NABARD बाजरे से तैयार होने वाले प्रोडक्ट की ट्रेनिंग देगा, महेंद्रगढ़ जिला में बड़ा ट्रेनिंग प्रोजेक्ट खोलने की तैयारी

NABARD बाजरे से तैयार होने वाले प्रोडक्ट की ट्रेनिंग देगा, महेंद्रगढ़ जिला में बड़ा ट्रेनिंग प्रोजेक्ट खोलने की तैयारी
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साल 2023 को संयुक्त राष्ट्र ने घोषित किया है मोटा अनाज वर्ष।ट्रेनिंग मिलने के बाद बाजरे के बिस्किट, मिठाई व अन्य उत्पाद कर सकता है तैयार, किसानों को मिलेगा फायदा, सेहत भी सुधरेगी।

सतीश सैनी/नारनौल। संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष-2023 को अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष घोषित किया है। इसका नेतृत्व भारत ने किया और 70 से अधिक देशों ने इसका समर्थन किया। इस सिलसिले को आगे बढ़ाने के लिए सरकार नाबार्ड के जरिए बाजरा के उत्पाद बनाने के लिए महिलाओं को ट्रेनिंग देने की शुरूआत की है। प्रदेशभर में सर्वाधिक बाजरा अनाज की पैदावार करने में महेंद्रगढ़ जिला का नाम भी सबसे ऊपर है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए नाबार्ड अगले साल महेंद्रगढ़ जिला में ट्रेनिंग का बड़ा प्रोजेक्ट लगाने की प्लानिंग तैयार करने में जुटा है। ट्रेनिंग में महिलाओं को बाजरे की रेसीपी का प्रशिक्षण दिया जाएगा। ट्रेनिंग लेने के बाद तैयार किए गए उत्पाद को अंतरराष्ट्रीय मार्केट में उतारा जाएगा। फिलहाल किसानों के इस बाजरे की मार्केट थोक कीमत 1950 रुपये प्रति क्विंटल है।

कीमत से कई गुणा मुनाफा दे सकता है बाजरे से बने प्रोडेक्ट

ट्रेनर की माने तो बाजरा से बिस्किट, कुकीज, केक, नमकीन, बर्फी, लड्डू, मठ्ठी, ढोकला आदि तैयार होते है। मार्केट भाव के अनुसार 150 से 200 रुपये तक के फूड प्रोडक्ट एक किलो बाजरे की रेसिपी से तैयार हो सकते है। ऐसे में लागत कम लगने के बाद बचत तीन से चार गुणा हो सकती है।

बच्चों व महिलाओं में आयरन की कमी दूर करता है बाजरा

चिकित्सक विकास निर्मल का कहना है कि बच्चों और महिलाओं में आयरन की कमी दूर होती है। पाचन संबंधी समस्या में भी राहत मिलती है। बाजरा से तैयार रेसिपी का सेवन करने से पेट, लीवर, आदि से संबंधित रोगियों के लिए फायदेमंद साबित होता है।

जिला में इस साल बाजरा

कृषि विभाग के आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो साल 2022 में बाजरा फसल पैदावर के लिए 71 हजार 626 किसानों ने रजिस्टे्रशन करवाया। इन किसानों ने अपनी 292064.772 एकड़ जमीन में बाजरा तैयार किया। कृषि विभाग का मानना है कि एक एकड़ में छह क्विंटल बाजरा तैयार होता है। इस तरह 292064.772 एकड़ जमीन पर 1752388.632 क्विंटल बाजरा का उत्पादक जिला में हुआ।

क्या कहते है नाबार्ड अधिकारी

राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के सहायक महाप्रबंधक विजय राणा से हरिभूमि ने बातचीत की। विजय राणा ने हरिभूमि को बताया कि वैसे तो हम अक्सर ट्रेनिंग करवाते रहते है। अगर महिलाएं ट्रेनिंग के लिए तैयार है तो हम करवा देते है। कनीना व महेंद्रगढ़ में भी ट्रेनिंग करवाई है। अगली जो साल 2023 है, उसे सरकार अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष के रूप में मनाने जा रही है। प्लान तैयार कर रहे है कि बाजरा प्रोडेक्ट को लेकर कोई बेहतर बड़ा प्रोजेक्ट ट्रेनिंग के परपज पर महेंद्रगढ़ जिला में लगाएं ताकि इस जिला में लोग बाजरे के प्रोडेक्ट बनाने पर काम शुरू करें। इस प्रोजेक्ट के लिए कोई अच्छे एनजीओ की सहायता भी ली जाएगी।

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