh ) की डायल 100 की तर्ज पर हरियाणा ( haryana ) में शुरू की गई पुलिस हेल्पलाइन डायल 112 ( dial 112 ) की नईं गाड़ियों में बहुत की कम समय में 20 से ज्यादा नईं गाड़ियों में दुर्घटना के कारण अभी से काफी नुकसान हो चुका है। खासतौर से राष्ट्रीय राजमार्ग वाले जिलों में भेजी गई गाड़ियों के शेड्यूल अति व्यस्त और सूचनाओं पर तुरंत की भागदौड़ के कारण गाड़ियों में डैमेज हुआ है, जिनको अब हरियाणा पुलिस विभाग ( haryana police ) को अपने खर्च पर ठीक कराना होगा। खास बात यहां पर यह है कि इस अहम ड्रीम प्रोजेक्ट के लिए 600 से ऊपर गाड़ियों की खरीद की गई थी, जिनका थर्ड पार्टी बीमा कराया हुआ था, फुल बीमा होने की सूरत में ही इनकी मरम्मत का काम कंपनी द्वारा बिना किसी खर्च के कराया जा सकता था।

सूत्रों का कहना है कि अहम प्रोजेक्ट की समय-समय पर गृह मंत्री अनिल विज खुद समीक्षा करते हैं। खास बात यह है कि प्रदेश भर के कईं जिलों में दौरे के दौरान नईं गाड़ियों के चंद माह में ही बुरी तरह से डैमेज हो जाने की बात गृहमंत्री विज के संज्ञान में आई। इतना ही नहीं इतने कम वक्त में दो दर्जन गाड़ियों में बड़े डेंट और नुकसान होने की जानकारी भी मिली। जिसके बाद में गृहमंत्री ने इस पर चिंता जाहिर की और इनका फुल बीमा नहीं कराकर थर्ड पार्टी बीमा कराने को लेकर भी विचार मंथन किया।

पूरे मामले में गृहमंत्री अनिल विज ( home minister anil vij ) ने जिम्मेदार अफसरों की जवाबदेही तय करने की बात कही है। आने वाले वक्त में गाड़ियों में नुकसान नहीं हो इस बात के लिए भी दिशा निर्देश जारी किए हैं। सूत्र बताते हैं कि गृह मंत्री विज ने इस बारे में संबंधित अफसर से जवाब तलब कर लिया है, हालांकि पुलिस विभाग में चालकों की भारी कमी होने के कारण पुलिस कर्मियों से ही इन्हें चलवाया जा रहा है। उधर, अहम प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी संभाल रहे एक अफसर ने नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर कहा कि वास्तव में 20 से ज्यादा गाड़ियों में नुकसान हो चुका है, जिनकी जल्द ही मरम्मत कराई जाएगी। उन्होंने यह भी माना कि इन गाड़ियों का थर्ड पार्टी बीमा कराया गया था। उधर, प्रोजेक्ट को संभाल रहे नोडल अफसर वरिष्ठ आईपीएस अफसर एएस चावला का कहना है कि कुछ गाड़ियों में डैमेज जरुर हुआ है। गाड़ियों का बीमा भी कराया गया है लेकिन पूरे मामले को दिखवाने के बाद ही इस बारे में ज्यादा कुछ कहा जा सकेगा।

पुलिस विभाग में चालकों की भारी कमी

अहम बात यह है कि पुलिस विभाग के पास में गाड़ी चालकों की भारी कमी बनी हुई है, बताया जा रहा है कि सामान्य सिपाहियों से ही इन गाड़ियों को चलवाया जा रहा है, कईं बार इस कारण से भी गाड़ियों में डैमेज के हालात सामने आते हैं।

112 के कामकाज को लेकर संतुष्ट हैं मंत्री

डायल 112 के कामकाज को लेकर संतुष्ट गृहमंत्री अनिल विज इतने कम वक्त में डायल 112 की उपलब्धि को लेकर तो संतुष्ट हैं, साथ ही कईं उल्लेखनीय कामकाज किए जाने पर पीठ भी थपथपा चुके हैं। गृह मंत्री डायल 112 को आने वाले वक्त के लिए बेहतर से बेहतर बनाने के पक्षधर हैं ताकि प्रदेश के अंदर संगठित अपराधों पर रोक लगाने का काम हो सके। गृह मंत्री गाड़ियों के रख-रखाव को लेकर भी जवाबदेही चाहते हैं ताकि भविष्य में नुकसान नहीं हो।

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