नारनौल : नहरों में पानी आने में देरी होने से उभर रहा पेयजल संकट, की जा रही राशनिंग, लोग परेशान

नारनौल। जिले की नहरों में पानी नहीं आने से फसलों की सिंचाई तो दूर पीने के पानी तक के टोटे पड़े हुए हैं। जनस्वास्थ्य विभाग राशनिंग करके पानी की आपूर्ति कर रहा है। जिला मुख्यालय के कई मोहल्ले तो ऐसे हैं, जहां तीसरे दिन की बजाए अब चार-पांच दिन में एकबार पानी की आपूर्ति की जा रही है, जिस कारण लोगों को पर्याप्त मात्रा में पेयजल उपलब्ध नहीं हो पा रहा है तथा स्थिति बेहद खराब बनी हुई है।
गौर हो कि जिला महेंद्रगढ़ के भूजल स्तर की स्थिति ठीक नहीं है। इसी कारण सरकार द्वारा नारनौल में पेयजलापूर्ति करने के लिए अनेक पेयजल योजनाएं बनाई हुई हैं। गांव पटीकरा से लेकर रेवाड़ी रोड कैलाश नगर तथा गांव नसीबपुर एवं लहरोदा में बनी नहरी पानी आधारित पेयजल योजनाओं से यहां पानी की आपूर्ति की जाती है। मगर इन दिनों नहरी पानी आने में देरी होने से समस्या बनी हुई है। नहरी आधारित पेयजल योजनाओं के मद्देनजर यहां की नहरों में खुबडू हैड से रेवाड़ी जिला होते हुए नारनौल एवं इससे आगे नांगल चौधरी के गांवों तक पानी पहुंचाया जाता है, लेकिन अब नहरों में पानी ही नहीं आ रहा। जिस कारण जनस्वास्थ्य विभाग के जगह-जगह बनाए गए वाटरटैंकों का पानी समाप्ति की ओर है। जो थोड़ा बहुत पानी बचा हुआ है, उससे बूंद-बूंद करके यानि राशनिंग के जरिए जगह-जगह से कटौति करके इसकी आपूर्ति की जा रही है। इस कारण लोगों को पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। पानी नहीं आने से लोगों को नहाने-धौने ही नहीं, अन्य आवश्यक कार्यों में भी परेशानी होने लगी है।
गर्मी की दस्तक से ही बढ़ती परेशानी
नहरों में पानी नहीं आने एवं उपलब्ध पानी की राशनिंग करने से शहर के अनेक गली-मोहल्लों में पेयजल संकट उभरने लगा है। कॉलेज के साथ लगते मोहल्ला आदर्श नगर एवं महाराणा प्रताप नगरवासी रोहतास यादव, विक्की यादव, दीपक सिंघल, हरिमोहन आदि ने बताया कि हमारे मोहल्ले में पहले एक दिन छोड़कर तीसरे दिन पानी की आपूर्ति की जाती थी, लेकिन अब तो चार-पांच दिन में पानी आने लगा है। पहले लगभग डेढ़-दो घंटे पानी आता था, लेकिन अब बमुश्किल आधा घंटा ही पानी की आपूर्ति की जा रही है। ऐसा ही शहर के अन्य कई इलाकों का हाल है। अब तो पॉश कॉलोनी के पानी की आपूर्ति में भी कटौती की जाने लगी है। लोगों का कहना है कि जब गर्मी की शुरुआत में ही यह हाल है तो भीषण गर्मी में उन्हें प्यासा ही मरना पड़ेगा।
किसान भी दे चुके हैं ज्ञापन
अबकी बार मध्य जनवरी में लगातार एक सप्ताह तक पाला पड़ने से जहां सरसों की फसल बर्बाद होने से किसान चिंतित थे, वहीं फरवरी माह में एकदम मौसम के करवट लेने एवं तापमान में भारी वृद्धि होने से गेहूं की फसल भी प्रभावित हो गई। इसके मद्देनजर गत 23 फरवरी को ऑल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन के बैनर तले किसानों ने नहर विभाग के कार्यकारी अभियंता को ज्ञापन देकर उन्हें फसल सिंचाई के लिए नहरों में पानी छोड़ने की अपील की, लेकिन तब उन्हें तीन मार्च तक पानी नहीं आने की बात कही गई। अब तीन मार्च की बजाए 8 मार्च तक पानी आने की बात कही जा रही है। इससे पहले छह फरवरी को जिले में नहरी पानी आया था। इस कारण हालात बेहद खराब बने हुए हैं।
आठ मार्च तक पानी आने की उम्मीद
नहरी पानी आने के निश्चित समय को लेकर नहर विभाग के पास भी संतोषजनक जवाब नहीं है। शेड्यूल के अनुसार पानी तीन मार्च को आना था, लेकिन खुबडू हैड से पानी नहीं छोड़ा गया। अब मध्य रात्रि की बात कही जा रही है। यदि मध्य रात्रि को पानी वहां से चला तो इसे नारनौल पहुंचने में करीब 48 घंटे लग जाएंगे।
दूसरी ओर से विभाग के कार्यकारी अभियंता नितिन भार्गव ने बताया कि खुबडू हैड से छह मार्च को पानी छोड़ने की उम्मीद है। छह की मध्य रात्रि को पानी चलेगा तो आठ मार्च की शाम तक नारनौल पहुंच जाएगा।
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