नारनौल : जमीनी विवाद में बुलडोजर से गिराया दुर्गा मंदिर और प्लाटों की चारदीवारी, लोगाें में रोष

हरिभूमि न्यूज : नारनौल
हरियाणा के नारनौल शहर में निजामपुर रोड पर एमएएसडी स्कूल के गेट के सामने बने नवदुर्गा मंदिर एवं आसपास के प्लाटों की चारदीवारी को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया गया, जिस कारण लोगों में रोष बना हुआ है। मंदिर एवं चारदीवारी तोड़ने पर की गई शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं होने पर आक्रोशित लोग एकजुट होकर पुलिस अधीक्षक से मिले तथा सिटी थाना पहुंचकर कानूनी कार्रवाई की मांग की, जिसके उपरांत पुलिस ने मौका मुआयना किया और आवश्यक कार्रवाई शुरू की।
मंदिर संचालक देशराज ने बताया कि उनके पिता बाबूलाल ने करीब 40 वर्ष पहले खेवट नंबर 973 खतौनी नंबर 1256 खसरा नंबर 3102/3 (0-6) स्थित कस्बा नारनौल अंतर्गत जमाबंदी पर लगभग 150 वर्ग गज भूमि पर नवदुर्गा मंदिर और चारदीवारी का निर्माण करवाया था। यहां की छह बिसवा जमीन में से पांच बिसवा जमीन उन्होंने बेच दी थी और प्लाट काट दिए थे, जिनके खरीददारों ने अपनी-अपनी चारदीवारी कर ली थी। इस मंदिर में वह निरंतर सुबह-शाम पूजा-पाठ करते आ रहे थे, लेकिन तीन अगस्त की शाम को जब वह पूजा करने आए तो मंदिर को ध्वस्त किया हुआ पाया तथा आसपास के प्लाटों की दीवारी भी तोड़ी हुई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सब हरीराम व उनके पुत्रों का किया-कराया हुआ है।
उन्होंने बताया कि मंदिर तोड़ने से करीब दस लाख का नुकसान हो गया है, जबकि वहां से चार छत्र चांदी, 15 कांशी की बड़ी थाली, दुर्गा माता की सोने की नथ व चेन, 15-20 पीतल के गिलास, दो चांदी की पातड़ी, 15-20 साड़ी, चांदी की चार चूडि़यां आदि समेत दुर्गा माता, पाबू जी व रामदेव जी की मूर्तियां मंदिर तोड़ने पर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। मंदिर टूट हुआ देखकर उन्होंने डॉयल 112 पुलिस को फोन किया तथा अपने पड़ोसियों को इक्ट्ठा कर पूछताछ की, तब हरीराम ने उन्हें धमकी दी कि मंदिर व चारदीवारी उन्होंने तोड़ी है। उन्होंने मंदिर का कीमती सामान चोरी करने का भी हरीराम एवं परिवारजनों पर आरोप लगाया। घटनास्थल पर अनेक महिलाएं एवं पुरुष पहुंचे, जिसके कुछ देर बाद सिटी पुलिस की ओर से सब इंस्पेक्टर ब्रह्मदत्त एवं उनके सहयोगी मौके पर पहुंचे तथा आवश्यक कार्रवाई शुरू की। उन्होंने लोगों की मौजूदगी में ही मंदिर की जानकारी ली, जिस पर वहां से क्षतिग्रस्त अवस्था में देवी-देवताओं की मूर्तियां निकली। मंदिर के छत्र समेत पूरा भवन जमींदोज किया हुआ था।
यह है विवाद
देशराज ने बताया कि करीब 1967-68 में निजामपुर रोड निकाला गया था। तब उनकी जमीन इस रोड में आ आई थी और बीच से रोड गुजरने पर वह दो टुकड़ों में बंट गई थी, जिसके एक बिसवा हिस्से में नवदुर्गा मंदिर बनाते हुए शेष पर प्लाटिंग कर दी गई थी। इस मंदिर के पीठ पीछे से 22 फुट का रास्ता लगता है और उसके बाद खेत लगते हैं। आरोप है कि खेत वालों ने रास्ते को अपने खेतों में मिला लिया और अब मंदिर व प्लाटिंग की चारदीवारियों को जमींदोज कर दिया।
पूर्व प्रधान बोले जमीन हमारी
दूसरी ओर प्रधान हरीराम यादव का कहना है कि वह जमीन हमारी है। इन्होंने रास्ते पर दीवार खड़ी करके जबरन कब्जा कर रखा था। वह कब्जा हमने हटाया है। जमीन हमारी है और हम अपनी जमीन नहीं छोड़ेंगे।
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