Narnaul : चाहे आढ़ती पूरे साल खाली रहे, एकमुश्त एडवांस मार्केट फीस करवानी होगी जमा

- फल एवं सब्जी विक्रेता आढ़तियों में इस योजना को लेकर बढ़ता जा रहा रोष
- एक दिसंबर को हरियाणा स्टेट एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड पंचकूला ने अधिसूचना जारी कर लागू किया नया नियम
- पहले एक प्रतिशत मार्केट फीस, एक प्रतिशत एचआरडीएफ शुल्क के रूप में वसूल करती थी मार्केट कमेटी, अब जमा करवाना होगा एडवांस
Narnaul : हरियाणा स्टेट एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड पंचकूला की ओर से जारी की गई अधिसूचना अनुसार अब सब्जी एवं फल विक्रेताओं को सालाना फीस एकमुश्त एडवांस में देनी होगी। मार्केटिंग बोर्ड ने इसके अलग-अलग स्लैब बना दिए हैं तथा फीस का निर्धारण भी कर दिया है। आढ़तियों को इसी स्लैब में से मार्केट फीस चुनकर स्वैच्छिक घोषणा करनी होगी। दूसरी ओर इस नीति के विरोध में सब्जी एवं फल विक्रेता आढ़तियों में रोष पनपा हुआ है तथा वह इसे काला कानून बताते हुए इसका विरोध कर रहे हैं। इस विरोधस्वरूप 20 दिसंबर को अकेले नारनौल नहीं, बल्कि प्रदेशभर की सब्जी एवं फल मंडियां बंद रहेंगी। यदि सरकार ने आढ़तियों की मांगों को नहीं माना तो वह इसे आंदोलन का रूप भी दे सकते हैं।
खास बात यह है कि एकमुश्त फीस जमा कराने की पहले मार्केटिंग बोर्ड ने 15 दिसंबर की तिथि निश्चित की हुई थी, जिसे अब बढ़ाकर 15 जनवरी कर दिया गया है। यानि अब 15 जनवरी तक आढ़तियों को एप्लीकेशन भरकर एकमुश्त मार्केट फीस की स्वैच्छिक घोषणा करने का मौका दिया गया है। यदि वह 15 जनवरी तक ऐसा नहीं करते हैं तो उन्हें अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। फिलहाल प्रदेश सरकार इसे लागू करने का निर्णय ले चुकी है, जबकि आढ़ती विरोध कर रहे हैं और रार उत्पन्न हो गई है।
बता दें कि गत एक दिसंबर 2023 को हरियाणा स्टेट एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड ने निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए पंजीकृत फल एवं सब्जी विक्रेता आढ़तियों पर मार्केट फीस एकमुश्त जमा करवाने का फरमान जारी किया था। इस फरमान के अनुसार सब्जी एवं फल आढ़तियों को स्वैच्छिक मार्केट फीस की घोषणा करनी होगी। इसके लिए आढ़तियों को बाकायदा स्लैब बनाकर दिया गया है। जो आढ़ती स्लैब की जिस कैटेगरी में खुद को सक्षम मानते हैं, वह उसी कैटेगरी को चुन सकते हैं। यह चयन करने उपरांत आढ़ती को एप्लीकेशन फार्म भरकर मार्केट कमेटी कार्यालय में जमा करवाना होगा और स्वैच्छिक घोषणा के अनुसार पूरे एक साल की लम-सम मार्केट फीस एकमुश्त जमा करवानी होगी। इसी को लेकर आढ़तियों खासकर फल एवं सब्जी विक्रेताओं में रोष उत्पन्न हो गया है।
दो प्रकार के बनाए गए हैं लाइसेंस
