Narnaul : अरावली व सेक्शन-4 को छोड़ गणना में सामने आए 30.43 लाख पेड़, अब संरक्षण पर जोर

Narnaul : अरावली व सेक्शन-4 को छोड़ गणना में सामने आए 30.43 लाख पेड़, अब संरक्षण पर जोर
X
  • जिला में अरावली क्षेत्र 11 हजार 616 हेक्टेयर जमीन पर फैला
  • अरावली क्षेत्र की अभी तक नहीं हुई गणना, लाखों पेड़ होंगे शामिल

Narnaul : अरावली व सेक्शन-फॉर एरिया को छोड़कर पहली बार जिला में लगे सभी पेड़ों की गणना हुई है। इस सर्वें में मकान, प्लाट, पंचायत, सरकारी या प्राइवेट संस्थानों में लगे पेड़ों को इस गणना में शामिल किया गया। सर्वे में सामने आए आंकड़ों में 23 लाख 86 हजार 648 पेड़ है। वहीं सड़क किनारे, नहर किनारे, रिजर्व फोरेस्ट एरिया के तहत छह लाख 57 हजार 49 पेड़ है। इस तरह अरावली क्षेत्र व सेक्शन-फॉर को छोड़कर जिला में 30 लाख 43 हजार 697 पेड़ है। अब वन विभाग इनकी सुरक्षा को लेकर प्लानिंग तैयार कर रहा है। दूसरी तरफ, इन आंकड़ों के हिसाब से वन विभाग भविष्य में पौधारोपण अभियान चला कम पेड़ वाली जगह की पूर्ति कर सकेगा।

जानकारी के मुताबिक हरियाणा को हरा-भरा करते हुए सात प्रतिशत वन क्षेत्र को 20 प्रतिशत करने की पहल है। वन क्षेत्र बढ़ाने के लिए तीन योजनाएं भी वन विभाग ने चलाई हुई है। इसमें कृषि वानिकी योजना, ग्राम पंचायत मुक्त पौधा वितरण और स्कूली बच्चों व अन्य आदमी फ्री पौधा वितरण योजना शामिल है। साथ ही प्राणवायु पेंशन योजना भी है। जिसमें 75 साल से ऊपर की उम्र वाले पेड़ों को पेंशन देने की योजना है। इन पेड़ों की देखभाल करने वालों को सालाना 2500 रुपये पेंशन देने का फैसला लिया गया है। आपको बता दें कि वन विभाग की तरफ से हर साल लाखों पेड़ लगाए जाते है। इनमें से हर साल लगभग एक से दो लाख पौधे सरकारी या निजी स्कूलों, निजी व सरकारी संस्थाओं व सामाजिक संस्थानों को भी वितरित किए जाते है। इसके अलावा कुछ लोग अपने घरों में भी पौधे लगाते हैं, जो बाद में बड़े होकर पेड़ बन जाता है।

इस सर्वे में पंचायत भूमि, निजी भूमि, खेत-खलियान, शहर की बस्तियां, सभी सरकारी तथा गैर सरकारी संस्थानों की भूमि पर खड़े हर प्रकार के पेड़ों की गणना की गई है। । यह सारा काम वन विभाग के कर्मचारियों की देखरेख में हुआ। इसके लिए लगाए गए सर्वे टीम कर्मियों को ट्रेनिंग भी दी गई। विभाग की माने तो इस गणना में पेड़ों पर नंबर लगाने के अलावा किस किस्म का पेड़ है, जमीन मालिक का नाम, पेड़ की मोटाई व लंबाई और कितना पुराना पेड़ है, इन सहित पूरी जानकारी ली गई है। सर्वे के दौरान हर पेड़ की फोटो खींचकर ऑनलाइन एप में डाउनलोड भी की गई है।

जिला का क्षेत्रफल व तलरूप

जिला का क्षेत्रफल 1899 वर्ग किलोमीटर है। इसमें नारनौल उपमंडल का कुल क्षेत्रफल 922.34 वर्ग किलोमीटर और महेंद्रगढ़ व कनीना उपमंडल का कुल क्षेत्रफल 976.66 वर्ग किलोमीटर है। जिला में गांवों की संख्या 374 है। वहीं अरावली क्षेत्र जिला में 11 हजार 616 हेक्टेयर एरिया में फैला है। तलरूप की बात करें तो जिला का अधिकांश क्षेत्र रेतीला व पहाड़ी होने की वजह से यहां की जलवायु शुष्क है। ग्रीष्म ऋतु में गर्म और शीत ऋतु में ठंडी होती है। राजस्थान की सीमा से सटे होने के कारण ग्रीष्म ऋतु में जिले में तेज हवाएं व धूलभरी आंधियां आती है। वर्षा ऋतु के अतिरिक्त यहां शरद ऋतु में फरवरी व मार्च माह में भी कुछ वर्षा होती है।

क्या कहते है अधिकारी

वन विभाग में नारनौल वन रेंजर अधिकारी रजनीश कुमार ने बताया कि जिला में हर कोने से पेड़ों की गिनती का सर्वे करवाया गया है। इस सर्वें में 23 लाख 86 हजार 648 पेड़ सामने आए है। इस तरह अरावली व सेक्शन-फॉर एरिया को छोड़कर जिलाभर में 30 लाख 43 हजार के करीब पेड़ है।

यह भी पढ़ें - Hansi : 3 दिन से लापता थुराना सरपंच के बेटे का खेतों में मिला शव

Tags

Next Story