भूमि की रजिस्ट्री के लिए नगरपालिका की NOC अनिवार्य : वकीलों ने जताया रोष, बिना कार्यालय कहां से एनओसी लाएं आम आदमी

हरिभूमि न्यूज : बाढड़ा
बाढड़ा कस्बे की रिहायशी, कृषि व कमर्शियल भूमि की रजिस्ट्री पर तहसील प्रशासन ने आगामी आदेश तक अघोषित रोक लगा दी है। प्रशासन ने इसके लिए कस्बे के रकबे को नगरपालिका क्षेत्र मानते हुए भविष्य में नगरपालिका की एनओसी अनिवार्य करने का फैसला किया है वहीं वकीलों ने तहसील प्रबंधन की कार्यशैली पर कड़ा रोष जताया तथा प्रशासन को रजिस्ट्री बंद करने से पहले नगरपालिका का कार्यालय संचालन आरंभ करना चाहिए अभी तक एक भी कर्मचारी की तैनाती नहीं की गई और जबरदस्ती रजिस्ट्री बंद करना न्यायसंगत नहीं है।
तहसील प्रशासन ने बाढड़ा गांव व शहरी क्षेत्र के अलावा साथ लगते हंसावास खुर्द के नगरपालिका के दायरे में आने वाले क्षेत्र की कृषि, रिहायशी व वाणिज्यिक प्रयोग के लिए भूमि पंजीकरण प्रक्रिया को रोक दिया है। राजस्व विभाग का तर्क है कि अब बाढड़ा की भूमि ग्रामीण क्षेत्र नहीं बल्कि नगरपालिका के शहरी क्षेत्र के रुप में पोर्टल में दर्शाने से अब उनको पंजीकरण से पहले नगरपालिका की एनओसी जरूरी लेनी पड़ेगी। सरकारीतंत्र के इस फैसले से पिछले दस दिन से शहरी क्षेत्र की रजिस्ट्री बंद होने से जहां सरकार को करोड़ों की चपत लगी है वहीं आमजन को अपने प्लाट अपने नाम करवाने के लिए सरकारी विभागों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। बाढड़ा ग्राम पंचायत के रकबे पर अभी तक सामान्य स्टांप शुल्क पर ही जमीन पंजीकरण कार्य होता है लेकिन नगर पालिका निर्माण की अधिसूचना के बाद उनको शहरी तर्ज पर नए करों का भुगतान करना पड़ेगा।
कार्यालय ही नहीं तो कहां से लाएं एनओसी
अधिवक्ता संघ अध्यक्ष एडवोकेट संजीव श्योराण, अशोक श्योराण, अनिल मान लाड, जगतसिंह दगड़ौली इत्यादि अधिवक्ताओं ने एसडीएम संजय धतरवाल से मुलाकात कर बताया कि उपमंडल मुख्यालय को ग्राम पंचायत से नगर पालिका का दर्जा तो दिया गया लेकिन अभी तक न तो कार्यालय संचालन हुआ और न ही कोई अधिकारी तैनात नहीं किया गया है। अगर प्रशासन किसी अधिकारी की नियुक्ति करेगा तो वह पहले रिकार्ड लेगा और उसके बाद एनओसी प्रक्रिया आरंभ हो पाएगी। तहसील कार्यालय के अधिकारी मनमर्जी से रजिस्ट्री बंद करके आमजन को प्रताड़ित कर रहे हैं इसीलिए उनको रजिस्ट्री शुरू करवाने का आदेश दिया जाए। एसडीएम संजय कुमार ने उनको बताया कि वह उच्चाधिकारियों से चर्चा करके व नगरपालिका कार्य आरंभ होने की रिपोर्ट तलब कर आगामी कदम उठाकर उनकी समस्या का समाधान करवाएंगे।
प्रशासन पहले सुविधा दे, फिर नए टैक्स लगाए
इनेलो जिलाध्यक्ष विजय पंचगावां व हलकाध्यक्ष सत्यवान शास्त्री ने कहा कि नगरपालिका के नाम आमजन का शोषण सहन नहीं किया जाएगा। कस्बे में जगह जगह जलभराव, रात्रि को प्रकाश की व्यवस्था न होने व अन्य क्षेत्रों में उपेक्षा बरत रही है। पहले सरकार कस्बे में सभी मुलभूत सुविधाएं मुहैया करवाए तथा उसके बाद लोगों पर टैक्स लगाएं। अब रजिस्ट्री बंद करने से आमजन को उसका मालिकाना हक से भी महरुम किया जा रहा है जो किसी सूरत में स्वीकार्य नहीं किया जा सकता।
जल्द ही विभाग कार्य शुरु करने की उम्मीद
एसडीएम संजय धतरवाल ने बताया कि कस्बे को ग्राम पंचायत से अब नगरपालिका में अपग्रेड कर दिया गया है तथा राजस्व रिकार्ड अब ग्रामीण की बजाए शहरी दर्शा रहा है जिससे अब जरूरी योग्यताएं पूरी करनी पड़ेंगी। अभी जानकारी मिली है कि बाढड़ा नगरपालिका का कार्यभार लोहारु नगरपालिका के अधिकारियों को दी गई है तथा एक दो दिन में आकर वह कामकाज शुरु करने की उम्मीद है। वह रजिस्ट्री बंद करने की समस्या को लेकर उच्चाधिकारियों से चर्चा कर रहे हैं।
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