लाइसेंस के लिए के लिए आढ़तियों की दो कैटेगरी बनाई गई हैं। पहली कैटेगरी में ए व बी वर्ग रखा गया है तथा इनकी सालाना लाइसेंस फीस 70 हजार रुपये रखी गई है। यह वह आढ़ती होंगे, जो मार्केट कमेटी द्वारा बनाई गई फल एवं सब्जी मंडी के अंदर रहकर अपने माल की बिक्री करेंगे। यानि वह डीलर होंगे। दूसरी कैटेगरी में वह आढ़ती शामिल किए गए हैं, जो मंडी (क्षेत्रफल) सीमा से बाहर रहकर काम-धंधा करेंगे यानि रिटेलर के रूप में फल एवं सब्जी बेचते हैं। जैसे रेहड़ी-खोमचा वाले एवं मंडी के बाहर के अन्य फल एवं सब्जी दुकानदार। इन बाहरी आढ़तियों की सालाना लाइसेंस फीस 7300 रुपये रखी गई है। यह राशि जमा करवाकर नियमानुसार फल एवं सब्जी बिक्री का लाइसेंस प्राप्त किया जा सकता है।
बनाया गया है मार्केट फीस का नया स्लैब
लाइसेंसी आढ़तियों के लिए मार्केटिंग बोर्ड ने फीस एकत्रित करने के लिए वित्त वर्ष 2022-23 के लिए नया स्लैब बनाया है। इस स्लैब के अनुसार मान लिया जाए कि किसी फल एवं सब्जी विक्रेता आढ़ती सालाना 0 से 20 हजार रुपये मार्केट फीस जमा करवाता है, उस आढ़ती को इस नियम के अनुसार अब सालाना 12,500 रुपये एकमुश्त एडवांस जमा करवाना होगा। नारनौल की फल एवं सब्जी मंडी में कुल 88 लाइसेंसी आढ़ती हैं, जिनमें से पहली कैटेगरी के 16, दूसरी कैटेगरी के 46 तथा तीसरी कैटेगरी के 26 लाइसेंसी हैं।
यह कहना है यूनियन प्रधान का
फल एवं सब्जी यूनियन के प्रधान अजीत सैनी ने बताया कि सरकार/मार्केट कमेटी ने फल एवं सब्जी विक्रेताओं पर मनमाना बौझ डाल दिया है और हम सभी आढ़ती इस काले कानून का विरोध करते हैं और इस कारण 20 दिसंबर को नारनौल की फल एवं सब्जी मंडी बंद रखेंगे। उन्होंने बताया कि अब तक मार्केट कमेटी फल एवं सब्जी पर एक प्रतिशत मार्केट फीस लेती रही है, जबकि एक प्रतिशत राशि एचआरडीएफ के नाम से ली जाती है। सीएम ने दोनों फीस खत्म करने की घोषणा की थी, लेकिन अब तक ऐसा नहीं हुआ। उल्टा नए नियम थौप दिए गए हैं। नए नियमों के अनुसार लाइसेंसी आढ़तियों को अब एकमुश्त फीस जमा करवानी होगी। यह राशि एडवांस जमा की जाएगी, चाहे आढ़ती पूरे साल खाली रहे और कोई कमाई न हो। उन्होंने बताया कि इस नियम के अनुसार अब जो मार्केट फीस एकमुश्त सालाना ली जाएगी, वर्ष 2025 के बाद उसमें हर साल 10 प्रतिशत की बढ़ौतरी कर दी जाएगी। इतना ही नहीं, इस नियम के लागू होने से अफसरशाही चालू हो जाएगी। रोजाना की रिटर्न एवं स्टॉक तैयार करना पड़ेगा तथा उसकी फीस जमा कराना बड़े भारी खर्च वाला काम हो जाएगा। जबकि फल एवं सब्जी आलू-प्याज की तरह पुराने ही होंगे। नए नियमों में मंडी के अंदर के आढ़ती एवं बाहर के आढ़ती का प्रावधान किया गया है।
यह कहते हैं अधिकारी
मार्केट कमेटी के सचिव विजय सिंह ने बताया कि हरियाणा स्टेट एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड ने नया सरकुलर जारी कर दिया है और यह एक दिसंबर से लागू हो चुका है। आढ़तियों को एप्लीकेशन फार्म भरकर देना होगा और उस एप्लीकेशन को सेल्फ सर्टिफाइड करके देना होगा। पहले एप्लीकेशन फार्म जमा करवाने की तिथि 15 दिसंबर थी, जिसे बढ़ाकर अब 15 जनवरी कर दिया गया है।
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