राज्य में नगर निकायों को आर्थिक तौर पर किया जाएगा मजबूत, हरियाणा सरकार ने बनाया यह प्लान

योगेंद्र शर्मा. चंडीगढ़
आर्थिक चुनौतियों से जूझ रहे नगर निकायों ( Municipal Bodies ) में अहम स्थानों पर खाली बेशकीमती जमीनों को लेकर शहरी निकाय मंत्री के निर्देशों पर स्पेशल कमेटी का गठन विभागीय निदेशक के नेतृत्व में कर दिया है। कमेटी में निगमों के आयुक्त और कईं अनुभवी अफसर शामिल किए गए हैं, कमेटी पूरे राज्य में निकायों की संपत्ति का ब्योरा सामने रखकर उसके बाद उनके उपयोग को लेकर राय देगी। कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद में राज्य सरकार इस पर अंतिम फैसला लेगी।
यहां पर उल्लेखनीय है कि कोविड महामारी संक्रमण की दूसरी लहर से पहले हरियाणा शहरी निकाय मंत्री अनिल विज ने हरियाणा के शहरी निकाय विभाग के आला-अफसरों के साथ मंथन कर भविष्य के लिए निकायों को आर्थिक तौर पर मजबूत करने के लिए ठोस नीति बनाने के लिए कहा था। अफसरों की ओर से (एक्शन प्लान) कार्य-योजना तैयार भी की गई थी। जिसमें सबसे पहला सुझावसभी नगर निगमों और निकायों को एक माह के अंदर शहरों, कस्बों में अहम स्थानों पर खाली पड़ी जमीनों का ब्योरा तैयार कर प्रदेश मुख्यालय को भेजने के लिए कहा था। इतना ही नहीं, उन स्थानों पर किस तरह का भवन, दुकानें, शोरुम, बैंक्वेट हाल, गेस हाउस आदि क्या संभावनाएं हैं? यह भी बताना था।
सूत्र बताते हैं कि निकायों की ओर से स्थानीय स्तर पर इसे चिन्हित तो कर लिया गया लेकिन मुख्यालय पर अभी तक नहीं आ सका था। अब एक बार फिर से मंत्री द्वारा निर्देश दिए जाने के बाद इस काम में तेजी आई है। सभी निकायों, निगमों, नगर पालिका, नगर परिषदों को इसे तैयार रखने को कहा गया है। उच्चपदस्थ सूत्रों का कहना है कि हरियाणा शहरी निकाय विभाग के निदेशक की अध्य़क्षता में गठित कमेटी सभी शहरों की इस संपत्ति को लेकर एक रिपोर्ट तैयार करेगी, जिसमें इसके उपयोग और लाभ बताए जाएंगे ताकि निकाय आर्थिक तौर पर मजूबत रहें। कमेटी शहरी निकाय मंत्री अनिल विज के सामने अपनी रिपोर्ट रखेगी, जिसके बाद में निकायों की बेशकीमती संपत्ति को लेकर कोई भी फैसला सरकार को लेना होगा।
सीएम और मंत्री ने निकायो को किया साफ आर्थिक तौर पर खुद हों मजबूत
सीएम हरियाणा खुद निगमों के मेयर और अफसरों की बैठक लेकर साफ कर चुके हैं कि राज्य सरकार पर निर्भर नहीं होकर निकायों को आर्थिक तौर पर मजूबत होना होगा। जिसके लिए आय के साधन तैयार करने होंगे। इसी तरह से शहरी निकाय मंत्री अनिल विज ने भी साफ कर दिया है कि सभी निगमों, नगर परिषदों, नगर पालिकाओं को वित्तीय तौर पर मजबूत होना होगा, इसके लिए सभी शहरों,कस्बों में पड़ी जमीनों के बेहतर से बेहतर उपयोग करना होगा। साथ ही साफ कर दिया गया है कि जमीनों का दुरुपयोग और कब्जे आदि नहीं होने चाहिएं। इसके अलावा आमदनी बढ़ाने के लिए वहां पर गेस्ट हाउस, शोरुम, दुकानें बैंक्वेट हाल आदि बनाने संबंधी योजना का प्रस्ताव तैयार करें। प्रस्ताव आने के बाद में मुख्यालय से इन पर हरिझंडी दिए जाने के बाद में निर्माण आदि का काम भी शुरु हो जाएगा।
कमर्शियल साइटों और अहम स्थानों पर पेट्रोल पंप व बूथ भी
नगर निकायों की बेशकीमती जमीनों का सर्वे हो जाने के बाद में इनमें पेट्रोल पंप और बूथ आदि स्थापित करने की तैयारी भी है। निकायों में खर्चे और वेतन आदि निकालने की दृष्टि से उन्हें आत्मिनर्भर करने की तैयारी है। नगर निकायों, निगमों में बकाया राशि की वसूली को लेकर खुद मंत्री बेहद ही गंभीर हैं। काफी समय पहले पानीपत नगर निगम कमिश्नर को मंत्री ने निलंबित भी कर दिया गया था। गृहकर एवं कर्मिशयल टैक्स की वसूली ठीक तरह से नहीं कर पाने पर नगर निगम कमिश्नर को निलंबित कर दिया गया था। वैसे, अभी भी नगर परिषदों, नगर पालिका में भी सरकार हजारों करोड़ बकाया पड़ा हुआ है।
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