सांसद दीपेंद्र हुड्डा का सरकार से सवाल : किसानों को निर्ममता से कुचलने वाले आजाद और हम पुलिस गिरफ्त में क्यों

दो दिनों से कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के साथ सीतापुर में पुलिस गिरफ्त में रह रहे सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने सरकार से सवाल पूछा है कि क्या इस देश में मृतक किसानों के परिजनों के आंसू पोंछना अपराध है? यदि नहीं, तो किसानों को निर्ममता से कुचलने वाले 'आज़ाद' और कुचले गए किसानों के परिजनों के आंसू पूछने वाले पुलिस 'गिरफ्त' में क्यों हैं? क्या दुःख की घड़ी में किसानों के साथ विपक्ष खड़ा भी नहीं हो सकता? क्या इस देश की संसद ऐसे दिल-दहला देने वाली घटना पर मूक हो जायेगी? उन्होंने कहा कि देश की जनता के लिये सोचने का समय आ गया है कि वो कुचलने वालों का साथ देगी या कुचले जाने वालों के लिए लड़ेगी। शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ लखीमपुर खीरी में जो हृदयविदारक घटना हुई है क्या देश उसे सहन करेगा? कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और सांसद दीपेन्द्र हुड्डा को 2 दिनों से पुलिस हिरासत में रखे जाने के बाद गिरफ्तार करने को लेकर पूरे हरियाणा में काफी रोष है।
दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि किसान परिवारों में 'मातम' छाया हुआ है और लखनऊ में 'उत्सव' मनाया जा रहा है। इस देश में यदि कुछ नैतिक मूल्य बचे हैं तो केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और हरियाणा के मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना चाहिए नहीं तो उन्हें बर्खास्त किया जाना चाहिए। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि प्रजातंत्र के साथ ये कैसा क्रूर मजाक है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे किसानों को सबक सिखाने की बात करते हैं और हरियाणा के मुख्यमंत्री किसानों के खिलाफ डंडे उठाने की बात करते हैं। जनता को उकसाने वाली ऐसी ही बेलगाम बयानबाजियों का नतीजा है कि मंत्री के पुत्र ने अपनी गाड़ी से किसानों को कुचल दिया।
उन्होंने कहा कि वो किसानों पर बेतहाशा जुल्म ढाने वाली सरकार को चेताना चाहते हैं कि प्रजातंत्र में सरकारें बदलती रहती हैं। वक्त को बदलते वक्त नहीं लगता। जो आज सत्ता के शिखर पर बैठे हैं, कल वो सड़क पर भी आ सकते हैं और अतीत में ऐसा होता रहा है। सरकार में बैठे लोगों को ये नहीं भूलना चाहिए कि प्रजातंत्र में शासक रानी के पेट से पैदा नहीं होता अपितु मतपेटी से पैदा होता है और इसे आम जनता पैदा करती है। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि जनता की दी हुई सत्ता की ताकत का प्रयोग उसी जनता के खिलाफ करना उनकी बड़ी भूल होगी और जनता आगामी चुनाव में एक-एक सरकारी जुल्म का हिसाब लेगी।
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