नगर परिषद चुनाव : 'कप्तान' की सल्तनत बरकरार रहेगी या हिसाब चुकता करेंगे राव

नगर परिषद चुनाव :  कप्तान की सल्तनत बरकरार रहेगी या हिसाब चुकता करेंगे राव
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दोनों के बीच होने वाले आमने-सामने की चुनावी लड़ाई को निर्दलीय उपमा यादव (पूर्व जिला प्रमुख सतीश यादव) व निर्मला राव (पूर्व नप चेयरमैन विजय राव) की पत्नी ने कड़ी प्रतिस्पर्धा के साथ चुनाव प्रचार खत्म होने तक रोचक बनाए रखा।

मोहन भारद्वाज : रेवाड़ी

विधानसभा चुनाव 2019 में 233893 वोटों वाली रेवाड़ी विधानसभा में भाजपा ने राव इंद्रजीत सिंह समर्थक सुनील मुसेपुर (42555) व कांग्रेस ने पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव के बेटे चिरंजीव राव (43870) को मैदान में उतारा था। चुनाव में राव बनाम कैप्टन के बीच होने वाली आमने-सामने की चुनावी जंग को निर्दलीय पूर्व विधायक रणधीर सिंह कापड़ीवास (36778) व जिला पार्षद प्रशांत उर्फ सन्नी (22104) ने रोचक बना दिया तथा अंत में 1317 वोट से मिली जीत से बाजी कैप्टन के हाथ लगी थी।

नगर परिषद चुनाव में राव समर्थक पूनम यादव को भाजपा व कैप्टन परिवार की पुत्रवधू विक्रम यादव को कांग्रेस की टिकट मिलने से कुछ ऐसी ही तस्वीर बनी। दोनों के बीच होने वाले आमने-सामने की चुनावी लड़ाई को निर्दलीय उपमा यादव (पूर्व जिला प्रमुख सतीश यादव) व निर्मला राव (पूर्व नप चेयरमैन विजय राव) की पत्नी ने कड़ी प्रतिस्पर्धा के साथ चुनाव प्रचार खत्म होने तक रोचक बनाए रखा। 107551 मतदाताओं वाली रेवाड़ी नगर परिषद चेयरमैन चुनाव में 6 महिला उम्मीदवार हैं। जिनमें कांग्रेस की विक्रम यादव व भाजपा की पूनम यादव को निर्दलीय उपमा व निर्मला राव से कड़ी टक्कर दी। मुकाबले को रोचक बनाने में भाजपा से बागी होकर बसपा के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरी मंजू चोकन की भी अहम भूमिका मानी जा रही है।

हालांकि मतदादन संपन्न होने तक एक निर्दलीय के जीत के रेस से बाहर होने के साथ ही मुकाकला तिकोना होने की चर्चाओं ने अचानक तेजी पकड़ ली। ऐसे में अब देखना होगा कि 30 दिसंबर को होने वाली मतगणना में विक्रम यादव की जीत के साथ कैप्टन अजय यादव रेवाड़ी शहर में अपनी राजनीतिक सल्तनत को बरकार रखेंगे या फिर राव इंद्रजीत सिंह विधानसभा चुनाव में मिली हार का हिसाब चुकता करने में सफल होंगे। राव व कैप्टन की चुनावी जंग में जीत का सेहरा निर्दलीय के सिर बंधा तो आने वाले दिनों में रेवाड़ी को एक नए राजनीतिक विकल्व की नींव पड़ने का रास्ता साफ हो जाएगा।

जैलदार परिवार को पूर्व सरपंच की चुनौती

धारूहेड़ा में पहले पंचायत और फिर नगर पालिका में जैलदार परिवार का दबदबा रहा है। 2010 में नगर पालिका बनने से पहले जैलदार परिवार को चुनौती देकर सरपंच बने कंवर सिंह पहली बार सीधे हो रहे चेयरमैन चुनाव में एक बार फिर जैलदार परिवार के सामने कड़ी चुनौती दे रहे हैं। जैलदार परिवार से भाजपा-जजपा उम्मीदवार राव मान सिंह के मुकाबले वरिष्ठ भाजपा नेता राव शिवरत्न के बेटे शिवदीप ने भाजपा से बागी होकर चुनाव ताल ठोक दी। उनके साथ भाजपा युवा विंग के जिलाध्यक्ष संदीप बोहरा भी चुनाव मैदान में हैं। जैलदार परिवार के दो उम्मीदवारों सहित 10 उम्मीदवारों में से पूर्व सरपंच कंवर सिंह को चेयरमैन पद की दौड़ में एक बार फिर जैलदार परिवार के लिए पूर्व सरपंच कंवर सिंह को चुनाव संपन्न होने के बाद बड़ी चुनौती माना जाने लगा है। 2010 में धारूहेड़ा को नगर पालिका का दर्जा मिलने से पहले कंवर सिंह जैलदार परिवार को हराकर ही सरपंच बने थे।

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