एनआईडी कुरुक्षेत्र के विद्यार्थियों की मांग को सांसद नायब सिंह सैनी ने सदन में उठाया

सांसद नायब सिंह सैनी (Nayab Singh Saini) ने कहा कि राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान (National Institute of Design) उमरी के साथ-साथ अन्य शिक्षण संस्थानों और सैंकड़ों ग्रामीणों को रोजाना राष्ट्रीय राजमार्ग-44 को क्रॉस करना पड़ता है। इस राष्ट्रीय राजमार्ग को क्रॉस करते समय कई दुर्घटनाएं भी घटित हो चुकी है। इन दुर्घटनाओं को रोकने और विद्यार्थियों व ग्रामीणों की सुविधा के लिए एनएच-44 पर भूमिगत मार्ग बनाने के लिए संसद में मांग को उठाया गया है और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को एक मांग पत्र भी सौंपा गया है।
सांसद नायब सिंह सैनी ने सोमवार को लोकसभा में कुरुक्षेत्र के विद्यार्थियों और ग्रामीणों की मांग को पुरजोर रखते हुए कहा कि उनकी लोकसभा के गांव उमरी में हरियाणा की नहीं अपितु पूरे उत्तरी भारत का एकमात्र राष्ट्रीय डिजाईन संस्थान है, जिसमें पंचायती राज विभाग का एक रास्ता जो ग्राम पंचायत की भूमि, पोलीसरी झिड़ा बाजीगर की तरफ से एनएच-44 तक की ही जाता है। इसके आगे संस्थान तक जाने के लिए एनएच-44 को पार करना पड़ता है और इस राष्ट्रीय राजमार्ग को पार करते समय कई दुर्घटनाएं भी हो चुकी है। इतना ही नहीं हर समय दुर्घटना होने की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि गांव उमरी की जनसंख्या लगभग 15 हजार के आसपास है और लगभग 135 एकड़ ग्राम पंचायत की जमीन एनएच-44 के दूसरी तरफ है। इस ग्राम पंचायत का एक डेरा झिड़ा बाजीगर है, जिसकी जनसंख्या 1400 के आसपास है। इस डेरा झिड़ा बाजीगर व आसपास के गांव के जो विद्यार्थी रोजाना राजकीय स्कूल उमरी में जाते है और एनआईडी में आने वाले विद्यार्थियों, कर्मचारियों को एनएच-44 क्रॉस करना पड़ता है। उन्होंने सदन में मांग की है कि एनएच-44 पर भूमिगत पैदल रास्ते का निर्माण जल्द से जल्द करवाया जाए ताकि भविष्य में किसी प्रकार की दुर्घटना न हो सके।
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