सरसों की फसल : बारिश के बाद अब पाले ने बढ़ाई किसानों की चिंता

सरसों की फसल : बारिश के बाद अब पाले ने बढ़ाई किसानों की चिंता
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वैसे तो रबी की फसल ठंड के बैगर पनपती नहीं,लेकिन अगर ज्यादा ठंड हो जाए तो नुकसान होना भी लाजिमी है। इस वक्त सरसों की फसल में फलियां बन रही है। फलियों में दाना एक.दो प्रतिशत ही पूरा हुआ है।

हरिभूमि न्यूज,भिवानी

भले ही धुंध की चादर सिमट गई हो,लेकिन पाले ने रबी की फसलों की कमर तोड़नी शुरू कर दी। पाले का सबसे ज्यादा असर सरसों पर होने वाला है। हालांकि पाले का नुकसान पीला सोना(सरसों) की फलियों व दानों पर पड़ेगा,लेकिन फिलहाल उक्त फसल पर पाले का असर दिख नहीं रहा। सरसों की फसल के पत्तों पर बर्फ के छोटे.छोटे कण दिखे। जो कि सूर्य उगने के करीब आधे घंटे तक पत्तों पर जमे रहे। बाद में ही पिघलकर जमीन पर गिरे। वहीं गेहूं व जौ की फसल में कड़ाके की ठंड का फायदा होगा,वहीं सब्जियों की फसलें पाले से प्रभावित होगी। दूसरी तरफ कड़ाके की ठंड से जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित रहा।

वैसे तो रबी की फसल ठंड के बैगर पनपती नहीं,लेकिन अगर ज्यादा ठंड हो जाए तो नुकसान होना भी लाजिमी है। इस वक्त सरसों की फसल में फलियां बन रही है। फलियों में दाना एक.दो प्रतिशत ही पूरा हुआ है। बाकी दाना अभी अधूरा है। उस दाने में केवल पानी ही है। जो कि दो तीन दिनों के प्रोसेस के बाद ही दाने के पानी की दाना बनेगा। शुक्रवार को गिरे पाले से फलियों में पनप रहे दाने का पानी जम गया। अगर वह पानी दोबारा नहीं पिंघलता तो उस फली में उस दाने का सही स्वरूप नहीं बन पाएगा। दाना पूरा होने की बजाए फली के अंदर ही पिचक जाएगा। बाद में उस दाने में तेल की मात्रा न के बराबर होगी। साथ ही फसल की औसतन पैदावार में भी काफी कमी आएगी। फिलहाल पाले का सबसे ज्यादा नुकसान अगेती सरसों की फसल में बनने की आशंका है। हालांकि एक दिन के पाले से सरसों की फसल में ज्यादा नुकसान नहीं बनेगा,लेकिन अगर अगले एक.दो दिनों तक इसी तरह से पाला गिरा तो सरसों की फसल में मोटा नुकसान होने की आशंका बन जाएगी। फिलहाल चटक धूप से फसलों में फायदा होगा।

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