पर्वतारोही अनीता कुंडू का खराब मौसम ने रास्ता रोका, मुश्किल से बचा पाईं जान

पर्वतारोही अनीता कुंडू का खराब मौसम ने रास्ता रोका, मुश्किल से बचा पाईं जान
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अनीता का परिवार उनकी पूरी टीम लगातार कंपनी से संपर्क बनाएं हुए है, अभी तक अनीता से बात नहीं हो पाई है।

विश्व विख्यात पर्वतारोही अनिता कुंडू माउंट ल्होट्से के बहुत करीब पहुंच गई थी, पर अचानक हुए खराब मौसम ने उनका रास्ता रोक लिया। और उन्हें पीछे हटने के लिए मजबूर कर दिया। वे वापिस कैंप नंबर चार में आई। मुश्किल से अपनी जान बचा पाई है। हालात बहुत खराब है। अभी ज्यादा उनके बारे में कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। अनीता का परिवार उनकी पूरी टीम लगातार कंपनी से संपर्क बनाएं हुए है, अभी तक अनीता से बात नहीं हो पाई है।

उधर दो पर्वतारोहियों को जिंदगी से हाथ धोना पड़ा। जो एवरेस्ट फतह करके वापिस लौट रहे थे। एक स्विटजरलैंड से Mr. Abdul Waraich और एक अमेरिका से Mr. Puwel Liu थे। शेरपाओं लोगों ने उन्हें बचाने के लिए एक्स्ट्रा ऑक्सीजन भी दी, हर तरह से उनकी मदद की पर उनको नहीं बचा पाए।

अनीता के परिवार जनों ने बताया की एवरेस्ट और ल्होट्से में 8000 मीटर तक समान रूप से कैंप लगते है। जब मौसम खराब हुआ अनीता 8200 मीटर पे थी, आज सुबह वे शिखर में होती। पर खराब मौसम ने उनकी मुसीबतों को बढ़ा दिया और उनको वापिस थोड़ा नीचे आना पड़ा। अनीता अभी तक भी सुरक्षित जॉन में नहीं है।

अनीता 10 अप्रैल को नेपाल गई थी, कुछ दिन के बाद उन्होंने 21 अप्रैल को नेपाल की 6119 मीटर ऊंची चोटी माउंट लोबुचे को फतेह किया था। वहां से नीचे आने के बाद दूसरी तरफ एवरेस्ट/ल्होट्से के बेस कैंप में पहुंची थी। जिसकी ऊंचाई 5400 मीटर है। यहां से अनीता ने सफल रोटेशन किया और वे 7300 मीटर तक जाके वापिस बेस कैंप आई थी। अभी अनीता 9 अप्रैल को रात 12 बजे बेस कैंप से निकले थे। अगर मौसम साथ देता तो 13 अप्रैल को अपना राष्ट्रीय ध्वज शिखर में लहराता। अनीता 12 साल से पर्वतारोहण के साहसिक खेल को खेल रही है। उन्होंने हिंदुस्तान की अनेकों चोटियों को फतेह करते हुए दुनियां की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को तीन बार फतेह किया है। वे नेपाल और चीन दोनों ही रास्तों से माउंट एवरेस्ट को फतेह करने वाली हिंदुस्तान की प्रथम बेटी है। उन्होंने सभी महाद्वीपों के ऊंचे शिखरों को भी फतेह किया है। अंटार्कटिका की सबसे ऊंची चोटी विनसन मासिफ, अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी किलिमंजारो, यूरोप के सबसे ऊंचे शिखर एल्बर्स, दक्षिण अमेरिका की एकोनकागुआ, ऑस्ट्रेलिया की कार्सटेंस पिरामिड शिखर को भी फतेह किया। उतरी अमेरिका की देनाली पर भी उन्होंने संघर्ष किया। माउंट एवरेस्ट के समान ही माउंट मनास्लू को भी अनीता ने फतेह किया है।

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