डब्ल्यूएफपी और हरियाणा सरकार बीच समझौता : खाद्य और पोषण सुरक्षा के लक्ष्यों को हासिल करने में मिलेगा सहयोग

हरियाणा सरकार के खाद्य और पोषण सुरक्षा कार्यक्रम में उस समय एक महत्वपूर्ण कड़ी जुड़ गई जबकि संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) और हरियाणा के विदेश सहयोग विभाग बीच एक समझौता हुआ। इस समझौता ज्ञापन पर विदेश सहयोग विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव योगेंद्र चौधरी की उपस्थिति में विभाग के महानिदेशक अनंत प्रकाश पांडेय ने और भारत में संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम के प्रतिनिधि और कंट्री-डायरेक्टर बिशोव पराजुली ने हस्ताक्षर किए। इस समझौते का मुख्य उद्देश्य खाद्य और पोषण सुरक्षा के लक्ष्यों को हासिल करने में योगदान देना है। इससे डब्ल्यूएफपी और हरियाणा राज्य के बीच की जाने वाली रणनीतिक पहलों के लिए आपसी समझ और दोस्ती में सुधार होगा, आपसी संबंधों को मजबूती मिलेगी।
संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम के प्रतिनिधि और कंट्री-डायरेक्टर बिशोव पराजुली ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने से पूर्व कहा कि आज का समझौता विश्व खाद्य कार्यक्रम और हरियाणा सरकार के बीच पहले से पायलट के तौर पर चल रहे 'स्वचालित अनाज वितरण मशीन' एव अन्नपूर्ति कार्यक्रम पर आधारित है। उन्होंने कहा कि हरियाणा ने खाद्य सुरक्षा प्रबंधन को मजबूत करने पर बहुत कुछ किया है। इस साझेदारी के माध्यम से हमारा लक्ष्य अन्य गतिविधियों के अलावा, खाद्य और पोषण सुरक्षा के क्षेत्र में सर्वोत्तम प्रथाओं को सांझा करके इस क्षेत्र के तकनीकी विशेषज्ञों को क्रॉस लर्निंग के लिए एक साथ लाना भी है।
विदेश सहयोग विभाग के महानिदेशक अनंत प्रकाश पांडेय ने इस अवसर पर कहा कि राज्य सरकार लोगों को खाद्य सुरक्षा प्रदान करने और सतत विकास लक्ष्यों हेतु राष्ट्रीय लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। इन प्रयासों को और अधिक मजबूत करने के लिए साझेदारी के माध्यम से डब्ल्यूएफपी की वैश्विक और राष्ट्रीय विशेषज्ञता का लाभ उठाया जाएगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार डब्ल्यूएफपी के साथ सहयोग से आपूर्ति श्रृंखला अनुकूलन और सार्वजनिक वितरण प्रणाली सुधारों के कार्यान्वयन, वित्तीय और सामाजिक समावेश सहित महिला सशक्तिकरण, जलवायु अनुकूलन और लचीली खाद्य प्रणाली जैसे अन्य क्षेत्रों का पता लगाएगी जिनमें सांझा रूप से आगे बढ़ा जा सके।
उन्होंने आगे कहा कि इस कॉपरेशन-फ्रेमवर्क के तहत, डब्ल्यूएफपी तकनीकी सहायता प्रदान करके मौजूदा क्षमताओं को मजबूत करने और मौजूदा प्रणालियों को ठोस रूप से बनाने के लिए ज्ञान, कौशल और विशेषज्ञता के हस्तांतरण और आदान-प्रदान की सुविधा प्रदान करेगा। उन्होंने बताया कि साझेदारी की अवधि पांच वर्ष की होगी।
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