फतेहाबाद जिले में डॉक्टरों और पैरा मेडिकल स्टाफ के आधे से ज्यादा पद खाली, निजी अस्पतालों में जाने को मजबूर हैं मरीज

फतेहाबाद जिले में डॉक्टरों और पैरा मेडिकल स्टाफ के आधे से ज्यादा पद खाली, निजी अस्पतालों में जाने को मजबूर हैं मरीज
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पिछले तीन माह में नागरिक अस्पताल फतेहाबाद की इनडोर ओपीडी में 2500 मरीज पहुंचे और यहां से 1500 से ज्यादा मरीज रेफर किए गए है। अधिकारियों की माने तो दुर्घटना में गंभीर घायल मरीजों के लिए न्यूरो सर्जन, एमआरआई, सिटी स्कैन की जरूरत होती है जो कि यहां पर नहीं है। इसके चलते रेफर करना पड़ता है

सुरेन्द्र असीजा : फतेहाबाद

फतेहाबाद जिला में चिकित्सकों की भारी-भरकम कमी के बावजूद टोहाना में 50 बैड के अस्पताल की जगह 100 बैड का अस्पताल कर दिया गया जबकि रतिया में 50 की जगह 100 बैड का अस्पताल करने की फाइल प्रोसेस में है।

अब वास्तव में हालात यह हैं कि पूरे जिले में चिकित्सकों व पैरा मेडिकल स्टाफ के स्वीकृत पद से आधे से ज्यादा पद खाली पड़े हुए हैं। इसके अलावा जिले से रोजाना दर्जनों मरीज अग्रोहा मेडिकल रेफर हो रहे है। पिछले तीन माह में नागरिक अस्पताल फतेहाबाद की इनडोर ओपीडी में 2500 मरीज पहुंचे और यहां से 1500 से ज्यादा मरीज रेफर किए गए है। अधिकारियों की माने तो दुर्घटना में गंभीर घायल मरीजों के लिए न्यूरो सर्जन, एमआरआई, सिटी स्कैन की जरूरत होती है जो कि यहां पर नहीं है। इसके चलते रेफर करना पड़ता है। इसके अलावा जहर के सेवन से प्रभावित मरीजों के लिए यहां सुविधा नहीं है।

न सर्जन है न बच्चों का और न हड्डियों का डॉक्टर

जिला नागरिक अस्पताल की अगर बात करें तो यहां पर पिछले 5 माह से शिशु रोग विशेषज्ञ नहीं है। ये ही नहीं सर्जन का पद भी खाली है। हड्डी रोग विशेषज्ञ का पद भी काफी समय से खाली है। ईएनटी जैसी महत्वपूर्ण चिकित्सक का पद भी खाली पड़ा है। ऐसे में इन बीमारियों से पीड़ित लोगों को अपना उपचार करवाने के लिए निजी अस्पतालों की लूट का शिकार होना पड़ रहा है।

जिला में उपलब्ध मेडिकल सुविधाएं

जिला स्तर पर फतेहाबाद में व उपमंडल स्तर पर टोहाना व रतिया में सामान्य अस्पताल है। जिला में 4 सीएचसी है जिनमें भट्टू, भूना, जाखल और बड़ोपल शामिल है जबकि ग्रामीण स्तर पर 18 पीएचसी है। फतेहाबाद, रतिया, टोहाना और भट्टू में 4 अर्बन पीएचसी है तो 131 उप स्वास्थ्य केन्द्र जिले में चल रहे हैं। जिला में 21 हैल्थ वेलनेस सेंटर कार्यरत हैं। फतेहाबाद के एकमात्र अस्पताल में नवजात बच्चों के लिए स्पेशल न्यू बेबी केयर यूनिट चल रहा है। इसमें नवजात बच्चों को एडमिट किया जाता है। इसके अलावा जिले में 25 एम्बुलैंस, 3 मोबाइल मेडिकल यूनिट काम कर रही हैं।

इन चिकित्सकों का है टोटा

फतेहाबाद जिला में 10 एसएमओ के पद खाली है जबकि चिकित्सकों के 76 पद खाली पड़े हैं। इनमें 22 डेंटल सर्जन, 10 नर्सिंग सिस्टर, 38 लैब टैक्नीशियन, 83 स्टाफ नर्स, 17 फार्मेसी आॅफिसर, आॅप्रेशन थियेटर सहायक 18 के पद खाली हैं। पैरा मेडिकल स्टाफ में एमपीएचडब्ल्यू मेल के 17 पद, फिमेल के 65 पद खाली पड़े हैं।

मेडिकल व नर्सिंग कॉलेज खुलने की घोषणा से उम्मीदें जगी

भारी मात्रा में डॉक्टरों व पैरा मेडिकल स्टाफ की कमी के बावजूद यहां 200 बैड के नए अस्पताल का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें ट्रामा सेंटर सहित अनेक सुविधाएं होंगी। हाल ही में सरकार ने फतेहाबाद में मेडिकल व नर्सिंग कॉलेज स्थापित करने की घोषणा की है जिससे उम्मीद है कि डाक्टरों की संख्या बढ़ेगी और लोगों को निजी अस्पतालों में नहीं जाना पड़ेगा।

डाॅक्टरों की संख्या को लेकर सरकार को लिखा गया है। सरकार इन पदों पर शीघ्र ही नियुक्ति करेगी। फतेहाबाद में अल्ट्रासाऊंड, एक्स-रे, लैब इत्यादि की सुविधाएं बेहतर हैं। - डॉ. संगीता अबरोल, कार्यकारी सीएमओ फतेहाबाद


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