मंडियों में Mustard की हो रही बंपर आवक, अब तक जिले में खरीदी जा चुकी 18326 मीट्रिक टन

मंडियों में Mustard की हो रही बंपर आवक, अब तक जिले में खरीदी जा चुकी 18326 मीट्रिक टन
X
जिले की मंडियों में इन दिनों सरसों की बंपर आवक हो रही है। हालात ऐसे हैं कि मंडियों में पैर रखने तक को जगह नहीं है। इस बार सरकार ने शेड्यूल सिस्टम भी हटाया हुआ है, जिस कारण कोई भी किसान किसी भी दिन अपनी सरसों लेकर मंडियों में पहुंच जाता है। जिले में करीब 1,83,260 क्विंटल सरसों की खरीद हैफेड द्वारा नैफेड के लिए सरकारी समर्थन मूल्य 5450 रुपए की दर से खरीद हो चुकी है।

Narnaul : जिले की मंडियों में इन दिनों सरसों (Mustard) की बंपर आवक हो रही है। हालात ऐसे हैं कि मंडियों में पैर रखने तक को जगह नहीं है। इस बार सरकार ने शेड्यूल सिस्टम भी हटाया हुआ है, जिस कारण कोई भी किसान किसी भी दिन अपनी सरसों लेकर मंडियों में पहुंच जाता है। हालांकि पिछले साल की भांति एक किसान की एकबार में महज 25 क्विंटल ही सरसों खरीदी जा रही है, लेकिन सरसों की आवक में कोई कमी आने की बजाए यह दिनोंदिन बढ़ती ही जा रही है। अब तक जिलाभर की छह मंडियों में करीब 1,83,260 क्विंटल सरसों की खरीद हैफेड (Hafed) द्वारा नैफेड के लिए सरकारी समर्थन मूल्य 5450 रुपए की दर से खरीद हो चुकी है।

बता दें कि गत 28 मार्च से प्रदेश की मंडियों में सरकारी समर्थन मूल्य पर सरसों खरीद किए जाने की प्रदेश सरकार द्वारा घोषणा की गई थी, लेकिन उन दिनों बार-बार बेमौसमी बरसात एवं ओलावृष्टि (Hailstorm) ने सरसों पर संकट के बादल मंडरा दिए थे और मंडियों में लगभग अगले दस दिनों तक कोई सरसों नहीं पहुंची थी। जब मौसम साफ हुआ तो 7 अप्रैल को नांगल चौधरी रोड स्थित अनाज मंडी में पहले दिन केवल 20 क्विंटल सरसों ही खरीदी गई। बाकी सरसों को नमी एवं साफ सुथरी नहीं होने के चलते खरीद के मानकों के अनुसार नहीं माना गया था। इसके बाद कुछ दिन यह सिलसिला और चला, लेकिन बाद में जब मौसम साफ हुआ तो किसानों ने सरसों को अच्छी तरह सूखाकर एवं साफ-सुथरा करके मंडी लाना शुरू कर दिया गया। आजकल धूप में भी तेजी बनी हुई है और सरसों की नई पैदावार लगभग सूख चुकी है। इस कारण मंडियों में किसान धड़ाधड़ सरसों लेकर पहुंच रहे हैं। अकेले नारनौल मंडी में ही किसानों के करीब 411 टोकन काटे गए, जो लगभग 7651 क्विंटल सरसों लेकर पहुंचे। इस मंडी में अब तक 2646 किसान पहुंच चुके हैं, जो सरसों लेकर मंडी पहुंचने पर गेट पास कटवा चुके हैं। इनकी आवक लगभग 38855 क्विंटल आंकी गई है।

अब दिखाई नहीं दे रहा पाले का असर

गत दिनों जब बेमौसमी बरसात एवं ओलावृष्टि बार-बार हो रही थी, तब किसानों ने सरसों की फसल बर्बाद होने की बड़ी चिंता व्यक्त की। किसानों ने प्रशासन को अनेक ज्ञापन देकर मुआवजा दिलाने की मांग की थी, लेकिन अब मंडियों में जिस ढंग से सरसों की आवक हो रही है, वह ओलावृष्टि के विपरित दिखाई पड़ रही है। एक-एक किसान 25 क्विंटल तय होने के बावजूद अधिकाधिक सरसों लेकर मंडी पहुंच रहे हैं और मंडियों के हालात ऐसे बने हैं कि हर तरफ काला सोना यानि सरसों ही सरसों नजर आती है और मंडियों में पैर रखने तक को जगह नहीं बची है। अधिक आवक होने से बिकी हुई सरसों का उठान भी समय पर नहीं हो पा रहा है। बेशक से तुलाई के लिए कांटों एवं उठान के लिए लेबर की संख्या खरीद एजेंसी हैफेड ने एकाएक बढ़ा दी है।

सरसों की मंडियों में आवक की स्थिति:

अब तक जिला की छह मंडियों में लगभग 18326 मीट्रिक टन सरसों एजेंसी द्वारा खरीदी जा चुकी है। नारनौल मंडी में 3867 मीट्रिक टन, महेंद्रगढ़ में 467 मीट्रिक टन, कनीना में 4447 मीट्रिक टन, अटेली 3519, सतनाली 3568 तथा नांगल चौधरी अनाज मंडी में 2657 मीट्रिक टन सरसों अब तक खरीदी जा चुकी है।

हो रही बंपर आवक

हैफेड के जिला महाप्रबंधक नीरज त्यागी ने बताया कि इन दिनों मौसम एकदम साफ बना हुआ है तथा मंडियों में सरसों की बंपर आवक हो रही है। अबकी बार शेड्यूल लागू नहीं होने से भी किसान मंडी में ज्यादा संख्या में आ रहे हैं, लेकिन अब उन्हें दो दिनों 28 व 29 अप्रैल को मौसम खराब होने की वजह से मंडियों में कम संख्या में आने की आवश्यकता है। जब मौसम साफ हो जाए, तब वह फिर से आवक बढ़ा सकते हैं। उन्होंने बताया कि आवक ज्यादा होने से उठान कार्य प्रभावित है और महज 70 प्रतिशत ही उठान प्रतिदिन हो रहा है।

यह भी पढ़ें : Government स्कूलों के अध्यापक भी होंगे टैबलेट, कंप्यूटर व इंटरनेट प्रयोग में दक्ष

Tags

Next Story