मुनमुन दत्ता उर्फ बबीता जी को नहीं मिली राहत, सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज की, यह था मामला

हरिभूमि न्यूज : हिसार
तारक मेहता का उल्टा चश्मा से मशहूर हुई टीवी अभिनेत्री मुनमुन दत्ता उर्फ बबीता जी ( Munmun Dutta ) को अनुसूचित जाति पर टिप्पणी के मामले में राहत नहीं मिली है। मुनमुन दत्ता ने सभी मुकदमों की जांच एक जगह कराने तथा अपने खिलाफ दर्ज सभी मुकदमों को खारिज कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट ( Supreme court ) में याचिका दायर की थी। मुनमुन दत्ता के वकील पुनीत बाली की तरफ से कहा गया कि मुनमुन दत्ता को उस शब्द का अर्थ मालूम नहीं था तथा अनजाने में उससे वीडियो में यह शब्द बोला गया।
इस पर हरियाणा सरकार तथा शिकायतकर्ता रजत कलसन के अधिवक्ता ने मुनमुन दत्ता पर जानबूझकर अनुसूचित जाति समाज के अपमान का आरोप लगाते हुए उसकी याचिका खारिज करने की मांग की। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मुनमुन दत्ता के खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला बनता है और मुनमुन दत्ता के खिलाफ दर्ज सभी मामलों को इंकार करते हुए उनकी जांच हांसी पुलिस द्वारा कराने का आदेश जारी किया तथा मुनमुन दत्ता की उसके खिलाफ दर्ज सभी मामलों को खत्म करने की याचिका खारिज कर दी। गौर हो कि दलित अधिकार कार्यकर्ता रजत कलसन ने मुनमुन पर थाना शहर हांसी में अनुसूचित जाति व जनजाति अत्याचार अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया था। इसके अतिरिक्त मुनमुन दत्ता के खिलाफ कथित टिप्पणी पर राजस्थान, दिल्ली, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र तथा उत्तर प्रदेश में भी मुकदमे दर्ज हुए थे।
पुलिस के समक्ष सरेंडर करना होगा : कल्सन
शिकायतकर्ता रजत कलसन ने कहा कि मुनमुन दत्ता के खिलाफ जिन धाराओं में मामला दर्ज है वह गैरजमानती है तथा इस मामले में मुनमुन दत्ता को खुद को हांसी पुलिस के समक्ष समर्पण करना होगा तथा उसे जेल भी जाना पड़ सकता है।
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