गैंगरेप पीड़िता की मां तीन साल से मांग रही गन का लाइसेंस, डीसी ऑफिस के बाहर धरने पर बैठी

नरेन्द्र वत्स : रेवाड़ी
कोसली थाना क्षेत्र के एक गांव में करीब साढ़े 3 वर्ष पूर्व गैंगरेप मामले में पीड़िता की मां प्रशासन की बेरुखी से तंग आकर डीसी ऑफिस के बाहर धरने पर बैठ गई। महिला का आरोप है कि गैंगरेप के 8 आरोपितों के परिजनों से उसके परिवार को जान का खतरा है। पुलिस प्रशासन की ओर से उसे और उसके परिवार को पुलिस सुरक्षा मुहैया कराई जा रही है, परंतु तमाम औपचारिकताएं पूरी करने के बावजूद उसे शस्त्र लाइसेंस नहीं दिया जा रहा। लाइसेंस के लिए वह ट्रेनिंग से लेकर सभी औपचारिकताएं अपने खर्च पर पूरा कर चुकी है।
पीड़िता की मां ने बताया कि गैंगरेप का केस दर्ज होने के बाद से ही उसके परिवार को आरोपितों के परिजनों की ओर से केस वापस लेने की धमकियां दी जाने लगी थीं। मामला हरियाणा महिला आयोग के संज्ञान में आने के बाद तत्कालीन चेयरपर्सन प्रतिभा सुमन ने उसके परिवार को न सिर्फ पुलिस सुरक्षा उपलब्ध कराने, बल्कि परिवार की रक्षा के लिए शस्त्र लाइसेंस जारी कराने के निर्देश भी जारी किए थे। महिला का कहना है कि उसे और उसके परिवार को सुरक्षा के लिए गार्द तो मिली हुई है, लेकिन शस्त्र लाइसेंस नहीं बनाया जा रहा। 'हरिभूमि' से बातचीत में पीड़िता की मां ने बताया कि करीब साढ़े 3 साल पहले उसने शस्त्र लाइसेंस के लिए आवेदन किया था। इसके बाद उसकी ट्रेनिंग कराई गई। नारनौल तक ट्रेनिंग के लिए भेजा गया। थाने और चौकी में चक्कर लगाने के बाद फाइल एसपी ऑफिस आई। वह बार-बार चक्कर लगाती रही। इस पर उसका मोटा पैसा खर्च हो चुका है।
25 जनवरी को निकली थी फाइल
पीड़िता की मां के अनुसार गत 25 जनवरी को शस्त्र लाइसेंस की फाइल एसपी ऑफिस से निकलकर डीसी ऑफिस पहुंच गई। यहां भी वह कई दिनों से चक्कर लगा रही है। अब डीसी ऑफिस के कर्मचारियों ने उसे जवाब दिया है कि उसे नए सिरे से फाइल लगानी होगी। महिला ने बताया कि वह सुबह से भूखी-प्यासी डीसी कार्यालय के बाहर बैठी हुई है, परंतु उसकी कोई सुनवाई नहीं हो रही। उसने बताया कि चाहे कितना भी समय लग जाए, अब वह लाइसेंस बने बिना यहां से नहीं उठेगी।
डीसी बोले मामला मेरी जानकारी में नहीं
शस्त्र लाइसेंस की प्रक्रिया पूरी होने में समय लगता है। यह मामला मेरी जानकारी में नहीं है। महिला मुझसे मिली ही नहीं है। अगर मुझसे मिलेगी तो उसकी समस्या का तत्काल समाधान करा दिया जाएगा। -यशेंद्र सिंह, डीसी, रेवाड़ी।
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