निकाय चुनाव : रूठों को मनाने का सिलसिला आरंभ, वार्ड पार्षदों की खींचतान व वोटों के बंटवारे के डर से गड़बड़ाए चेयरमैन प्रत्याशियों के समीकरण

हरिभूमि न्यूज : नांगल चौधरी
नामांकन प्रक्रिया के दौरान एक ही वार्ड से चार-पांच उम्मीदवारों ने पर्चा भर दिया। जिनमें खींचतान होने का खामियाजा चेयरमैन उम्मीदवारों को भुगतना पड़ सकता है। इसके अलावा एक ही समाज के कई नामांकन होने से मुकाबला रोचक व नजदीकी रहने के आसार हैं। अपनी जीत को सुनिश्चित करने के लिए समर्थन में नामांकन वापस करवाने के प्रयास तेज हो गए, लेकिन इस दौरान उन्हें पुरानी रंजिश या अनदेखी को लेकर खरी-खरी सुनने को मिल रही हैं।
गौरतलब है कि चुनाव आयोग द्वारा जारी शेड्यूल के मुताबिक नांगल चौधरी नपा का चुनाव 19 जून को होना है। इसके लिए नामांकन जमा करवाने की अवधि चार जून को खत्म हो चुकी है। नपा के विभिन्न वाडोंर् में 58 पार्षद प्रत्याशी व 18 चेयरमैन पद के लिए पर्चे भरे गए हैं। सूत्रों की मानें तो चेयरमैन के सात नामांकन बतौर कवरिंग प्रत्याशी जमा हुए हैं, जो सात जून को विड्राल हो जाएंगे। 11 उम्मीदवार मैदान में रहेंगे, जिनमें चार जाट, पांच सैनी, दो यादव समाज से तालुक रखते हैं। एक समाज से कई उम्मीदवार होने की स्थिति में मुकाबला रोचक और नजदीकी रहेगा। ऐसे हालातों में भीतरघात होने पर चुनाव के परिणाम अप्रत्याशित रह सकते हैं। जिस कारण सभी उम्मीदवार चौकन्ने हो गए। समर्थन में नामांकन वापस कराने के लिए उन्होंने भागदौड़ शुरू कर दी, लेकिन जीत को लेकर आश्वस्त प्रत्याशी सीधे मुंह बात करने को तैयार नहीं होता। समाज की बैठक करके एकजुटता के भी प्रयास हैं, लेकिन चर्चाओं के मुताबिक एक बिरादरी एकजुट होते ही अन्य समाज भी संगठित हो सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि नपा में 2295 जाट, 1086 यादव, 1022 ब्राह्मण व 1915 सैनी समाज के वोट हैं। एक बिरादरी एकजुट होने पर भी अपना उम्मीदवार को विजयी नहीं बना पाएगी, क्योंकि करीब 3880 मतदाता अन्य बिरादरी से हैं, जिनमें भी एक प्रत्याशी चुनाव लड़ रहा है। मुकाबला कड़ा रहने की उम्मीद के चलते प्रत्याशियों ने रात के अंधेरे में मतदाताओं का मन टटोलना आरंभ कर दिया। कोई पुराना गिला-शिकवा उजागर होने पर कई उम्मीदवार माफी भी मांगने लगे हैं, ताकि समीकरणों पर नाराजगी का प्रभाव नहीं पड़े।
सभी जातियों के वोट मिलने पर जीत संभव
राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक बहुकोणीय मुकाबले में किसी एक जाति के वोटों से जीत मिलना संभव नहीं हो पाएगा। प्रत्याशियों को अपने समाज के वोटों पर पकड़ बनाने के साथ अन्य वोटरों से संपर्क साधना पड़ेगा। इसके लिए राजनीतिक दांवपेच व रिश्तेदाराें की मार्फत दबाव तेज करने की चर्चाएं हैं। इसके साथ बूथ पर सक्रियता व मतदान प्रतिशत भी चुनाव परिणाम में उलट-फेर कर सकता है।
चेयरमैन उम्मीदवारों को वार्ड पार्षदों की खींचतान से वोट कटने की आशंका
नांगल चौधरी नपा में जिन वार्डों से चेयरमैन प्रत्याशी हैं, उनमें पार्षद उम्मीदवारों के चार-पांच नमांकन हैं। अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए पार्षदों में खींचतान हो सकती है। ऐसी हालातों में चेयरमैन प्रत्याशी को वोटों का संतुलन बनाए रखना मुश्किल हो जाएगा। चर्चाओं के मुताबिक कुछ लोग पार्षद उम्मीदवारों के साथ चेयरमैन वोटों का तबादला कर सकते हैं।
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