केंद्रीय कृषि नरेंद्र सिंह तोमर बोले- भारत दुनिया का सर्वाधिक दूध उत्पादन वाला देश

Karnal News : राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान, करनाल के 19वें दीक्षांत समारोह में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने कहा कि आज दीक्षांत समारोह के साथ-साथ संस्थान के 100 वर्ष पूर्ण हो रहे है। एनडीआरआई देश का बहुत ही महत्वपूर्ण संस्थान है। आज पशुपालन व डेयरी के क्षेत्र में जिस मुकाम पर देश खड़ा है, उससे हम दुनिया के सर्वाधिक दूध उत्पादन वाले देश बने हैं।
तोमर ने कहा कि हमारा देश कृषि प्रधान देश है और कृषि की कल्पना के बिना पशुपालन व मत्स्य संभव नहीं है। जब कृषि की बात होती है तो पशुपालन स्वाभाविक रूप से उससे जुड़ा ही रहता है और विशेष रूप से देश के छोटे किसान, भूमिहीन किसान उनकी रोजी-रोटी पशुपालन पर ही निर्भर करती है। उन्होंने कहा कि कृषि की जीडीपी में पशुपालन का उल्लेखनीय योगदान है।
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केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने कहा कि जब देश भर में कृषि के क्षेत्र में काम करने वाले विश्वविद्यालयों और आईसीआर के भी विश्वविद्यालयों इन सब में प्रतिस्पर्धा हुई तो एनडीआरआई ने लगातार 5 वर्षों तक प्रथम स्थान प्राप्त किया है। उन्होंने कहा कि एनडीआरआई के प्रयासों के परिणामस्वरूप 2021 में हमारे देश में प्रति व्यक्ति 444 ग्राम दूध की उपलब्धता है। जबकि दुनिया का औसत 394 ग्राम प्रति व्यक्ति है। वर्ष 2013-14 से लेकर आज तक अधिक वृद्धि को देखते हैं तो यह 44 प्रतिशत की वृद्धि है। तोमर ने दीक्षांत समारोह में डिग्री प्राप्त करने वाले छात्रों को उनके उज्जवल भविष्य और संस्थान की उज्जवल यात्रा के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
100 वर्ष की ऐतिहासिक उपलब्धि : रूपाला
केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने गोल्ड मेडल एवं डिग्रियां प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि यह संस्थान की 100 वर्ष की ऐतिहासिक उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में अर्थतंत्र को मजबूत करने के लिए देश में स्वतन्त्र सहकारिता विभाग का गठन किया जिसके तहत किसानों को ऋण व डेयरी क्षेत्र के किसानों को केसीसी देने का भी कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस ऋण एवं केसीसी में 20 लाख करोड़ तक आवेदन करने घोषणा की गई है। इसे छोटे किसानों को बड़े पैमाने पर उत्पादन करने की बजाय जनता के उपत्पादन से भी जोड़ा गया है जो आज 8 करोड़ से अधिक रोजगार देने का कार्य कर रहा है।उन्होंने कहा कि भारत में डेयरी क्षेत्र के लिए 1974 में पहली बार विश्व डेरी फेडरेशन का आयोजन किया गया। लेकिन भारत ने विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों के सामने सितंबर 2022 में भारत की दिशा के बारे में अच्छी तरह से अवगत करवाया।उन्होंने कहा कि देश में 2 लाख से अधिक 2 करोड़ किसानों की सहकारी समितियां दिन में दो बार दूग्ध एकत्र कर रही है। इस सम्पूर्ण डेयरी क्षेत्र का मातृशाक्ति नेतृत्व कर रही है जिससे यह बढकर 9 लाख करोड़ रुपए से अधिक हो गया है, जो कि गेहूं व चावल उत्पादन के संयुक्त मूल्य से भी अधिक है। उन्होंने कहा कि पूरी दूनियां में यह दो से अढाई प्रतिशत है और भारत में यह 6 प्रतिशत वार्षिक बढ रहा है जो विश्व में सबसे अधिक है और दुग्ध उत्पादन में करने वाले देशों की श्रेणी में सबसे आगे है। उन्होंने कहा कि यह सब हामरी वैज्ञानिक तकनीक में संशोधन से ही सम्भव हो हुआ है। इसके लिए सभी वैज्ञानिक बधाई के पात्र है।
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