मुलायम सिंह का हरियाणा से भी रहा गहरा नाता, रेवाड़ी में बहन के घर आना नहीं भूलते थे सपा सरंक्षक

मुलायम सिंह का हरियाणा से भी रहा गहरा नाता, रेवाड़ी में बहन के घर आना नहीं भूलते थे सपा सरंक्षक
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अंतिम बार वे वर्ष 2017 में यहां एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आए थे। इससे पहले प्रदेश के पूर्व सीएम व अहीरवाल के दिग्गज नेता राव बिरेंद्र सिंह के निवास पर भी उनका आवागमन होता रहता था।

हरिभूमि न्यूज : रेवाड़ी

पूर्व रक्षा मंत्री व उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव का हरियाणा से भी गहरा नाता रहा है। जब उन्होंने कभी हरियाणा की ओर रुख किया, तो रेवाड़ी में अपनी बहन से मिलने के लिए आना नहीं भूले। अंतिम बार वे वर्ष 2017 में यहां एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आए थे। इससे पहले प्रदेश के पूर्व सीएम व अहीरवाल के दिग्गज नेता राव बिरेंद्र सिंह के निवास पर भी उनका आवागमन होता रहता था।

मुलायम सिंह यादव की चचेरी बहन कुसुमलता रेवाड़ी में ही रहती हैं। बहन के प्रति लगाव उन्हें समय-समय पर रेवाड़ी की ओर खींच लाता था। वर्ष 1997 में देश के रक्षा मंत्री रहते हुए भी वह रेवाड़ी आए थे। इससे पहले उनका वर्ष 1994 में आना हुआ था। कई बार वह व्यक्तिगत और पारिवारिक आयोजनों में शरीक होने के लिए यहां आए थे। उनकी बहन के नवासे विराटवीर यादव के अस्पताल का उद्घाटन करने के लिए वर्ष 2017 को अंतिम बार उनका रेवाड़ी आना हुआ था। यहां आगमन के दौरान वह अपने रिश्तेदारों के साथ-साथ प्रशंसकों और सहयोगियों से मिलना नहीं भूलते थे। उनके आगमन की सूचना के बाद समूचे अहीरवाल क्षेत्र से बड़ी संख्या में उनके चाहने वाले एक झलक पाने को बेताब हो जाते थे।

राव के साथ रहे अच्छे संबंध

वरिष्ठ नेता वेदप्रकाश विद्रोही ने बताया कि वह मुलायम सिंह यादव की राजनीति से प्रभावित होते हुए उनके साथ काफी समय तक जुड़े रहे। उनका राव बिरेंद्र सिंह के साथ दोस्ताना संबंध होने के कारण जब भी वह राव से मिलने के लिए आते थे, तो उन्हें भी मुलायम से मिलने का मौका मिल जाता था। उन्होंने बताया कि मुलायम ने उन्हें यूपी की राजनीति में अपने साथ जोड़ने के संकेत भी दिए थे, परंतु वह वहां जाने के लिए तैयार नहीं हुए थे।

इलाके में सपा का नहीं बना पाए वजूद

समाजवादी पार्टी की स्थापना करने के बाद उन्होंने हरियाणा में इसका जनाधार स्थापित करने के प्रयास किए थे, परंतु इसमें उन्हें सफलता नहीं मिल पाई थी। यादव वोट बैंक के सहारे वह पार्टी की स्थापना के बाद से ही अहीरवाल क्षेत्र में अपने पैर जमाने के लिए प्रयास करते नजर आए थे, परंतु कद्दावर नेता नहीं मिलने के कारण सपा इस क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं करा पाई थी।

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