निकाय चुनाव : दो नांव पर सवार हैं भावी उम्मीदवार, कौन सी पार्टी लगाएगी नैया पार

निकाय चुनाव : दो नांव पर सवार हैं भावी उम्मीदवार, कौन सी पार्टी लगाएगी नैया पार
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अगर पार्टी उन उम्मीद्वारों को टिकट नहीं देती तो दूसरी पार्टी से चुनावी ताल ठोकने के लिए भी जोर अजमायश कर रहे हैं। बकायदा उन उम्मीद्वारों की दूसरी पार्टी के आकाओं से बातचीत भी हो चुकी है। साथ ही भय यह भी सता रहा है कि खुद की पार्टी को छोड दूसरी पार्टी का दामन भी थामे और टिकट भी न मिले।

सतेंद्र पंडित : जींद

औरतों का मुखौटा लगाकर नप चुनाव में ताल ठोक रहे पार्टियों से जुडे भावी अध्यक्ष पद उम्मीद्वार पार्टी हाइकमान की तरफ टकटकी लगाकर देख रहे है। बाहरी तौर पर खुद को टिकट पक्की होने की बात अपने समर्थकों के बीच रख रहे है। हकीकत में पार्टी से जुडे उन भावी उम्मीदवारों की जान संशय में फंसी हुई है। पार्टियों से जुडे भावी उम्मीदवार दूसरी पार्टियों के संपर्क में भी है। यानि फिलहाल वे दो नाव पर सवारी कर रहे हैं।

अगर पार्टी उन उम्मीदवारों को टिकट नहीं देती तो दूसरी पार्टी से चुनावी ताल ठोकने के लिए भी जोर अजमायश कर रहे हैं। बकायदा उन उम्मीदवारों की दूसरी पार्टी के आकाओं से बातचीत भी हो चुकी है। साथ ही भय यह भी सता रहा है कि खुद की पार्टी को छोड दूसरी पार्टी का दामन भी थामे और टिकट भी न मिले। पार्टियां किसको टिकट थमाएंगी यह तो आने वाला समय ही बताएगा लेकिन पार्टी कैडरों से जुड़े उन भावी उम्मीदवारों की सांसे जरूर अटकी हुई है।

दावेदार को अकेला छोड, खिसक गए नेता

नप चुनाव के दौरान रोचक मामले भी सामने आ रहे हैं। ऐसा ही मामला शुक्रवार को देखने को मिला। संभावित भावी पार्टी प्रत्याशी पिछले एक साल से पार्टी में अच्छा कार्य कर रही है। पिछले छह माह से समाज सेवा में भी खूब जुटी हुई है और पार्टी के समक्ष नप अध्यक्ष पद को लेकर अपनी दावेदारी भी की हुई है। शुक्रवार को पार्टी नेताओं का कार्यक्रम था, आयोजक भावी उम्मीद्वार थी। हैरानी उस समय हुई जब भावी उम्मीद्वार ने चाय पानी की व्यवस्था की हुई थी। पार्टी के नेता बगैर जलपान किए तेजी से वहां से खिसक गए। उस भावी उम्मीद्वार पर नेताओं का रवैया किस कदर अखरा होगा इसका अंदाजा सहज लगाया जा सकता है। जबकि भावी उम्मीदवार पार्टी में महिला विंग की जिला अध्यक्ष भी है।

टिकट नहीं मिली तो देखेंगे माहौल, नहीं तो टांग खिचाई लाजमी

पार्टियों से जुडे भावी अध्यक्ष पद उम्मीद्वार टिकट को लेकर पार्टी हाइकमान की तरफ तो टकटकी लगाकर देख ही रहे हैं अगर टिकट नहीं मिलती तो वे चुनाव में उतरेंगे, इसको लेकर भी पक्का नहीं है। सोशल मीडिया पर जोर शोर से प्रचार किया जा रहा है। असरदार लोगों से लॉबिंग भी की जा रही है। शहर में पोस्टर तथा होर्डिंग भी उनके दिखाई दे रहे हैं। पार्टी हाइकमान का फैसला भी मानने की बात भी कह रहे है। अंदरूनी तौर पर यह भी साफ संकेत दे रहे है कि अगर उन्हें पार्टी ने टिकट नहीं दिया तो टिकट हथियाने वाले की टांग खिंचाई भी करने से गुरेज नहीं करेंगे, चाहे अंदरूनी तौर पर किसी का समर्थन क्यों न करना पड़े।

टिकट घोषित न होने से बढ़ रही उम्मीद्वारों में बैचेनी

नप चुनाव 19 जून को होने है, नामांकन प्रक्रिया 30 मई से शुरू होने जा रही है। जो लोग मुख्य पार्टियों से जुडे है टिकटें घोषित न होने से उन उम्मीद्वारों की बैचेनी बढ़ी हुई है। जिसके चलते चुनाव प्रचार में अपनी पूरी ताकत नहीं झोंक पा रहे है। जबकि निर्दलीय ताल ठोक रहे भावी उम्मीद्वार अपनी रणनीतियां बनाने के साथ साथ मतदाताओं के बीच पहुंचने शुरु हो गए है। नुक्कड की बजाए मतदाताओं के घर पहुंचकर वोट की अपील कर रहे है। काबिलेगौर है कि जींद नगर परिषद अध्यक्ष पद महिला के लिए आरक्षित है।

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